ट्रैपिस्ट-1 नामक लाल तारे का चक्कर लगाने वाले ग्रह
बर्न विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा ट्रैपिस्ट-1 नामक लाल तारे का चक्कर लगाने वाले साथ ग्रहों पर पानी मिलने की संभावना व्यक्त की गई है। इन सात ग्रहों का आकार पृथ्वी के आकार के बराबर आँका जा रहा है।
ट्रैपिस्ट-1 क्या है?
- यह एक अति शीतल बौना तारा (ultra-cool dwarf star) है, जो एक्वेरियस तारा समूह (Aquarius constellation) में अवस्थित है।
- हाल ही में नासा के खगोलविदों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने नासा/ई.एस.ए. हबल स्पेस टेलीस्कोप के प्रयोग से यह अनुमान लगाया है कि 40 प्रकाश वर्ष दूर स्थित इस तारे के सात ग्रहों में पानी के मौज़ूद होने की संभावना है। अर्थात् प्राप्त आँकडों के अनुसार इस ड्वार्फ स्टार सिस्टम के कुछ ग्रह रहने योग्य हो सकते हैं।
प्रमुख बिंदु
- ट्रैपिस्ट-1 बी इस तारामंडल का सबसे निकटतम ग्रह है। इसका वायुमंडल पृथ्वी से ज़्यादा घना है, जबकि इसका भीतरी हिस्सा पथरीला है।
- ट्रैपिस्ट-1 सी का भी भीतरी भाग पथरीला है, लेकिन बाहरी वायुमंडल पृथ्वी की तुलना में कम सघन पाया गया है।ट्रैपिस्ट-1 डी इस तारामंडल का सबसे हल्का ग्रह है। इन सभी ग्रहों में ट्रैपिस्ट-1ई की विशेषताएँ सबसे ज़्यादा चौकाने वाली है।
- ट्रैपिस्ट-1 ई की विशेषताएँ बहुत हद तक पृथ्वी से मिलती-जुलती है, उदाहरण के तौर पर इसका आकार, घनत्व और ग्रहण किये विकिरण की मात्रा इस ग्रह पर जीवन की संभावना को और बढ़ा देती है।
- इस तारामंडल में ट्रैपिस्ट-1 जी एवं एच सुदूर स्थित ग्रह है। इस कारण इसकी सतह के पूर्ण रूप से बर्फीली होने की संभावना है।
- ट्रैपिस्ट-1 के समीप स्थित ग्रहों पर जलवाष्प तथा सुदूर स्थित ग्रहों पर बर्फ के रूप में पानी के मौजूद होने की आशंका है। इस शोध के लिये वैज्ञानिकों द्वारा स्पिट्जर एवं केपलर टेलिस्कोप के माध्यम से आँकड़े एकत्रित किये गए।
- वैज्ञानिकों द्वारा इन सात ग्रहों पर पृथ्वी की तुलना में 250 गुना अधिक पानी मिलने की संभावना व्यक्त की गई है।
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