शासन व्यवस्था
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
- 15 Feb 2022
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) पोर्टल, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) मेन्स के लिये:सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएँ, स्वास्थ्य, मानव संसाधन, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और एनएफएसए (NFSA) एकीकरण के इच्छित लाभ |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) पोर्टल के साथ सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 के लाभार्थियों के डेटाबेस को एकीकृत करने के लिये कार्य कर रहा है।
- यह परिकल्पना की गई है कि लाभार्थी अपने राशन कार्ड नंबर का उपयोग करके आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के तहत अपने अधिकारों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA):
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) को राज्य सरकारों के साथ गठबंधन में पीएम-जेएवाई के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक स्वायत्त इकाई के रूप में गठित किया गया है।
- अन्य बातों के साथ इसमें AB PM-JAY नीतियों का निर्माण, परिचालन दिशा-निर्देशों का विकास, कार्यान्वयन तंत्र, राज्य सरकारों के साथ समन्वय, AB PM-JAY की निगरानी और नियंत्रण शामिल होंगे।
- राज्यों में राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (State Health Agency- SHA) आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के कार्यान्वयन हेतु ज़िम्मेदार राज्य सरकार का शीर्ष निकाय है।
प्रस्ताव के इच्छित लाभ:
- उचित मूल्य की दुकानों को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना: प्रस्ताव पात्र लाभार्थियों को योजना और योजना से संबंधित जानकारी प्रदान करने हेतु उचित मूल्य की दुकानों या राशन की दुकानों का उपयोग करने की अनुमति देगा।
- सर्विस पॉइंट विकसित करना: यह कार्ड बनाने के लिये मौजूदा कॉमन सर्विस सेंटर के साथ-साथ लाभार्थियों को अतिरिक्त सर्विस सेंटर्स को विकसित करने का अवसर प्रदान करेगा।
- इससे लाभार्थी की पहचान प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक हो जाएगी।
- कॉमन आइडेंटिटी एनेबलर: अधिकांश सरकारी डेटाबेस में आधार को एक समान पहचान के रूप में प्रयोग करने के कारण एकीकरण करना आसान होगा।
- इसके अलावा आधार ई-केवाईसी (e-KYC) के माध्यम से लाभार्थी की पहचान को भी सुनिश्चित करता है।
- ई-केवाईसी लक्षित तरीके से सेवाओं की कागज़ रहित पहुँच को सुनिश्चित बनाता है।
- क्रॉस-प्लेटफाॅर्म एकीकरण: NHA लाभार्थी जागरूकता अभियान, लाभार्थी डेटाबेस (एसईसीसी 2011) संवर्द्धन आदि सहित योजना कार्यान्वयन के विभिन्न पहलुओं को मज़बूत करने के लिये कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने वाले विभिन्न मंत्रालयों के साथ सहयोग करेगा।
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की ओर: AB PM-JAY कार्यक्रम की विशाल महत्त्वाकांक्षा भारत को अपने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के लक्ष्यों को पूरा करने के लिये आवश्यक प्रणालीगत सुधार को आगे बढ़ाने का अवसर प्रस्तुत करती है।
AB PM-JAY के प्रावधान:
- यह माध्यमिक देखभाल (जिसमें सुपर विशेषज्ञ शामिल नहीं है) के साथ-साथ तृतीयक देखभाल (जिसमें एक सुपर विशेषज्ञ शामिल है) हेतु प्रति परिवार 5 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान करता है।
- AB PM-JAY के तहत लाभार्थियों को सेवा के बिंदु पर कैशलेस और पेपरलेस सेवाओं तक पहुँच प्रदान की जाती है।
- स्वास्थ्य लाभ पैकेज में सर्जरी, चिकित्सा और देखभाल, उपचार, दवाओं की लागत तथा निदान शामिल है।
- पैकेज़्ड दरें (दरें जिनमें सब कुछ शामिल है ताकि प्रत्येक उत्पाद या सेवा के लिये अलग से शुल्क न लिया जाए)।
- ये दरें लचीली होती हैं, लेकिन अस्पतालों द्वारा एक बार तय होने के बाद लाभार्थी से अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकते।
- इस योजना में चिकित्सा प्रबंधन के लिये एक दैनिक सीमा भी निर्धारित की गई है।
- यह एक पात्रता-आधारित योजना है जो नवीनतम सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) डेटा द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों को लक्षित करती है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की मुख्य विशेषताएँ:
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य एक गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिये लोगों को वहनीय मूल्यों पर अच्छी गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराते हुए उन्हें खाद्य और पोषण सुरक्षा प्रदान करना है।
- कवरेज: लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के तहत रियायती दर पर खाद्यान्न प्राप्त करने के लिये ग्रामीण आबादी का 75 प्रतिशत और शहरी आबादी का 50 प्रतिशत।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) समग्र तौर पर देश की कुल आबादी के 67 प्रतिशत हिस्से को कवर करता है।
- प्रमुख प्रावधान:
- प्रतिमाह प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न, जिसमें चावल 3 रुपए किलो, गेहूँ 2 रुपए किलो और मोटा अनाज 1 रुपए किलो है।
- गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को गर्भावस्था के दौरान तथा बच्चे के जन्म के 6 माह बाद भोजन के अलावा कम-से-कम 6000 रुपए का मातृत्व लाभ प्रदान करना।
- 14 वर्ष तक के बच्चों के लिये भोजन।
- खाद्यान्न या भोजन की आपूर्ति नहीं होने की स्थिति में लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा भत्ता।
- ज़िला और राज्य स्तर पर शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना।