प्रीलिम्स फैक्ट्स : 10 फरवरी, 2018 | 10 Feb 2018
अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक
प्रमुख बिंदु
- यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स की बौद्धिक संपदा अधिकारों की वकालत करने वाले ग्लोबल इनोवेशन पॉलिसी सेंटर (Global Innovation Policy Centre) ने अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक में भारत को 50 देशों की सूची में 44वाँ स्थान दिया है।
- इस सूची में अमेरिका पहले स्थान पर है। ब्रिटेन और स्वीडन क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। पिछले वर्ष भारत 45 देशों की सूची में 43वें स्थान पर था।
- रिपोर्ट के मुताबिक तकनीकी नवाचारों की पेटेंट और पंजीयन प्रक्रिया में सुधार करने, राष्ट्रीय IPR नीति 2016 के प्रावधानों को लागू करते हुए IP (बौद्धिक संपदा) जागरूकता और समन्वयन कार्यक्रमों को शुरू करने से भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है।
- हालाँकि भारत सरकार इस तरह की रैंकिंग को कोई औपचारिक मान्यता नहीं देती है और भारत ने पहले भी वार्षिक रूप से जारी की जाने वाली US 301 रिपोर्ट में भारतीय IPR व्यवस्था की आलोचना को खारिज़ किया है।
- यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव द्वारा जारी की जाने वाली स्पेशल 301 रिपोर्ट में अन्य देशों में बौद्धिक संपदा कानूनों के कारण अमेरिकी कंपनियों और उत्पादों के व्यापार में आने वाली बाधाओं का उल्लेख किया जाता है।
- कई दशकों से इस रिपोर्ट में भारत को प्रायोरिटी वॉच लिस्ट के अंतर्गत रखा गया।
प्रमुख बिंदु
- मलय भाषा में ओरेंगुटान का अर्थ होता है- मैन ऑफ द फॉरेस्ट।
- ओरेंगुटान केवल दक्षिण पूर्व एशियाई द्वीपों बोर्नियो और सुमात्रा के वर्षा वनों में पाए जाते हैं।
- एशिया के इस एकमात्र विशालकाय एप (Ape) के अस्तित्व पर पाम (Palm) और अन्य कृषि बागानों के कारण तीव्र वनोन्मूलन और पर्यावास विनाश की वजह से संकट बना हुआ है।
- विशेषतया युवा ओरेंगुटान वन्य जीवों के अवैध व्यापार से भी प्रभावित होते हैं और युवा ओरेंगुटान को छीनने के लिये मादाओं को प्राय: मार दिया जाता है।
- वर्ल्ड वाइड फण्ड फॉर नेचर (WWF) के अनुसार, अपने चौड़े चेहरे और गहरे भूरे रंग के बालों से पहचाने जाने वाले बोर्नियन ओरेंगुटान की संख्या पूरे विश्व में मात्र 1,04,700 ही है।
- इसलिये इन्हें क्रिटिकली इंडेंजर्ड (Critically Endangered) के तहत वर्गीकृत किया गया है।
यूनानी चिकित्सा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
आयुष मंत्रालय के तहत सेंट्रल कौंसिल फॉर यूनानी मेडिसिन चिकित्सा (CCRUM) द्वारा यूनानी दिवस के मौके पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
- 11 फरवरी को हकीम अजमल खान की 150वीं जयंती के कारण यह वर्ष यूनानी चिकित्सा प्रणाली से जुड़े लोगों के लिये बहुत विशेष है।
थीम
- इस सम्मेलन की थीम ‘मुख्यधारा की स्वास्थ्य देखभाल में चिकित्सा की यूनानी प्रणाली का एकीकरण’ पर आधारित है।
प्रमुख बिंदु
- महान यूनानी शोधकर्त्ता हकीम अजमल खान का जन्मदिन 11 फरवरी को यूनानी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- हकीम अजमल खान एक प्रतिष्ठित भारतीय यूनानी चिकित्सक थे जो एक स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और यूनानी चिकित्सा में वैज्ञानिक अनुसंधान के संस्थापक थे।
- हकीम अजमल खान ने 1921 में कॉन्ग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन और खिलाफत कॉन्ग्रेस की अध्यक्षता भी की थी।
- यूनानी चिकित्सा के शिक्षण से संबद्ध लोगों, उद्योगपतिओं, नियामकों तथा शोधकर्त्ताओं सहित राष्ट्रीय स्तर के कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व और हितधारकों द्वारा इसमें भाग लिया जाएंगा।
- इसके अतिरिक्त दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, श्रीलंका, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, पुर्तगाल, संयुक्त अरब अमीरात, स्लोवेनिया, इज़राइल, हंगरी, बहरीन, ताज़िकिस्तान जैसे देश भी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
- सम्मेलन में भूमंडलीकरण, शोध, मानकीकरण, गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा मूल्यांकन और उद्योग के परिप्रेक्ष्य में संबंधित मुद्दों को शामिल किया जाएगा।
11 फरवरी, 2018 से नई दिल्ली में ‘हुनर हाट’ के छठे संस्करण की औपचारिक रूप से शुरुआत की जाएगी। इसे अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है। थीम
उद्देश्य
प्रमुख बिंदु
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