प्रीलिम्स फैक्ट्स : 8 जनवरी, 2018
सबसे छोटा स्तनपायी जीव
भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा पहली बार उत्तराखंड के कुमाऊँ में अस्कोट वाइल्ड लाइफ सेंचुरी (askot wildlife sanctuary) और गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी क्षेत्र में सबसे छोटे स्तनपायी जीव वाटर श्रु यानि जल कर्कशा (water shrew) की उपस्थिति दर्ज की गई।
जल कर्कशा की विशेषताएँ
- सबसे छोटे स्तनपायी जीवों में शुमार जल कर्कशा दिखने में एकदम चूहे के जैसा है।
- यह जीव जल-थल दोनों में पाया जाता है।
- इस जीव को आई.यू.सी.एन. द्वारा संकटग्रस्त जीवों की श्रेणी में रखा गया है।
- यह नदी की धारा के विपरीत तैरने में सक्षम होता है।
- यह भोजन के रूप में छोटी मछलियों का शिकार करता है।
- इसका प्राकृतिक वासस्थल 1500 से 4000 मीटर की ऊँचाई तक होता है।
प्रमुख बिंदु
- विश्व भर में अभी तक इस जीव की केवल 13 प्रजातियाँ ही पाई गई हैं, ये प्रजातियाँ उत्तरी-दक्षिणी एशिया, दक्षिणी चीन एवं पूर्वी नेपाल में पाई जाती हैं।
- भारत में यह प्रजाति अभी तक केवल सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में ही पाई जाती थी।
“खेलो इण्डिया लोगो” का शुभारंभ
केन्द्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में भारत की ताज़गी, चपलता और जीवन शक्ति को दर्शाते आकर्षक “खेलो इण्डिया लोगो” का शुभारंभ किया गया। यह लोगो अनुरूपता और प्रतियोगितात्मकता के प्रभाव को दर्शाता है।
प्रमुख बिंदु
- यह खेलों के विकास के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम, खेलो इंडिया सामूहिक सहभागिता और खेलों में प्रगति की उत्कृष्टता के दोनों उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होगा।
- ओगिलवी इंडिया )Ogilvy India) द्वारा तैयार किये गए तीन-स्ट्रोक “खेलो इंडिया लोगो” (three-stroke Khelo India logo) में प्रतिरूपकता है, जिसमें अनगिनत सचित्र रूपों में अनुकूलनशीलता और लचीलापन शामिल है।
- यह भारतीय ध्वज का रंग, राष्ट्रीय गौरव और दल-भावना का संचार करता है।
खेलो इंडिया कार्यक्रम
- केंद्र सरकार ने देश में खेलों को बढ़ावा देने और नई प्रतिभाओं को तलाशने के उद्देश्य से पिछले वर्ष राजीव गांधी खेल योजना, शहरी खेल संरचना योजना और प्रतिभा खोज योजना का विलय कर इनके स्थान पर ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम शुरू किया था।
- उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी खेल योजना यूपीए सरकार ने 2014 में शुरू की थी, जिसे पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान के स्थान पर शुरू किया गया था।
- इस कार्यक्रम को व्यक्तिगत विकास, सामुदायिक विकास, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय विकास के रूप में खेलों की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।
- इस कार्यक्रम का प्रभाव संरचना, सामुदायिक खेल, प्रतिभा की खोज, उत्कृष्टता के लिये प्रशिक्षण, प्रतिस्पर्द्धागत ढाँचा तथा खेल की अर्थव्यवस्था सहित सम्पूर्ण खेल प्रणाली पर पड़ेगा।
- इसके अलावा सरकार ओलंपिक की तैयारियों के लिये पहले ही से ‘ओलंपिक पोडियम’ कार्यक्रम चला रही है।
- साथ ही सरकार द्वारा मेडल जीतने की संभावना वाले खिलाड़ियों को विदेशों में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी की गई है।
उद्देश्य
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य अशांत एवं सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में रह रहे युवा वर्ग को अनुत्पादक एवं विध्वंसकारी गतिविधियों से हटाकर खेलकूद के क्रियाकलापों से जोड़कर राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया में मुख्यधारा से जोड़ना है।
- इस कार्यक्रम में स्कूल और कॉलेज दोनों ही स्तरों पर प्रतिस्पर्द्धा के मानकों का स्तर बढ़ाना और खेलकूद प्रतियोगिताओं तक बच्चों की अधिकतम पहुँच कायम करना है।
- इसमें खेल संवर्धन के सभी पहलुओं, जैसे-खेल प्रशिक्षण के ज्ञान के विस्तार के लिये मोबाइल एप के इस्तेमाल, प्रतिभा की खोज के लिये राष्ट्रीय प्रतिभा खोज पोर्टल, स्वदेशी खेलों के लिये इंटरेक्टिव वेबसाइट, खेल संरचना की तलाश एवं इस्तेमाल के लिये जी.आई.एस. सूचना प्रणाली के नवीनतम उपभोक्ता अनुकूल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल शामिल है।
- इस कार्यक्रम में ‘सभी के लिये खेल’ के साथ-साथ ‘उत्कृष्टता के लिये खेल’ की भावना पर ज़ोर दिया गया है।
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राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण नीति
सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (पैकेजिंग और लेबलिंग) संशोधन नियम, 2014 पर अधीनस्थ विधान समिति (Committee on Subordinate Legislation - COSL) द्वारा अपनी 11वीं रिपोर्ट में एक “राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण नीति” (National Tobacco Control Policy) का निर्माण करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही राष्ट्रीय स्तर पर सचिवों की एक अंतर्मंत्रालयी समिति (Inter-Ministerial Committee) का गठन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- सिगरेट तथा अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन पर निषेध तथा व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 [Cigarettes and Other Tobacco Products (Prohibition of Advertisement and Regulation of Trade and Commerce, Production, Supply and Distribution) Act, 2003] के विभिन्न प्रावधानों के प्रवर्तन का उत्तरदायित्व राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों पर हैं।
- वर्ष 2007-08 में परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (National Tobacco Control Programme - NTCP) को शुरू किया गया, जिसका एक उद्देश्य सिगरेट तथा अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 के तहत प्रावधानों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना भी था।
- एन.टी.सी.पी. के तहत राज्य और ज़िला स्तरीय समन्वय समितियाँ इसके कार्यान्वयन का पर्यवेक्षण करने के लिये हैं।
- प्रत्येक वित्तीय वर्ष के दौरान राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा प्रस्तुत तिमाही रिपोर्टें और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ समीक्षा बैठकें कार्यक्रम के कार्यान्वयन के निगरानी तंत्र का गठन करती हैं।
- इसके अतिरिक्त राज्य कार्यक्रम कार्यान्वयन योजना (Programme Implementation Plan - PIP) प्रक्रिया के माध्यम से अपने राज्य में आयोजित वार्षिक गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत करते हैं और राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ (National Tobacco Control Cell) द्वारा इसकी जाँच की जाती है।
- इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम के कार्यान्वयन पर राष्ट्रीय कार्यक्रम समन्वय समिति (National Programme Coordination Committee - NPCC) की बैठकों के दौरान विचार-विमर्श किया जाता है।
- सिगरेट तथा अन्य तंबाकू उत्पाद (संशोधन) नियमावली, 2011 के साथ पठित सीओटीपीए, 2003 की धारा 6 (क) के अनुसार, 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक है
- धारा 6 (ख) के अनुसार, किसी शैक्षिक संस्थान के 100 गज की परिधि के भीतर तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर भी निषेध है।
- यदि इन धाराओं का उल्लंघन किया जाता है तो इसी के अनुसार उल्लंघनकर्त्ताओं पर जु़र्माना लगाकर कार्यवाई की भी व्यवस्था की गई है।
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शनि के टाइटन पर पृथ्वी के जैसी समानताएँ
खगोलविदों द्वारा नासा के कैसिनी अंतरिक्ष यान की सहायता से शनि ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन का मानचित्रण तैयार किया गया है। इस प्रक्रिया में खगोलविदों द्वारा यह पाया गया कि टाइटन की भोगोलिक विशेषताएँ बहुत हद तक पृथ्वी के समान ही हैं।
प्रमुख बिंदु
- विभिन्न स्रोतों से तैयार किये गए इस मानचित्र में टाइटन के सभी भौगोलिक स्थलों से प्राप्त डेटा को शामिल किया गया है।
- इसके अंतर्गत टाइटन के 700 मीटर से अधिक ऊँचाई वाले स्थानों के साथ-साथ गहराई वाले स्थानों को भी इंगित किया गया है।
- टाइटन की भौगोलिक स्थिति के संबंध में प्राप्त इस डेता से यह जानकारी मिलती है कि इसके भूमध्य रेखिय क्षेत्र पर दो स्थानों पर गड्ढे हैं, जिनके काफी प्राचीन होने की संभावना है।
- इतना ही नहीं इन गड्ढों के संबंध में खगोलविदों का अनुमान यह है कि इन गड्ढों में समुद्र अथवा ज्वालामुखी के लावा का बहाव भी हो सकता है।
- यह मानचित्र टाइटन की जलवायु का मॉडल बनाने के साथ-साथ इसके आकार, संरचना और गुरुत्वाकर्षण को समझने में भी बेहद लाभकारी साबित होगा।
- इस संबंध में खगोलविदों का अनुमान है कि टाइटन के विषय में यह भी संभव है कि इसकी ऊपरी सतह पूर्व के अनुमान से कहीं ज़्यादा परिवर्तनशील हो सकती है।
कैसिनी मिशन क्या है?
- कैसिनी-ह्यूजेन्स (Cassini–Huygens) एक मानव रहित अंतरिक्ष यान है जिसे शनि ग्रह पर भेजा गया था।
- शनि ग्रह पर भेजा गया यह चौथा, जबकि इसकी कक्षा में प्रवेश करने वाला पहला अंतरिक्ष यान है।
- इसके डिज़ाइन में एक शनि ऑर्बिटर (Saturn orbiter) और इसके चन्द्रमा टाइटन के लिये एक लैंडर (lander) शामिल हैं। लैंडर (जिसे ह्यूजेन्स कहा गया है) को वर्ष 2005 में टाइटन पर उतारा गया था।
- इस अंतरिक्ष यान को 15 अक्तूबर, 1997 को लॉन्च किया गया था।
- बाह्य सौरमंडल में उतारा गया यह पहला अंतरिक्ष यान था।
मिशन के उद्देश्य
- शनि ग्रह के छल्लों की त्रिविमीय आकृति और उनके गतिशील व्यवहार का निर्धारण करना।
- उपग्रह की सतहों और पृथ्वी की प्रत्येक वस्तु के भू-वैज्ञानिक इतिहास के संगठन का निर्धारण करना।
- आइपेटस (Iapetus) के अग्रणी गोलार्द्ध में उपस्थित काले पदार्थ (dark material) की उत्पत्ति और स्वरूप का निर्धारण करना।
- चुम्बकीय क्षेत्र (magnetosphere) की त्रिविमीय संरचना और गतिशील व्यवहार का मापन करना।
- बादलों के स्तर (cloud level) पर शनि ग्रह के वायुमंडल के गतिशील व्यवहार का अध्ययन करना।
- टाइटन के बादलों और धूल के समय के साथ परिवर्तित होते स्वरूप का अध्ययन करना।
- क्षेत्रीय स्केल पर टाइटन की सतह की विशेषताओं का अध्ययन करना।
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