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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

बोलीविया में राजनीतिक संकट

  • 13 Nov 2019
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

बोलीविया की भौगोलिक स्थिति

मेन्स के लिये:

बोलीविया में उत्पन्न राजनीतिक संकट।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में दक्षिण अमेरिकी देश बोलीविया के राष्ट्रपति ईवो मोरालेस ( Evo Morales) के जबरन इस्तीफ़े ने दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में सबसे बड़े राजनीतिक संकट को उत्पन्न कर दिया है। बोलीविया की मूल निवासी आबादी के पहले राष्ट्रपति मोरालेस ने अभी तक की सबसे स्थिर सरकार की अध्यक्षता की है।

पृष्ठभूमि

  • मोरालेस सर्वप्रथम वर्ष 2006 में निर्वाचित हुए और दक्षिण अमेरिका के सबसे गरीब देश बोलीविया को आर्थिक संवृद्धि की राह पर ले गए।
  • उन्होंने सड़कों को पक्का करने, बोलीविया के पहले उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजने और महंगाई पर लगाम लगाने जैसे महत्त्वपूर्ण कार्य किये।
  • मोरालेस के ही नेतृत्व में बोलीविया लगभग 33% जनसंख्या को चरम गरीबी की स्थिति से निकालने में सफल रहा।
  • उनकी सरकार ने सार्वजनिक निवेश को आगे बढ़ाया तथा बड़ी संख्या में स्कूल,काॅलेज और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की।

प्रमुख बिंदु

  • वामपंथी संघवाद के माध्यम से सत्ता के शिखर पर पहुँचे राष्ट्रपति मोरालेस ने जब इस वर्ष के प्रारंभ में लगातार चौथे कार्यकाल की मांग की तब सोशलिज़्म पार्टी की विचारधारा दो विभाजित हो गई।
  • चौथी बार चुनाव जीतने के उनके दावे ने देश में अशांति पैदा कर दी, विपक्ष ने यह आरोप लगाया कि चुनाव में धोखाधड़ी हुई थी और कुछ विपक्षी दलों ने समर्थकों से सड़कों पर उतरने का आग्रह किया।
  • इससे पूर्व ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ अमेरिकन स्टेट्स (Organ।zat।on of Amer।can States-OAS) ने एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया कि 20 अक्टूबर को हुए चुनाव में ‘भारी अनियमितताऍ’ बरती गईं हैं अतः देश में नया चुनाव होना चाहिये।
  • इस घटनाक्रम के दौरान ईवो मोरालेस ने नए सिरे से चुनाव कराने की पेशकश भी की परंतु संकट तब गहराया जब देश के सेना प्रमुख ने राष्ट्रीय टेलीविज़न चैनल पर उनसे इस्तीफा देने की मांग की।
  • इस बीच विपक्षी दलों और सेना के दबाव के कारण मोरालेस राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर पड़ोसी देश मेक्सिको में राजनीतिक शरण लेते हैं।

राजनीतिक संकट के कारण

  • 21 वीं सदी की समाजवादी क्रांति" के प्रतीक (Baton of 21st century soc।al।st revolut।on) मोरालेस आंदोलन के दूसरे पायदान पर खड़े नेताओं को नेतृत्व को देने में विफल रहे।
  • वर्ष 2016 में जनमत संग्रह के माध्यम से राष्ट्रपति पद की समय सीमा समाप्त करने का उनका प्रयास विफल रहा, जिससे उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
  • विपक्ष ने इसे संविधान को कमज़ोर करने की साज़िश बताया और मोरालेस सरकार पर चुनावी धाँधली का आरोप भी लगाया।

स्रोत : द हिंदू

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