प्रीलिम्स फैक्ट्स: 07 अगस्त, 2018 | 07 Aug 2018
प्रोजेक्ट मौसम
प्रोजेक्ट मौसम भारतीय संस्कृति मंत्रालय की एक परियोजना है जिसे सहयोगी निकायों के रूप में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India - ASI) एवं राष्ट्रीय संग्राहलय की सहायता से नोडल समन्वय एजेंसी के रूप में इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र (Indira Gandhi National Centre for the Arts - IGNCA), नई दिल्ली द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है|
- इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बहुआयामी हिन्द महासागर के संबंध में पुरातत्व एवं ऐतिहासिक स्तर का अनुसन्धान करना है ताकि विविधता से भरे इस क्षेत्र के सांस्कृतिक, वाणिज्यिक एवं धार्मिक अंतर्संबंधों को उजागर किया जा सकें|
- इसका उद्देश्य समुद्री मार्गों के अध्ययन से संबंधित विषयों पर शोध कार्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची हेतु ट्रांस-नेशनल नामांकन के रूप में प्रोजेक्ट मौसम के तहत स्थानों एवं स्थलों की पहचान करना भी है|
- मानसून पद्धतियों, सांस्कृतिक मार्गों तथा समुद्री परिदृश्यों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए प्रोजेक्ट मौसम के अंतर्गत उन सभी प्रक्रियाओं और परिदृश्यों की जांच की जा रही है जो हिन्द महासागर तट के विभिन्न भागों के साथ-साथ उन भागों को भी जोड़ती है जो समुद्री तटक्षेत्र से जुड़े हुए है|
- व्यापक अर्थ में प्रोजेक्ट मौसम का लक्ष्य यह समझना है कि मानसून हवाओं के ज्ञान और चालन ने हिन्द महासागर की संस्कृति को पारस्परिक रूप से किस प्रकार प्रभावित किया है| साथ ही यह भी पता लगाना है कि समुद्री मार्गों पर सहभागी ज्ञान प्रणालियों, परम्पराओं, प्रौद्योगिकियों तथा विचारों का क्या प्रभाव हुआ है|
प्रोजेक्ट मौसम का प्रयास दो स्तरों पर स्वयं को अवस्थित करना है –
- वृहद् स्तर पर इसका लक्ष्य हिन्द महासागर के भूभाग के देशों के बीच संचार को जोड़ना और फिर से स्थापित करना है जिससे इन देशों के मध्य सांस्कृतिक मूल्यों और सरोकारों की बेहतर समझ विकसित हो सकें|
- सूक्ष्म स्तर पर इसका ध्यान इन देशों के क्षेत्रीय समुद्री वातावरण में राष्ट्रीय संवर्द्धन को समझना और प्रोत्साहित करना है|
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के मार्गदर्शन में विज्ञान प्रसार ने भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को प्रदर्शित करने के लिये एक इंटरनेट आधारित विज्ञान चैनल (indiascience.in) लॉन्च किया है।
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प्रीलिम्स फैक्ट्स | 07 Aug 2018
प्रोजेक्ट मौसम
प्रोजेक्ट मौसम भारतीय संस्कृति मंत्रालय की एक परियोजना है जिसे सहयोगी निकायों के रूप में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India - ASI) एवं राष्ट्रीय संग्राहलय की सहायता से नोडल समन्वय एजेंसी के रूप में इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र (Indira Gandhi National Centre for the Arts - IGNCA), नई दिल्ली द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है|
- इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बहुआयामी हिन्द महासागर के संबंध में पुरातत्व एवं ऐतिहासिक स्तर का अनुसन्धान करना है ताकि विविधता से भरे इस क्षेत्र के सांस्कृतिक, वाणिज्यिक एवं धार्मिक अंतर्संबंधों को उजागर किया जा सकें|
- इसका उद्देश्य समुद्री मार्गों के अध्ययन से संबंधित विषयों पर शोध कार्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची हेतु ट्रांस-नेशनल नामांकन के रूप में प्रोजेक्ट मौसम के तहत स्थानों एवं स्थलों की पहचान करना भी है|
- मानसून पद्धतियों, सांस्कृतिक मार्गों तथा समुद्री परिदृश्यों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए प्रोजेक्ट मौसम के अंतर्गत उन सभी प्रक्रियाओं और परिदृश्यों की जांच की जा रही है जो हिन्द महासागर तट के विभिन्न भागों के साथ-साथ उन भागों को भी जोड़ती है जो समुद्री तटक्षेत्र से जुड़े हुए है|
- व्यापक अर्थ में प्रोजेक्ट मौसम का लक्ष्य यह समझना है कि मानसून हवाओं के ज्ञान और चालन ने हिन्द महासागर की संस्कृति को पारस्परिक रूप से किस प्रकार प्रभावित किया है| साथ ही यह भी पता लगाना है कि समुद्री मार्गों पर सहभागी ज्ञान प्रणालियों, परम्पराओं, प्रौद्योगिकियों तथा विचारों का क्या प्रभाव हुआ है|
प्रोजेक्ट मौसम का प्रयास दो स्तरों पर स्वयं को अवस्थित करना है –
- वृहद् स्तर पर इसका लक्ष्य हिन्द महासागर के भूभाग के देशों के बीच संचार को जोड़ना और फिर से स्थापित करना है जिससे इन देशों के मध्य सांस्कृतिक मूल्यों और सरोकारों की बेहतर समझ विकसित हो सकें|
- सूक्ष्म स्तर पर इसका ध्यान इन देशों के क्षेत्रीय समुद्री वातावरण में राष्ट्रीय संवर्द्धन को समझना और प्रोत्साहित करना है|
इंटरनेट आधारित विज्ञान चैनल
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के मार्गदर्शन में विज्ञान प्रसार ने भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को प्रदर्शित करने के लिये एक इंटरनेट आधारित विज्ञान चैनल (indiascience.in) लॉन्च किया है।
- चैनल में विषय-आधारित कार्यक्रमों की एक लाइब्रेरी होगी और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी से संबंधित हर रोज लाइव सामग्री उपलब्ध होगी।
- यह भारत में विज्ञान को दर्शकों के लिये सुलभ बनाने की कल्पना करता है।
- इसमें एक द्विभाषी चैनल (हिंदी और अंग्रेज़ी) होगा जो निर्धारित प्रोग्रामिंग के साथ-साथ वीडियो-ऑन-डिमांड सुविधा प्रदान करेगा।
- इसमें इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी सहित "संपूर्ण परिदृश्य" स्वास्थ्य और चिकित्सा, प्राकृतिक विज्ञान, पर्यावरण और वन्यजीवन, कृषि शामिल होगा|
- यह मुख्य रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत के योगदान पर ध्यान केंद्रित करेगा और दुनिया भर से नवीनतम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास कार्य भी शामिल करेगा।
मैत्री 2018
- भारतीय सेना व रॉयल थाईलैंड आर्मी के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 6 से 19 अगस्त, 2018 के दौरान आयोजित किया जाएगा। आतंकवाद का सामना करने के लिये यह युद्ध अभ्यास काफी महत्वपूर्ण है।
- मैत्री 2018 प्लाटून स्तरीय युद्ध अभ्यास है। इस युद्ध अभ्यास का उद्देश्य आंतकवाद विरोधी ऑपरेशन में रणनीतिक व तकनीकी कुशलता में वृद्धि करना है।
- इस दौरान दोनों सेनाएँ संयुक्त प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी, इसके अलावा वे योजनाबद्ध रूप से ऑपरेशन का क्रियान्वयन करेंगी।
- इस दौरान दोनों पक्ष के रक्षा विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श भी किया जाएगा।
- भारत ने थाईलैंड द्वारा आयोजित कोबरा गोल्ड 2016 बहुपक्षीय उभयचर अभ्यास में भाग लिया है।
- 2005 से हिंद महासागर क्षेत्र में रॉयल थाईलैंड नौसेना और भारतीय नौसेना मिलकर इस समन्वयक गश्ती (CORPAT) प्रक्रिया में भाग ले रही है।