क्यूबा और मानवाधिकार परिषद | 07 Aug 2020
प्रीलिम्स के लियेक्यूबा की भौगोलिक स्थिति, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद मेन्स के लियेसंयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद और अमेरिका, क्यूबा में चिकित्सा के माध्यम से सेवा या मानव तस्करी का मुद्दा |
चर्चा में क्यों?
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों से आग्रह किया है कि वे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (Human Rights Council) में शामिल होने के लिये क्यूबा (Cuba) के दावे का समर्थन न करें।
प्रमुख बिंदु
- अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने क्यूबा द्वारा अन्य देशों को भेजे जाने वाले चिकित्सकों की प्रक्रिया को एक प्रकार की मानव तस्करी के रूप में परिभाषित किया।
- गौरतलब है कि अन्य देशों में चिकित्सक भेजना क्यूबा के लिये विदेशी मुद्रा का एक मुख्य स्रोत है।
- ध्यातव्य है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिकी प्रशासन ने क्यूबा के साथ अपने राजनयिक रिश्तों को लगभग समाप्त कर दिया है।
- क्यूबा इससे पूर्व वर्ष 2014-2016 और वर्ष 2017-2019 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में शामिल था, क्यूबा ने वर्ष 2021-2023 के लिये क्षेत्रीय रिक्तियों में से एक को भरने के लिये आवेदन किया है।
- संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में सीटों को भौगोलिक रूप से वितरित किया जाता है और वे तीन वर्ष की अवधि के लिये कार्यभार संभालते हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद और अमेरिका
- ध्यातव्य है कि वर्ष 2018 में अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) से अपना नाम वापस ले लिया था, इस संबंध में राजदूत निक्की हेली (Nikki Haley) ने UNHRC को मानव अधिकारों का मजाक उड़ाने वाले संगठन के रूप में परिभाषित किया था।
- अमेरिका ने खासतौर पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) द्वारा इज़राइल की निंदा करने वाले प्रस्ताव को अपनाने के लिये परिषद को दोषी ठहराया था।
चिकित्सा के माध्यम से सेवा या मानव तस्करी?
- गौरतलब है कि क्यूबा में लंबे समय तक आम लोगों की विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगा था और यह अधिकार केवल कुछ विशिष्ट लोगों के पास तक ही सीमित था।
- क्यूबा ने सबसे पहले वर्ष 1963 में अल्जीरिया में अपने चिकित्सकों का एक समूह भेजा था, क्योंकि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वह स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी का सामना कर रहा था।
- इसके पश्चात् क्यूबा ने खराब स्वास्थ्य प्रणाली और संकट का सामना कर रहे कई देशों में भी अपने चिकित्सकों के समूह भेजे।
- 1980 के दशक से पूर्व क्यूबा के ये मिशन पूरी तरह से मानवीय सहायता पर आधारित थे, किंतु 1980 के दशक के बाद क्यूबा के ये चिकित्सा मिशन वाणिज्यिक लाभ प्राप्त करने के लिये किये जाने लगे।
- बर्लिन की दीवार गिरने के बाद क्यूबा को सोवियत संघ से प्राप्त होने वाली सब्सिडी में भारी कमी देखने को मिली, जिससे अन्य देशों में चिकित्सकों को भेजने का वाणिज्यिक कार्य और तेज़ होने लगा।
- क्यूबा की इस नीति ने और अधिक वाणिज्यिक रूप तब ले लिया, जब क्यूबा ने वेनेज़ुएला के साथ वर्ष 2000 और वर्ष 2005 में हस्ताक्षित दो व्यापार समझौतों के हिस्से के रूप में चिकित्सा सहयोग कार्यक्रम (Medical Cooperation Program) स्थापित किया।
- गौरतलब है कि ‘ऑयल फॉर डॉक्टर्स’ के नाम से प्रसिद्ध इस कार्यक्रम में प्रतिदिन 105,000 बैरल तेल के बदले में 30,000 से अधिक क्यूबा के चिकित्सकों और दंत चिकित्सकों का वेनेज़ुएला में निर्यात करना शामिल था।
- एक अनुमान के मुताबिक क्यूबा के 40000 से अधिक चिकित्सक वर्तमान में एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कुल 66 देशों में कार्य कर रहे हैं।
- ध्यातव्य है कि बीते कई वर्षों में इन कार्यक्रमों के दौरान क्यूबा सरकार पर चिकित्सकों के श्रम अधिकारों का उल्लंघन करने और अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों का पालन न करने का आरोप लगा है।
- इस संबंध में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्राज़ील की सरकार क्यूबा के प्रत्येक चिकित्सक को भोजन, परिवहन और स्वास्थ्य बीमा के अलावा वेतन के तौर पर 4150 अमेरिकी डॉलर का भुगतान करती है, किंतु क्यूबा के चिकित्सकों को असल में केवल 1000 अमेरिकी डॉलर ही प्राप्त होते हैं, और उसमें से भी 600 अमेरिकी डॉलर उन्हें बैंक खाते में जमा किये जाते हैं, जो वे अपना मिशन खत्म होने के बाद ही प्राप्त कर सकते हैं। शेष बची हुई राशि क्यूबा सरकार द्वारा अधिग्रहित कर ली जाती है।
- इसलिये कई अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ क्यूबा की इस स्थिति को चिकित्सकों की मानव तस्करी के रूप में परिभाषित करते हैं।
अमेरिका-क्यूबा संबंध
- अमेरिका और क्यूबा के संबंध 1959 के बाद से ही अविश्वास और मनमुटाव से त्रस्त हैं। वर्ष 1959 में ही फिडेल कास्त्रो (Fidel Castro) ने अमेरिका द्वारा समर्थित शासन को उखाड़ फेंका था और वहाँ सोवियत संघ के साथ संबद्ध एक समाजवादी राज्य की स्थापना की थी।
- इसके पश्चात् अमेरिका ने क्यूबा को आर्थिक और कूटनीतिक रूप से अलग करने संबंधी नीतियों का अनुसरण किया।
- अमेरिका ने क्यूबा पर किसी अन्य देश की तुलना में लंबे समय तक प्रतिबंध अधिरोपित किये थे।
- हालाँकि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने क्यूबा के साथ अमेरिकी संबंधों को सामान्य करने के लिये कुछ महत्त्वपूर्ण कदम उठाए थे, किंतु वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में इस दिशा में कोई महत्त्वपूर्ण कार्य नहीं किया गया, बल्कि दोनों देशों के संबंध और खराब हो गए हैं।