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प्रीलिम्स फैक्ट्स: 04 सितंबर, 2018

  • 04 Sep 2018
  • 6 min read

जीएम सरसों के परीक्षण संबंधी निर्णय पर रोक

हाल ही में देश में आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों के संबंध में निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय जेनेटिक इंजीनियरिंग अनुमोदन समिति ने मधुमक्खियों की आबादी पर जीएम सरसों के प्रभाव का अध्ययन करने के लिये परीक्षणों को अनुमति देने वाले निर्णयों पर रोक लगा दी है।

  • समिति के दो सदस्यों द्वारा दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर जेनेटिक मैनिपुलेशन ऑफ क्रॉप (CGMCP) के प्रोटोकॉल के बारे में चिंता व्यक्त करने के कारण इस निर्णय को रोका गया है।
  • GEAC को प्रस्तुत किये गए अपने आवेदन में CGMCP ने लुधियाना के पंजाब कृषि विश्वविद्यालय और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में मधुमक्खियों पर अध्ययन करने के लिये अपने प्रस्ताव को आगे बढ़ाया ताकि वह तिलहनी फसलों में परागण के साथ-साथ शहद के उत्पादन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कीटों पर अपने ट्रांसजेनिक सरसों की प्रजाति, DMH -11 के प्रभावों का अध्ययन कर सके। 

जीएम फसल 

  • जीएम फसल, उन फसलों को कहा जाता है जिनके जीन को वैज्ञानिक तरीके से रूपांतरित किया जाता है। 
  • ऐसा इसलिये किया जाता है ताकि फसल की उत्पादकता में वृद्धि हो सके तथा फसल को कीट प्रतिरोधी अथवा सूखा रोधी बनाया जा सके।

DMH-11

  • Dhara Mustard Hybrid-11 या DMH-11 सरसों की एक किस्म है जिसका विकास दिल्ली विश्वविद्यालय के NAAS सदस्य, दीपक पेंटल द्वारा किया गया है।  
  • इसे वरुण नामक पारंपरिक सरसों की प्रजाति को पूर्वी यूरोप की एक प्रजाति के साथ क्रॉस कराकर तैयार किया गया है। 
  • यदि इस किस्म को अनुमोदित किया जाता है, तो यह भारतीय क्षेत्रों में विकसित होने वाली पहली ट्रांसजेनिक खाद्य फसल होगी।
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दवा प्रतिरोधी सुपरबग

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों द्वारा चेतावनी दी गई है कि एक सुपरबग जो सभी ज्ञात एंटीबायोटिक दवाओं का प्रतिरोधी है तथा गंभीर संक्रमण यहाँ तक कि मौत का भी कारण बन सकता है, दुनिया भर के अस्पतालों के वार्डों में अज्ञात रूप से फ़ैल रहा है।

  • मेलबर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्त्ताओं ने 10 देशों से प्राप्त नमूनों का अध्ययन किया तथा मल्टीड्रग-प्रतिरोधी बग के तीन प्रकारों की खोज की, जिन्हें वर्तमान में बाज़ार में उपलब्ध किसी भी दवा द्वारा विश्वसनीय रूप से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
  • बैक्टीरिया, जिसे स्टाफिलोकोकस एपिडर्मिडिस (Staphylococcus epidermidis) के नाम से जाना जाता है, पहले से ज्ञात और अधिक घातक सुपरबग MRSA से संबंधित है।
  • यह स्वाभाविक रूप से मानव त्वचा पर पाया जाता है और आमतौर पर बुजुर्गों या मरीजों को संक्रमित करता है।
  • यह अध्ययन नेचर माइक्रोबायोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया।

MRSA

  • मेथिसिलिन- रेसिस्टेंट स्टाफिलोकोकस ऑरियस (Methicillin-resistant Staphylococcus Aureus- MRSA) एक जीवाणु है जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में संक्रमण का कारण बनता है।
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इंडियन रुफ्ड टर्टल

कुछ माह पूर्व पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी ज़िले में एक मंदिर के तालाब में श्रद्धालुओं द्वारा फेंके गए तेल, अगरबत्ती, फूल और अन्य वस्तुओं के कारण उस तालाब का प्रदूषित होने से इसमें रहने वाले इंडियन रुफ्ड टर्टल Indian Roofed Turtle (Pangshura tecta) की एक छोटी आबादी का जीवन संकट में पड़ गया था।

  • एक अभिनव विचार ने तालाब में प्रदूषण को कम करने में मदद की है। इस विचार के तहत भगवन विष्णु की कुर्म (कछुआ) अवतार की मूर्ति को तालाब के समीप स्थापित किया गया है।

इंडियन रुफ्ड टर्टल

  • इंडियन रुफ्ड टर्टल (Pangshura tecta) जियोमेडिडे (Geoemydidae) कुल के कछुए की एक प्रजाति है। 
  • इसे खोल के शीर्ष भाग में स्थित अलग "छत" द्वारा वर्गीकृत किया जा सकता है। यह दक्षिण एशिया की प्रमुख नदियों में पाया जाता है।
  • यह भारतीय उपमहाद्वीप में एक आम पालतू जानवर है।
  • वर्ष 2000 में इसे IUCN की रेड लिस्ट में कम चिंतनीय (least concern) श्रेणी के अंतर्गत रखा गया।
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