राजनीतिक दल पंजीकरण ट्रैकिंग प्रबंधन प्रणाली | 04 Dec 2019
प्रीलिम्स के लिये:
भारत निर्वाचन आयोग
मेन्स के लिये:
राजनीतिक दल पंजीकरण ट्रैकिंग प्रबंधन प्रणाली
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत निर्वाचन आयोग ने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से एक ‘राजनीतिक दल पंजीकरण ट्रैकिंग प्रबंधन प्रणाली’ प्रारंभ की है।
मुख्य बिंदु:
- हाल ही में भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के पंजीकरण की प्रणाली तथा प्रक्रिया की समीक्षा की।
- इस समीक्षा के आधार पर भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के पंजीकरण की प्रणाली और प्रक्रिया को सरल बनाने के लिये एक ‘राजनीतिक दल पंजीकरण ट्रैकिंग प्रबंधन प्रणाली’ (Political Parties Registration Tracking Management System- PPRTMS) लागू की है।
- इस पोर्टल के माध्यम से आवेदक दलों के पंजीकरण सबंधी आवेदनों की स्थिति का ऑनलाइन माध्यम से पता लगाया जा सकेगा।
- PPRTMS के माध्यम से 1 जनवरी, 2020 के बाद राजनीतिक दल के पंजीकरण हेतु आवेदन करने वाले आवेदक दल ही अपने आवेदनों की स्थिति का पता लगा सकेंगे।
- इस प्रणाली के बारे में नए दिशा-निर्देश 1 जनवरी, 2020 से लागू किये जाएंगे।
- आवेदक को अपने आवेदन में दल/आवेदक का मोबाइल नंबर और ई-मेल पता दर्ज करना होगा जिसके माध्यम से वह अपने आवेदन की अद्यतन स्थिति से SMS एवं ई-मेल के माध्यम से अवगत हो सकें।
आवेदन की प्रक्रिया:
- राजनीतिक दलों का पंजीकरण जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29(A) के प्रावधानों के अंतर्गत होता है।
- उपर्युक्त धारा के तहत भारत निर्वाचन आयोग में पंजीकरण के लिये इच्छुक दल को अपने गठन की तिथि के 30 दिनों की बाद की अवधि में अपने नाम, पता, विभिन्न इकाइयों की सदस्यता का विवरण, पदाधिकारियों के नाम आदि मूलभूत विवरण सहित निर्धारित प्रारूप में आयोग के पास एक आवेदन करना होता है।
भारत निर्वाचन आयोग:
- भारत निर्वाचन आयोग एक स्थायी संवैधानिक निकाय है।
- भारत निर्वाचन आयोग से जुड़े उपबंधों का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 324 में है।
- वर्तमान में इसमें एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्त होते हैं।
- वर्ष 1950 से 1989 तक आयोग एक सदस्यीय निकाय था, किंतु 61वें संविधान संशोधन द्वारा मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष किये जाने के बाद, राष्ट्रपति द्वारा दो अन्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किये गए।
- वर्ष 1990 में यह निकाय पुनः एकल सदस्यीय निकाय बना।
- उसके बाद वर्ष 1993 में दो अतिरिक्त निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की गई थी, तब से आयोग की बहु-सदस्यीय अवधारणा प्रचलन में है, जिसमें निर्णय बहुमत के आधार पर लिया जाता है।
- भारत के राष्ट्रपति द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की जाती है।
- भारत निर्वाचन आयोग का अध्यक्ष मुख्य निर्वाचन आयुक्त होता है। वर्तमान में सुनील अरोड़ा मुख्य चुनाव आयुक्त हैं।