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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स:10 Nov, 2017

  • 10 Nov 2017
  • 5 min read

भारत का पहला हथियार संग्रहालय

  • हाल ही में चांदीपुर (ओड़िशा) स्थित ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ के ‘प्रूफ और एक्सपेरिमेंटल’ प्रतिष्ठान’ में बनाए गए देश के पहले ‘हथियार संग्रहालय’ (weapon museaum) का उद्घाटन किया गया है।
  • शुरुआत में भारतीय वायु सेना और नौसेना द्वारा उपयोग किये गए 14 प्रकार के हथियारों को इस संग्रहालय में रखा गया है। संग्रहालय में विजयंता टैंक आकर्षण का विषय बना हुआ है।  इस टैंक ने वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अग्रणी भूमिका निभाई थी।  
  • इसके अतिरिक्त इसमें WM-18 राकेट लॉन्चर, 105 mm इंडियन फील्ड गन, 122 mm BM-21 राकेट लॉन्चर , 57 mm एंटी-टैंक गन और 40 mm लाइट गन (light gun) रखी गई हैं।    
  • संग्रहालय के निर्माण के पीछे उद्देश्य यह है कि देश की युवा पीढ़ी और आम जनता को सशस्त्र बलों द्वारा देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का संरक्षण हेतु प्रयोग किये गए हथियारों के विषय में जागरूक किय जा सके।   


जल में सौर ऊर्जा उत्पादन

  • जापान में पर्याप्त संख्या में बांध और जलाशय हैं।   अतः यहाँ जल की सतह पर सौर ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिये कंपनियों द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं।  हाल ही में जापान के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र ने कार्य करना शुरू कर दिया है।
  • जापान के ‘यामाकुरा बांध’ (Yamakura Dam -जो चिबा प्रांत में औद्योगिक जल आपूर्ति का उपयोग कर रहा है) के जलाशय की सतह पर क्योसेरा (Kyocera's) के सोलर पैनलों का उपयोग करके एक सौर ऊर्जा संयंत्र बनाया गया है। 
  • इस बांध के जलाशय का सतही क्षेत्रफल लगभग 60 हेक्टेयर है। इसके 30% क्षेत्रफल में सौर पैनलों का उपयोग करके एक सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया गया है।  इस ऊर्जा संयंत्र से 13.7 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जाएगी। यह जल की सतह पर बनाया गया जापान का सबसे बड़ा सौर पैनल ऊर्जा संयंत्र है।
  • इस ऊर्जा संयंत्र के निर्माण और संचालन के लिये क्योसेरा (Kyocera) को चुना गया था क्योंकि यह इससे पहले भी जल की सतह पर विश्व के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र का निर्माण कर चुका है।
  • बांध के जलाशय के जल का उपयोग करके यह सौर द्वीप (solar island) सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने के साथ ही जल की गुणवत्ता में सुधार करने का भी कार्य करेगा।  


भारत में ‘डिजास्टर मैप्स’ की शुरुआत

  • हाल ही में सोशल मीडिया फर्म फेसबुक ने किसी भी प्राकृतिक आपदा के घटित होने पर महत्त्वपूर्ण आँकड़ों को साझा करने के उद्देश्य से भारत के ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण’ (NDMA)  और एक गैर-लाभकारी निकाय ‘सीड्स’ (SEEDS) के साथ सहयोग कर लिया है।  
  • यह किसी आपदा के घटित होने से पूर्व अथवा उसके बाद आपदा प्रभावित क्षेत्र में मौजूद फेसबुक उपयोगकर्त्ताओं की स्थिति जैसे पहलुओं का वर्णन करने के लिये आपदा के आँकड़ों से संबंधित मानचित्र  (disaster maps data) उपलब्ध कराएगा।  
  • फेसबुक से एकत्रित किये गए आँकड़ों को संगठन की मदद के लिये साझा किया जाएगा तथा इससे संगठन को प्राकृतिक आपदाओं के घटित होने तथा सूचनाओं के मिलने के बीच के समयांतराल को कम करने में सहायता मिलेगी।  
  • वर्तमान में आपदा उपरान्त राहत प्रयासों के तहत फेसबुक अनेक प्रकार के मानचित्र उपलब्ध करा रहा है।  इससे भारत में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के उपरान्त राहत प्रयासों में सुधार करने में सहायता मिलेगी।
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