अंतर्राष्ट्रीय संबंध
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 01 अगस्त, 2018
- 01 Aug 2018
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पार्किंसन रोग
- पार्किंसन रोग एक तंत्रिका संबंधी चिरकालिक (chronic) और डीजेनेरेटिव न्यूरोलोजिकल विकार है, जो शरीर की तंत्रिका प्रणाली को प्रभावित करता है और अक्सर थरथराहट और अन्य संचलन संबंधी कठिनाइयों का कारण बनता है| विश्वभर में लगभग 10 मिलियन लोग इस विकार से ग्रसित हैं|
- जापान में शोधकर्त्ताओं की एक टीम ने मस्तिष्क में स्टेम कोशिकाओं को इंजेक्ट करके पार्किंसन रोग के इलाज हेतु पहला मानव परीक्षण करने की अपनी योजना की घोषणा की है| यह परीक्षण बंदरों पर पहले ही सफलतापूर्वक संपन्न किया जा चुका है|
- पार्किंसन से ग्रस्त बंदरों में आईपीएस सेल (induced Pluripotent Stem -iPS) के इंजेक्शन के बाद प्रभावी गतिशीलता हासिल करने के बाद इसकी घोषणा की गई|
आईपीएस कोशिकाएं (Induced Pluripotent Stem -iPS) cells
- आईपीएस सेल प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल होती हैं, अर्थात् ये मानव शरीर में कोई भी सेल बनाने में सक्षम होती हैं तथा एक एम्ब्रियोनिक स्टेम सेल (embryonic stems cell) की भांति व्यवहार करती हैं।
- ये वयस्क सेल की पुन: प्रोग्रामिंग द्वारा उत्पन्न होती हैं।
- स्टेम सेल में प्रारंभिक जीवन और विकास के दौरान शरीर में कई अलग-अलग प्रकार की सेल के रूप में विकसित होने की उल्लेखनीय क्षमता होती है।
- जब एक स्टेम सेल विभाजित होती है, तो प्रत्येक नए सेल में या तो स्टेम सेल के रूप में बने रहने अथवा कुछ विशिष्ट गुणों (माँसपेशी सेल, लाल रक्त कोशिका अथवा सेल या फिर मस्तिष्क सेल) के साथ अन्य नए सेल के रूप में विकसित होने की संभावना होती है।
- आईपीएस सेल स्वयं नवीनीकरण में सक्षम होती हैं तथाअतिरिक्त प्लेसेंटा जैसे अतिरिक्त भ्रूण ऊतकों में कोशिकाओं को छोड़करशरीर के सभी सेल प्रकारों में अंतर कर सकती हैं।
- यह क्षमता चिकित्सकीय उद्देश्यों के लिये आवश्यक किसी भी प्रकार के मानव कोशिका के असीमित स्रोत के विकास को सक्षम बनाता है।
- धंगर (Dhangar) समुदाय द्वारा यह दावा किया गया है कि महाराष्ट्र में धंगर के नाम से प्रसिद्ध यह समुदाय, देश के अन्य भागों में ‘ढांगद’ (Dhangad) कहलाने वाले समुदाय (अनुसूचित जनजाति के रूप में सूचीबद्ध )का ही भाग हैं।
- वर्तमान में महाराष्ट्र में धंगर को विमुक्त जाति और नोमाडिक जनजाति (Vimukta Jati and Nomadic Tribes -VJNT) की सूची में शामिल किया जाता है। हालाँकि, पिछले कई दशकों से इस समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग की जा रही हैं।
- यह एक चरवाहा समुदाय (महाराष्ट्र की कुल आबादी का 9%) है जो अधिकतर पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में निवास करता है।
मध्य प्रदेश की उद्यानिकी प्रोत्साहन योजना
हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने 'उद्यानिकी प्रोत्साहन योजना' लागू करने की घोषणा की।
- इस योजना के तहत प्याज और लहसुन की फसल हेतु प्रति क्विंटल क्रमश: 400 और 800 रुपए की दर से प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
- प्रोत्साहन राशि का निर्धारण बोए गए क्षेत्र के सत्यापित रकबे और निर्धारित औसत उत्पादकता को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
- इस धनराशि को सीधे किसानों के खाते में जमा कराया जाएगा। एक अनुमान के अनुसार, इस योजना पर करीब 800 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है।
- कुछ समय पहले प्रदेश सरकार ने कृषक समृद्धि योजना के अधीन गेहूँ, चना, मसूर, सरसों, प्याज, लहसुन, और मूंग की फसल पर प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी।
- पिछले कुछ समय में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भावांतर भुगतान योजना, कृषक समृद्धि योजना और कृषि ऋण समाधान योजना जैसे कई किसान हितैषी कदम उठाए गए हैं।