प्रीलिम्स फैक्ट्स : 2 फरवरी, 2018
अश्काबाद समझौता
भारत को अश्काबाद समझौते में जगह हासिल करने में कामयाबी मिल गई है। व्यापार एवं निवेश में तेज़ी लाने के मकसद से मध्य एशिया को फारस की खाड़ी से जोड़ने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय परिवहन और ट्रांजिट गलियारे के निर्माण की खातिर यह समझौता हुआ था।
प्रमुख बिंदु
- विदेश मंत्रालय द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार, ‘अश्काबाद समझौते में प्रमुख राष्ट्र (डिपोजिटरी स्टेट) के रूप में तुर्कमेनिस्तान द्वारा भारत को सूचित किया गया कि चारों संस्थापक सदस्यों ने (समझौते में) भारत को शामिल करने पर अपनी सहमति दे दी है।
- तुर्कमेनिस्तान के अलावा, इस समझौते के अन्य संस्थापक देशों में ईरान, ओमान और उज़्बेकिस्तान शामिल हैं और इन देशों ने 25 अप्रैल, 2011 को समझौते पर दस्तखत किये थे।
- समझौते में शामिल होने से मध्य एशिया के साथ भारत के जुड़ाव के विकल्पों में विविधता आएगी और इस क्षेत्र से भारत के व्यापार एवं वाणिज्यिक संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव होगा। इस समझौते में भारत का प्रवेश तीन फरवरी से प्रभावी होगा।
क्या है अश्काबाद समझौता?
- अश्काबाद समझौता मध्य एशिया एवं फारस की खाड़ी के बीच वस्तुओं की आवा-जाही को सुगम बनाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय परिवहन एवं पारगमन गलियारा है।
- अश्काबाद समझौते के संस्थापक सदस्यों में ओमान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान एवं उज़्बेकिस्तान शामिल हैं। इसके बाद इस समझौते से कज़ाखस्तान, पाकिस्तान भी जुड़ गए थे।
- इस समझौते में सम्मिलित होने से भारत को यूरेशिया क्षेत्र के साथ व्यापार एवं व्यावसायिक मेल-जोल को बढ़ाने में मौजूदा परिवहन एवं पारगमन गलियारे का उपयोग करने में मदद मिलेगी।
- यह संपर्क बढ़ाने के लिये अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे को क्रियान्वित करने के भारत के प्रयासों को समन्वित करेगा।
तटरक्षक के लिये छठीं इंटरसेप्टर नौका
तटरक्षक के लिये निर्मित एक इंटरसेप्टर नौका को भारती डिफेंस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Bharati Defence And Infrastructure Limited) द्वारा पेश किया गया है। ‘वी 410 नौका’ 15 इंटरसेप्टरों की श्रृंखला की छठी नौका है, जिसके लिये कंपनी को एक अनुबंध दिया गया था।
प्रमुख बिंदु
- तटरक्षक की एक विज्ञप्ति से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नौका का बाद में तटरक्षक के कोच्चि से लगे जल क्षेत्र में जलावतरण किया जाएगा।
- गौरतलब है कि ‘वी 409 नौका’ नवंबर में पेश की गई थी। यहाँ पनमबूर स्थित शिपयार्ड में बीडीआईएल द्वारा पेश की गई यह ऐसी दूसरी इंटरसेप्टर नौका है।
- समुद्री बल के लिये तीन और इंटरसेप्टर नौकाएँ जल्द ही पेश की जाएंगी।
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गोबर-धन योजना
- खुले में शौच से गाँवों को मुक्त करने तथा ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये बजट 2018-19 में गोबर-धन योजना (Galvanizing Organic Bio-Agro Resources Dhan - GOBAR-DHAN) को प्रारम्भ करने की घोषणा की गई है।
- इस योजना के अंतर्गत पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कम्पोस्ट, बायोगैस, बायो सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा।
- समावेशी समाज निर्माण के विज़न के तहत सरकार ने विकास के लिये 115 आकांक्षायुक्त ज़िलों की पहचान की है। ये 115 ज़िले विकास के मॉडल साबित होंगे।
- इन ज़िलों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, सिंचाई, ग्रामीण विद्युतीकरण, पेयजल, शौचालय तक पहुँच आदि में निवेश करके तीव्र गति से विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।
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विश्व निवेश रिपोर्ट
अंकटाड (United Nations Conference on Trade and Development-UNCTAD) द्वारा ‘विश्व निवेश रिपोर्ट’ (World Investment Report - WIR) जारी की जाती है।
मुख्य थीम
- विश्व निवेश रिपोर्ट के इस संस्करण का केंद्रीय विषय ‘‘निवेश और डिजिटल अर्थव्यवस्था” (Investment and The Digital Economy) है।
रिपोर्ट में शामिल मुद्दे विश्व निवेश रिपोर्ट के प्रत्येक संस्करण में निम्नलिखित मुद्दों को शामिल किया जाता है-
- विकास निहितार्थ पर विशेष बल देने के साथ गत वर्ष में ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’ (FDI) के रुझानों का विश्लेषण।
- विश्व के सबसे बड़े बहुराष्ट्रीय निगमों की रैंकिंग।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से संबंधित एक चयनित विषय का गहराई से विश्लेषण।
- नीति विश्लेषण तथा इस संबंध में सिफारिशें।
प्रमुख बिंदु
- विश्व निवेश रिपोर्ट, 2017 के अनुसार, वर्ष 2015 के 1.76 ट्रिलियन डॉलर की तुलना में वर्ष 2016 में कुल वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का अंतर्प्रवाह 2 प्रतिशत घटकर 1.75 ट्रिलियन डॉलर हो गया है।
- वर्ष 2016 में विकासशील देशों में एफडीआई का अंतर्प्रवाह 14 प्रतिशत से घटकर 646 बिलियन डॉलर रहा। वर्ष 2016 में विकासशील एशिया का वैश्विक एफडीआई अंतर्प्रवाह 15 प्रतिशत घटकर 443 बिलियन डॉलर रहा।
- वर्ष 2016 में विकसित देशों में वैश्विक एफडीआई का अंतर्प्रवाह 5 प्रतिशत बढ़कर 1 ट्रिलियन डॉलर रहा।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के पसंसीदा गंतव्य रहे।
- विश्व निवेश रिपोर्ट, 2017 के अनुसार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अंतर्प्रवाह वाली 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में संयुक्त राज्य अमेरिका (प्रथम स्थान), यूनाइटेड किंगडम (द्वितीय स्थान), चीन (तृतीय स्थान), हॉन्गकॉन्ग चीन (चौथा स्थान) तथा नीदरलैंड्स (पाँचवा स्थान) को शामिल किया गया है।
- रिपोर्ट के अनुसार, भारत 44 बिलियन डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अंतर्प्रवाह के साथ विश्व की 9 वीं अर्थव्यवस्था रहा है।
- ज्ञातव्य है कि विश्व निवेश रिपोर्ट का प्रकाशन अंकटाड द्वारा वर्ष 1991 से प्रत्येक वर्ष किया जा रहा है। इस क्रम में वर्ष 2017 की विश्व निवेश रिपोर्ट इसका 27वाँ संस्करण है।
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