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प्रीलिम्स फैक्ट्स: 02 अगस्त, 2018

  • 02 Aug 2018
  • 7 min read

भारतीय मूल के गणितज्ञ ने जीता फ़ील्ड्स मेडल

  • अक्षय वेंकटेश (एक प्रसिद्ध भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई गणितज्ञ) सहित चार अन्य गणित के विशेषज्ञों को गणित का नोबेल पुरस्कार माने जाने वाले फ़ील्ड्स मेडल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • उन्हें गणित के विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण तथा बेहद दूरगामी अनुमानों के लिये विशिष्ट योगदान हेतु सम्मानित किया गया है।
  • तीन अन्य विजेताओं में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कौचर बिरकर, स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एलिसो फिगाली और बोन यूनिवर्सिटी के पीटर स्कूल्ज हैं। 

फ़ील्ड्स मेडल

  • 40 साल से कम उम्र के सबसे उदीयमान गणितज्ञों को हर चार साल में एक बार अंतर्राष्ट्रीय गणितीय संघ द्वारा फ़ील्ड्स मेडल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय गणितीय संघ, गणित में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गठित एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी वैज्ञानिक संगठन है।
  • 1932 में कनाडाई गणितज्ञ जॉन चार्ल्स फ़ील्ड्स के अनुरोध पर इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी।
  • इस पुरस्कार के प्रत्येक विजेता को 15,000 कनाडाई डॉलर का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

कार्किडाका वावु बाली (Karkidaka Vavu Bali)

  • कार्किडाका वावु बाली, केरल में हिंदुओं द्वारा अपने मृत पूर्वजों का सम्मान करने के लिये किया जाने वाला एक अनुष्ठान है। हर साल कारकिदाकम (Karkidakam) यानी जुलाई से अगस्त के बीच (मलयालम कैलेंडर का आखिरी महीना) अमावस्या के दिन इस अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है।
  • इस अनुष्ठान समारोह को वावु बाली के नाम से जाना जाता है।

जीआई लोगो टैगलाइन ( GI Logo, Tagline)

  • भारत सरकार ने देश में बौद्धिक संपदा अधिकारों (intellectual property rights - IPRs) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये भौगोलिक संकेतकों (Geographical Indications - GI) हेतु एक लोगो और टैगलाइन लॉन्च की है।
  • प्राथमिक रूप से जीआई उत्पाद  एक कृषिगत, प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) होता है, जिसका उत्पादन एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में किया जाता है।
  • इस तरह का टैग उस उत्पाद की गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है जो विशेष रूप से परिभाषित भौगोलिक क्षेत्र अथवा देश में इसकी उत्पत्ति से संबद्ध होता है।
  • औद्योगिक संपत्ति और व्यापार के संरक्षण से संबंधित ट्रिप्स (Trade Related Aspects of Intellectual Property Rights - TRIPS) द्वारा  पेरिस समझौते के अंतर्गत भौगोलिक संकेतकों को आईपीआर के तत्त्व के रूप में शामिल किया गया है।
  • विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य के रूप में भारत द्वारा सितंबर 2003 में वस्तुओं के भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम [Geographical Indications of Goods (Registration & Protection) Act], 1999 को अधिनियमित किया गया।

सौर चरखा मिशन

सूक्ष्‍म, लघु एवं मझौले उपक्रम (MSME) मंत्रालय द्वारा 27 जून, 2018 को संयुक्त राष्ट्र एमएसएमई दिवस के अवसर पर सौर चरखा मिशन की शुरुआत की गई।

  • यह मिशन 50 क्‍लस्‍टर को कवर करेगा तथा प्रत्‍येक क्‍लस्‍टर 400 से 2000 कारीगरों को नियुक्‍त करेगा। इस मिशन को भारत सरकार द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है, जिसके लिये एमएसएमई मंत्रालय कारीगारों में 550 करोड़ रुपए की सब्सिडी वितरित करेगा।
  • इस योजना से लगभग 1 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा।

पावर टेक्स इंडिया

  • पावरलूम क्षेत्र के विकास के लिये भारत सरकार एक एकीकृत योजना ‘पावर टेक्स इंडिया’ लागू कर रही है। 
  • भारत पूरे विश्व में कपास का सबसे बड़ा उत्पादक है। 
  • इस योजना के तहत गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिये पावरलूमों का उन्नयन अर्द्ध-स्वचालित और शटललैस इकाइयों के रूप में किया जा रहा है।
  • उन्नयन के लिये इन इकाइयों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक 2.16 लाख पावरलूमों का उन्नयन किया जा चुका है।
  • संशोधित प्राद्योगिकी उन्नयन कोष योजना (Amended Technology Upgradation Funds Scheme - ATUFS) के तहत एक एकीकृत ATUFS साफ्टवेयर का विकास किया गया है।
  • इस साफ्टवेयर के माध्यम से लाभार्थी इकाइयाँ सीधे तौर पर अपने अनुप्रयोग अपलोड कर सकती हैं। ये इकाइयाँ प्रक्रिया के प्रत्येक स्तर पर अपने आवेदन की अद्यतन स्थिति को देख सकती हैं।

संशोधित प्राद्योगिकी उन्नयन कोष योजना

  • सरकार ने वस्‍त्र और जूट उद्योग के उन्नयन के लिये 1 जनवरी, 1999 को 5 साल की अवधि के लिये प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष योजना (टीयूएफएस) शुरु की थी जिससे किसानों को ब्‍याज वापसी प्रतिपूर्ति/ मूलधन में रियायत की सुविधा दी जानी थी

सरकार ने वस्त्र उद्योग में प्रौद्योगिकी के उन्नयन के लिये संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष को मंज़ूरी दी है। इस पहल से इस क्षेत्र में रोज़गार के सृजन के साथ-साथ निर्यात को बढ़ावा देने पर भी बल दिया गया। संशोधित योजना से वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा मिलेगा।

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