प्रीलिम्स फैक्ट्स: 04 अगस्त, 2018 | 04 Aug 2018
ई-पशुधन हाट योजना
- सरकार ने स्वदेशी नस्लों के प्रजनकों और किसानों को जोड़ने के लिये ई-पशुधन हाट पोर्टल लॉन्च किया है।
- यह पोर्टल किसानों को उन सभी स्रोतों के बारे में जानकारी देगा जहाँ से वे हिमित वीर्य, भ्रूण तथा जीवित पशु, पशुधन प्रमाणन के साथ प्राप्त कर सकते हैं।
- यह पोर्टल स्वदेशी नस्लों के विकास और संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
- यह बोवाइन उत्पादकता पर राष्ट्रीय मिशन की योजना के तहत शुरू किया गया है।
आवश्यकता
- भारत में दुनिया की सबसे बड़ी बोवाइन आबादी है।
- देशी बोवाइन नस्लें उष्मा साध्य हैं तथा रोग और चिचड़ा प्रतिरोधी हैं। यह प्रतिकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में अच्छी तरह से रह लेती हैं। कुछ नस्लों में ईष्टतम पोषण तथा फार्म प्रबंधन परिस्थितियों में अत्यंत उत्पादक होने की क्षमता है।
- कुछ नस्लों में चुनिंदा आनुवंशिक प्रजनन के साथ इष्टतम पोषण और कृषि प्रबंधन स्थितियों के तहत अत्यधिक उत्पादक होने की संभावना है।
- डेयरी व्यवसाय किसानों के लिये अनुपूरक आय का एक प्रमुख स्रोत है। तथापि, भारतीय फार्म प्रबंधन प्रणाली विशिष्ट रूप से कम उत्पादकता के साथ कम आदान, कम उत्पादन प्रणाली है।
- पशु व्यापार बाज़ार में कमियाँ:
- कोई प्रमाणिक संगठित बाज़ार नहीं।
- उच्च आनुवंशिक गुणता वाले रोगमुक्त जर्मप्लाज्म को प्राप्त करना मुश्किल।
- अन्य कुप्रथाओं में पशुओं को दूध का उत्पादन बढाने के लिये विशेष आहार देना, उनके सींग हटाना तथा आयु के बारे में गलत जानकारी देने के लिए दाँतों को भरना शामिल है।
- पता लगाने और ट्रैकिंग की कमी के कारण भ्रामक मूल्यांकन।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY)
- सरकार ने 1 मई, 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) का शुभारंभ किया था और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तेल विपणन कंपनियों जैसे-आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल के देश भर में फैले वितरकों के नेटवर्क के माध्यम से इसे लागू कर रहा है।
- पीएमयूवाई के माध्यम से प्रारंभ में 5 करोड़ बीपीएल परिवारों को 31 मार्च, 2019 तक बिना किसी जमा राशि के मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है|
- पीएमयूवाई का लक्ष्य गरीब परिवारों को खाना पकाने के लिये स्वच्छ ईंधन प्रदान करना है, इससे इन परिवारों को इनडोर (अंतरीय) वायु प्रदूषण से जुड़े विभिन्न स्वास्थ्य खतरों से निजात मिली है और उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार आया है।
- इस योजना के अंतर्गत कनेक्शन, परिवारों के नाम पर जारी किये जाते हैं।
- यह योजना प्रत्येक बीपीएल परिवार को एलपीजी कनेक्शन के लिये 1600 रुपए का वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- लाभार्थियों की पहचान सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना सूची -2011 के आधार पर की गई है और ऐसे मामलों में जहाँ नाम एसईसीसी सूची के तहत शामिल नहीं हैं उन लाभार्थियों की पहचान सात श्रेणियों के आधार पर की जाती है-
- एससी/एसटी, पीएमएवाई (ग्रामीण) के लाभार्थी
- अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थी
- सबसे पिछड़ा वर्ग
- वन निवासी
- द्वीप समूह के निवासियों
- चाय बागान और पूर्व-चाय बागान जनजातियाँ
- नदी द्वीपों में रहने वाले लोग।
उच्च शिक्षा के लिये विद्या लक्ष्मी पोर्टल
विद्या लक्ष्मी पोर्टल 2015 में भारत सरकार द्वारा गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति और शैक्षिक ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये शुरू किया गया था ताकि धन की किसी भी बाधा के बिना छात्र अपनी पसंद की उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।
प्रमुख बिंदु
- विद्या लक्ष्मी पोर्टल शैक्षणिक ऋण की मांग करने वाले छात्रों के लिये अपनी तरह का एक अलग पोर्टल है।
- इस पोर्टल को नेशनल सिक्योरिटीज़ डिपॉज़िटरी लिमिटेड की ई-गवर्नेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (NSDL-eGov) ने वित्त मंत्रालय के वित्त सेवा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की मदद से बनाया है।
- छात्र पोर्टल के डैशबोर्ड तक पहुँचकर 24 घंटे बैंकों को किये गए आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
- यह सरकारी छात्रवृत्ति और बैंकों द्वारा प्रदान किये गए शैक्षणिक ऋण के आवेदन और वितरण के लिये एकल खिड़की तंत्र प्रदान करता है।
- यह एक छत के नीचे शैक्षिक ऋण प्रदान करने वाले सभी बैंकों को लाने की भी कल्पना करता है।