प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेला | 14 Dec 2022
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन, PMKVY, कौशल विकास से संबंधित पहल। मेन्स के लिये:प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेला, स्किल इंडिया मिशन। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (Ministry of Skill Development and Entrepreneurship- MSDE) ने स्किल इंडिया मिशन के तहत प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेला (Pradhan Mantri National Apprenticeship Mela- PMNAM) आयोजित किया है।
- इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की विभिन्न कंपनियों की भागीदारी देखी गई और एक ही मंच पर संभावित प्रशिक्षुओं से मिलने और आवेदकों को मौके पर चुनने तथा उन्हें अपने संगठन का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करने का मौका मिला।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेला (PMNAM):
- राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन (National Skill Development Mission- NSDM) के तहत प्रत्येक महीने प्रशिक्षुता मेलों (Apprenticeship Mela) का आयोजन किया जाता है, जिसमें चयनित व्यक्तियों को नए कौशल हासिल करने के लिये सरकारी मानदंडों के अनुसार मासिक छात्रवृत्ति मिलती है।
- PMNAM का उपयोग प्रतिष्ठानों और छात्रों की भागीदारी बढ़ाने के लिये एक मंच के रूप में किया जा रहा है। यह भाग लेने वाली कंपनियों में मौजूद विभिन्न अवसरों पर युवाओं को जागरूक भी कर रहा है।
- इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य कंपनियों को अधिक प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने के लिये प्रोत्साहित करना है, साथ ही नियोक्ताओं को सही प्रतिभा की खोज करने और प्रशिक्षण एवं व्यावहारिक अनुभव के माध्यम से उनकी क्षमता विकसित करने में सहायता करना है।
- इसका लक्ष्य 2022 के अंत तक भारत में शिक्षुता के अवसरों को 10 लाख तक और 2026 तक 60 लाख तक बढ़ाना है।
- सरकार अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण के माध्यम से प्रति वर्ष 10 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने और इस मिशन को पूरा करने का प्रयास कर रही है।
स्किल इंडिया मिशन:
- स्किल इंडिया मिशन 15 जुलाई, 2015 को कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।
- पहल में राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन, कौशल विकास और उद्यमिता के लिये राष्ट्रीय नीति, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) और कौशल ऋण योजना शामिल हैं।
- PMKVY स्वीकृत कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले उम्मीदवारों को वित्तीय पुरस्कार प्रदान करके कौशल प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करता है।
- कौशल ऋण योजना के तहत कौशल विकास कार्यक्रमों में भाग लेने के इच्छुक युवाओं को 5,000 से 1.5 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
- इसे देश भर में कौशल विकास प्रयासों को लागू करने और बढ़ाने के लिये एक मज़बूत संस्थागत ढाँचा प्रदान करने हेतु शुरू किया गया था।
कौशल विकास के लिये की गई प्रमुख पहलें:
- ‘संकल्प’ और ‘स्ट्राइव’: संकल्प कार्यक्रम (SANKALP programme)—जो ज़िला-स्तरीय स्किलिंग पारितंत्र पर केंद्रित है और ‘स्ट्राइव योजना’ (STRIVE project)—जिसका उद्देश्य ITIs के प्रदर्शन में सुधार करना है, अन्य महत्त्वपूर्ण कौशल निर्माण हस्तक्षेप हैं।
- विभिन्न मंत्रालयों की पहल: 20 केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों द्वारा लगभग 40 कौशल विकास कार्यक्रम कार्यान्वित किये जा रहे हैं। कुल कौशल निर्माण में ‘कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय’ का योगदान लगभग 55% है।
- इन सभी मंत्रालयों की पहल के परिणामस्वरूप वर्ष 2015 से लगभग चार करोड़ लोगों को विभिन्न औपचारिक कौशल कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है।
- कौशल निर्माण में अनिवार्य CSR व्यय: कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत अनिवार्य CSR व्यय के कार्यान्वयन के बाद से भारत में निगमों ने विविध सामाजिक परियोजनाओं में 100,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
- इनमें से लगभग 6,877 करोड़ रुपये कौशल निर्माण और आजीविका उन्नयन परियोजनाओं पर खर्च किये गए हैं। इस क्रम में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक और गुजरात शीर्ष पाँच प्राप्तकर्ता राज्य रहे।
- ‘तेजस’ कौशल प्रशिक्षण परियोजना: दुबई एक्सपो, 2020 में विदेशों में रह रहे भारतीयों के लिये ‘तेजस’ अर्थात् अमीरात में नौकरियों और कौशल के लिये प्रशिक्षण(Training for Emirates Jobs and Skills- TEJAS) की शुरुआत की गई।
- यह परियोजना भारतीयों के कौशल निर्माण, प्रमाणन और विदेश में नियोजन पर केंद्रित है तथा भारतीय कार्यबल को यूएई में कौशल और बाज़ार आवश्यकताओं के अनुरूप सक्षम बनाने के लिये प्रयासरत है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (c) मेन्सप्रश्न: "भारत में जनसांख्यिकी लाभांश केवल सैद्धांतिक रहेगा जब तक कि हमारी जनशक्ति अधिक शिक्षित, जागरूक, कुशल और रचनात्मक नहीं हो जाती।" हमारी जनसंख्या की क्षमता को अधिक उत्पादक एवं रोज़गार योग्य बनाने के लिये सरकार द्वारा क्या उपाय किये गए हैं? (2016) |