प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम Prime Minister’s Employment Generation Programme (PMEGP)
एम.एस.एम.ई. (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises - MSME) द्वारा प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (Prime Minister’s Employment Generation Programme- (PMEGP) का कार्यान्वयन किया जा रहा है. यह नॉन-फॉर्म सेक्टरों में सूक्ष्म-उद्यमों (micro-enterprises) की स्थापना के माध्यम से स्व-रोज़गार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से लाया गया एक प्रमुख क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम (credit-linked subsidy programme) है। इसके अंतर्गत क्षेत्रीय कारीगरों और बेरोज़गार युवाओं को सहायता प्रदान करते हुए उन्हें रोज़गारोन्मुख बनाने का प्रयास किया जा रहा है
प्रमुख बिंदु
- ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य श्रेणी के लाभार्थी परियोजना लागत का 25% और शहरी क्षेत्रों में 15% मार्जिन मनी सब्सिडी (margin money subsidy) का लाभ उठा सकते हैं।
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक/महिला, पूर्व सैनिक, शारीरिक रूप से विकलांग, एन.आर.आई, पहाड़ी और सीमा क्षेत्रों जैसे विशेष श्रेणियों से संबंधित लाभार्थियों के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में मार्जिन मनी सब्सिडी 35% और शहरी क्षेत्र में 25% निधारित की गई है।
लाभ के पात्र कौन-कौन हैं?
- 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति इस कार्यक्रम के तहत लाभ का पात्र होगा।
- विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख रुपए और व्यापार/सेवा क्षेत्र में 5 लाख रुपए से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं की स्थापना के लिये लाभार्थियों के पास कम-से-कम आठवीं कक्षा के स्तर की शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिये।
- इसके अंतर्गत परियोजनाओं की स्थापना करने हेतु अधिकतम लागत सीमा विनिर्माण क्षेत्र के लिये 25 लाख रुपए और सेवा क्षेत्र के लिये 10 लाख रुपए निर्धारित की गई है।
वर्तमान स्थिति
- पी.एम.ई.जी.पी. योजना के तहत वर्णित सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।
- इस योजना को वर्ष 2008-09 के दौरान शुरू किया गया था।
- इसकी स्थापना के बाद से अभी तक कुल 4.47 लाख लघु उद्यमों की सहायता से 9326.01 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी सब्सिडी की सहायता वाले अनुमानित 37.32 लाख व्यक्तियों को 2017-18 (30.11.2017) तक रोज़गार प्रदान किया जा चुका है।
नोडल निकाय
- राष्ट्रीय स्तर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (Khadi and Village Industries Commission - KVIC) इसकी नोडल एजेंसी है।
- राज्य/ज़िला स्तर पर के.वी.आई.सी., के.वी.आई.बी. और ज़िला उद्योग केंद्र (District Industry Centres - DIC) के राज्य कार्यालय क्रमशः 30:30:40 के अनुपात में राज्यों में कार्यान्वयन एजेंसियों के रूप में कार्यरत हैं।
ऑनलाइन पोर्टल
- इसके अंतर्गत एक ऑनलाइन पी.एम.ई.जी.पी. ई-पोर्टल भी शुरू किया गया है. इस पोर्टल को 1 जुलाई, 2016 में लॉन्च किया गया था।
- इस कार्यक्रम के तहत संपूर्ण प्रक्रिया को वास्तविक समय (real time) के अनुरूप ऑनलाइन तैयार किया गया है।
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