प्रीलिम्स फैक्ट्स : 8 फरवरी, 2018 | 08 Feb 2018
उदयगिरि पहाड़ी
उदयगिरि पहाड़ी बहुत सी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिये प्रसिद्ध है। इस पहाड़ी को मुख्य रूप से इसकी गुफाओं के लिये जाना जाता है। उदयगिरि की 20 गुफाओं में से सबसे दर्शनीय है गुफा नंबर 5 है।
- इस गुफा में भगवान विष्णु के वराह अवतार की तकरीबन 12 फीट ऊँची एक बहुत भव्य और अनूठी प्रतिमा अवस्थित है। नरवराह की यह प्रतिमा शिल्प, स्थापत्य, धर्म-संस्कृति एवं रचनात्मकता का प्रमाण है।
विशेषताएँ
- प्रतिमा का सिर वराह (सुअर) के आकार का है, जबकि शरीर मनुष्य की तरह बनाया गया है। यही कारण है कि विष्णु के इस रूप को नरवराह कहा जाता है।
- यहाँ पहाड़ी की विशाल शिला को बहुत खूबसूरती से तराशा गया है।
- इसमें न सिर्फ भगवान विष्णु के शारीरिक सौष्ठव को उत्कीर्ण किया गया है, बल्कि उनकी स्तुति करते हुए उसी शिला पर बहुत से देव, गंधर्व एवं साधुओं सहित समुद्र की लहरों को भी उकेरने का काम किया गया है।
- तकरीबन 1600 वर्ष पुरानी इस प्रतिमा वाली गुफा उदयगिरि की सबसे दर्शनीय गुफा माना जाता है।
पृष्ठभूमि
- चंद्रगुप्त द्वारा पाँचवीं शताब्दी में इस प्रतिमा का निर्माण कराया गया था।
- वराह अवतार, भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक अवतार है।
- ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी को राक्षसों के आतंक से मुक्त कराने के लिये भगवान विष्णु ने वराह (सुअर) के मुँह वाले अवतार को धारण कर राक्षसों द्वारा फैलाई गई गंदगी में से पृथ्वी को अपने मुँह से खींचकर उसका उद्धार किया था।
पिछले कुछ समय से वैज्ञानिकों द्वारा एक ऐसे जीव के विषय में शोध किया जा रहा है जिसके बारे में ऐसा कहा जाता है कि वह मर कर फिर पैदा हो सकता है। मैक्सिकन एक्सोलॉटल नामक यह जीव मेक्सिको की झीलों में पाया जाता है। यह पानी के अलावा ज़मीन पर भी रह सकता है। प्रमुख बिंदु
विशेष बिंदु
|
भारत ने 7 फरवरी को सतह-से-सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण किया। स्वदेशी तकनीक से निर्मित पृथ्वी-2 मिसाइल की मारक क्षमता 350 किमी. है। प्रमुख बिंदु
|