प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्टस : 09 जुलाई, 2018
- 09 Jul 2018
- 6 min read
थम लुआंग नांग नो (Tham Luang Nang No)गुफा
- हाल ही में ‘थम लुआंग नांग नो गुफा’(Tham Luang Nang No)में फँसे स्थानीय जूनियर फुटबॉल टीम की खोज और बचाव के हेतु एक अभियान काफी चर्चा में रहा।
- दोई नांग नॉन (Doi Nang Non) थाईलैंड के चियांग राय प्रांत में स्थित उच्चभूमि की एक पर्वत श्रृंखला है।
- यह पर्वत श्रृंखला चियांग राय और माई साई के बीच राजमार्ग के पश्चिमी तरफ स्थित है साथ ही म्याँमार सीमा के साथ ही पोंग फा के पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम में फैला हुआ है।
- यह पर्वत श्रृंखला डेन लाओ रेंज के दक्षिणी छोर पर कई झरने और गुफाओं से संलग्न एक कास्टिक संरचना है
- इसी पर्वत श्रृंखला में थम लुआंग नांग नो नामक अर्द्ध-शुष्क चूना पत्थर वाली एक गुफा स्थित है।
- थम लुआंग गुफा की संरचना एक आराम करने वाली महिला सदृश्य होने के कारण इसे "स्लीपिंग लेडी का माउंटेन" के नाम से भी जाना जाता है।
अंतरिक्ष यात्री बचाव प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण
- इसरो ने श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 12.6 टन की क्षमता वाले अंतरिक्ष यात्री बचाव प्रणाली(Crew Escape System)का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
- यह परीक्षण 259 सेकंड में पूरा हुआ।
- परीक्षण के निष्फल होने की स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को तीव्रता से परीक्षण यान से सुरक्षित दूरी पर ले जाने की एक प्रणाली है।
- प्रथम परीक्षण (पैड अपोर्ट टेस्ट) में लॉन्च पैड पर किसी भी आवश्यकता के अनुसार क्रू सदस्यों को सुरक्षित बचाने का प्रदर्शन किया गया।
- इस दौरान यात्री बचाव प्रणाली ने अंतरिक्ष में ऊँची उड़ान भरी और बाद में बंगाल की खाड़ी में वृत्ताकार में घूमते हुए अपने पैराशूट्स से पृथ्वी में प्रवेश किया।
- इस यान परीक्षण के दौरान लगभग विभिन्न लक्ष्यों वाले 300 संवेदकों को रिकॉर्ड किया गया।
केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा उत्तर पूर्वी परिषद की दो दिवसीय बैठक की अध्यक्षता
- केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह शिलांग ने में उत्तर-पूर्वी परिषद(एनईसी)की दो दिवसीय बैठक की अध्यक्षता की।
- इस बैठक में उत्तर-पूर्वी राज्यों के गवर्नर और मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।
उत्तर-पूर्वी परिषद (एनईसी)
- एनईसी की स्थापना वर्ष 1971 में हुई थी।
- उल्लेखनीय है कि अपनी स्थापना के बाद पहली बार एनईसी ने इस क्षेत्र में सुरक्षा से संबंधित विषयों पर चर्चा की।
- एनईसी अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के विकास के लिये एक नोडल एजेंसी है।
- हाल ही में इसकी अध्यक्षता गृह मंत्री को सौंपी गई थी।
- इससे पूर्व इसकी अध्यक्षता पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय द्वारा की जाती थी।
- 17वें विश्व संस्कृत सम्मलेन का आयोजन कनाडा के वैंकूवर में किया जा रहा है।
- इसका आयोजन 9 जुलाई से 13 जुलाई 2018 तक किया जाएगा।
उद्देश्य
इस सम्मेलन का उद्देश्य विश्व भर में लोगों द्वारा संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना, संरक्षित करना एवं व्यवहार में लाना है।
प्रमुख बिंदु
- इस सम्मलेन का उद्घाटन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया।
- इससे पूर्व ‘16वें विश्व संस्कृत सम्मेलन का आयोजन बैंकाक, थाईलैंड में किया गया था।
- विश्व संस्कृत सम्मेलन का आयोजन दुनिया भर के विभिन्न देशों में प्रत्येक तीन वर्षों में एक बार किया जाता है और भारत में इसका आयोजन तीन बार किया जा चुका है।
- दिल्ली में संपन्न हुए वर्ष 1972 के सम्मेलन को पहला विश्व संस्कृत सम्मेलन माना जाता है।
- इस वर्ष सम्मेलन में 500 से अधिक विद्वान एवं 40 से अधिक देशों के शिष्टमंडल भाग लेंगे तथा विभिन्न विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत कर अपने ज्ञान का आदान-प्रदान करेंगे।
- इतिहास एवं वैदिक साहित्य में महिलाओं की शिक्षा, संस्कृत बौद्ध धर्म, मनुस्मृति, योगशाला से आगे मीमांशा, युक्तिदीपिका का सांख्य के लिये स्थान गढ़ना, भागवत पुराण टिप्पणीकारों को प्रस्तुत करना, गार्गी या ज्योतिष पर अनुसंधान जैसे एक दर्जन से अधिक विषयों पर एक विशेष पैनल चर्चा की जाएगी।
- पाँच दिवसीय सम्मेलन के दौरान विभिन्न विषयों पर 500 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किये जाने की उम्मीद है।