प्रीलिम्स फैक्ट्स : 05 अप्रैल, 2018
राष्ट्रीय समुद्री दिवस
5 अप्रैल के दिन को भारत में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय समुद्री दिवस (National Maritime Day-NMD) के रूप में मनाया जाता है।
प्रमुख बिंदु
- 1919 में आज ही के दिन सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी लिमिटेड के SS LOYALTI नामक जहाज़ ने मुंबई (तत्कालीन ब्रिटिश बॉम्बे) से यूनाइटेड किंगडम के लिये यात्रा शुरू की थी।
- इसी की स्मृति में 1964 से 5 अप्रैल को नेशनल मेरीटाइम डे के रूप में मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य नागरिकों को देश की नौवहन गतिविधियों तथा इनकी अर्थव्यवस्था में महत्त्व के प्रति जागरूक करना है।
- NMD-2018 की थीम ‘भारतीय नौवहन-अवसर का एक महासागर’ (Indian Shipping - An Ocean of opportunity) रखी गई है।
- राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह समिति द्वारा भारतीय समुद्री क्षेत्र में निरंतर और उत्कृष्ट योगदान वाले व्यक्तियों को वरुण पुरस्कार दिया जाता है, जिसमें भगवान वरुण की प्रतिमा और प्रशस्ति-पत्र दिया जाता है।
प्रोजेक्ट जतन (Project JATAN)
प्रमुख बिंदु
- प्रोजेक्ट जतन के तहत संस्कृति मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण वाले संग्रहालयों के लिये राष्ट्रीय पोर्टल पर संग्रहों (Collections) के एक ऑनलाइन डिजिटल रिपॉजिटरी का निर्माण किया जा रहा है।
- अभी तक 1,08,881 कला वस्तुओं का डिजिटलीकरण और इन्हें पोर्टल पर अपलोड किया गया है।
- केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने संग्रहालय प्रबंधन (Museum Management) में प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग करने तथा इन संग्रहालयों के संग्रह को जनता के करीब लाने के लिये इंटरनेट पर ऑनलाइन उपलब्ध करवाने के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु संग्रहालयों के संग्रह के डिजिटलीकरण की इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना को शुरू किया था।
- इसके तहत संस्कृति मंत्रालय द्वारा सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC), पुणे और आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ़ शिकागो की तकनीकी विशेषज्ञता के माध्यम से अपने संग्रहालयों में क्रियान्वयन के लिये ‘जतन’ (Jatan) नामक मानकीकृत सॉफ्टवेयर विकसित किया है।
- संस्कृति मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में निम्नलिखित छह संग्रहालय हैं-
♦ राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली ♦ नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट (दिल्ली, मुंबई और बंगलुरू की शाखाएँ) ♦ भारतीय संग्रहालय, कोलकाता ♦ विक्टोरिया मेमोरियल हॉल, कोलकाता ♦ सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद ♦ इलाहाबाद संग्रहालय, इलाहाबाद
- इनके अलावा नेहरू मेमोरियल संग्रहालय एवं पुस्तकालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय और एशियाटिक सोसायटी, कोलकाता भी संस्कृति मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन हैं।
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राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा ‘पंचायती राज की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (EWR) के लिये क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ पर एक परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसे राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (National Institute of Public Cooperation and Child Development- NIPCCD) महिला और बाल विकास के समग्र क्षेत्र में स्वैच्छिक क्रिया अनुसंधान, प्रशिक्षण और प्रलेखन को बढ़ावा देने के लिये समर्पित एक प्रमुख संगठन है।
- इसे 1966 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत नई दिल्ली में स्थापित किया गया था और यह महिला और बाल विकास मंत्रालय के तत्त्वावधान में कार्य करता है।
- संस्थान के चार क्षेत्रीय कार्यालय गुवाहाटी (1978), बंगलुरू (1980), लखनऊ (1982) और इंदौर (2001) में स्थापित किये गए है।
- संस्थान एकीकृत बाल विकास सेवाओं (ICDS) संबंधी कार्यक्रम के प्रशिक्षण अधिकारियों के लिये एक शीर्ष संस्थान के रूप में कार्य करता है।
- एक नोडल संसाधन एजेंसी के रूप में इसे एकीकृत बाल संरक्षण योजना (ICPS) के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर कर्मचारियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इसे सार्क देशों के लिये बाल अधिकारों तथा महिला एवं बाल तस्करी की रोकथाम के दो महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर प्रशिक्षण देने के लिये नोडल संस्थान के रूप में भी नामित किया गया है।
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एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक का क्षेत्रीय सम्मेलन
प्रमुख बिंदु
- हाल ही में एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (AIIB) की तीसरी वार्षिक बैठक से पहले, दूसरा दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन विशाखापत्तनम में संपन्न हुआ।
- इस सम्मेलन का मुख्य विषय ‘बंदरगाह एवं तटीय बुनियादी ढाँचे की क्षमता में वृद्धि करना’ था।
- इस सम्मेलन के दौरान विशेषकर सागरमाला परियोजना, बंदरगाह एवं तटीय बुनियादी ढाँचा तथा नियामकीय मुद्दों, नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये तटीय क्षेत्रों में निवेश, शिपिंग पारितंत्र के विकास, भारत के नौवहन सहायता बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने जैसे विषयों पर प्रकाश डाला गया।
- भारत सरकार AIIB की तीसरी वार्षिक बैठक की मेज़बानी 25 एवं 26 जून, 2018 को मुंबई में करेगी।
क्या है AIIB?
- एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक एक बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है, जिसका मुख्य उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अवसंरचना विकास को प्रोत्साहन प्रदान करना है।
- इसकी स्थापना दिसंबर 2015 में हुई थी तथा जनवरी 2016 से इसने कार्य करना शुरू कर दिया था।
- AIIB का मुख्यालय चीन की राजधानी बीजिंग में स्थित है।
- वर्तमान में भारत सहित इसके सदस्य राज्यों की संख्या 84 है।
- AIIB की अधिकृत पूंजी $100 बिलियन है और इस पूंजी में एशियाई देशों की भागीदारी लगभग 75% है।
- समझौते के अनुसार प्रत्येक सदस्य को उनके आर्थिक आकार के आधार पर कोटा आवंटित किया गया है।
- इस बैंक में चीन, भारत और रूस तीन सबसे बड़े हिस्सेदार है जिनकी क्रमश: 30.34%, 8.52% और 6.66% हिस्सेदारी है और मताधिकार क्रमशः 26.06%, 7.5% और 5.92% है।
- हाल ही में अन्य अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के अतिरिक्त AIIB ने भी अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) के साथ वित्तीय सहभागिता के लिये समझौता किया है।
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