प्रधानमंत्री वय वंदना योजना | 31 Jul 2017
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में प्रधानमंत्री वय वंदना योजना को नए अवतार में पेश किया गया है। हालाँकि वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन प्रदान करने से संबंधित इस योजना में ज़्यादा बदलाव नहीं किया गया है।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
- भारत सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) नाम से एक नई पेंशन योजना की शुरुआत की है।
- प्रधानमंत्री वय वंदना योजना वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना (2014) की तरह ही है, जिसे साल 2014-15 में लॉन्च किया गया था।
- इस स्कीम को सबसे पहले यूनियन बजट 2003-04 (अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल) के दौरान लॉन्च किया गया था।
- भारतीय नागरिक जो कि 60 वर्ष की उम्र से ऊपर के हैं, वो प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) में निवेश करने के पात्र हैं।
- यह योजना 10 साल के लिये 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष मासिक देय (8.30 प्रतिशत प्रतिवर्ष) का निश्चित रिटर्न सुनिश्चित कराती है।
- योजना की खरीदारी के समय पेंशन द्वारा चुनी गई मासिक/तिमाही/अर्द्ध वार्षिक/वार्षिक आवृत्ति के अनुसार 10 वर्षों की पॉलिसी अवधि के दौरान हर अवधि के अंत में पेंशन देय है।
- इस योजना को सेवा कर और जीएसटी से छूट दी गई है। इस योजना में स्वयं या पति या पत्नी की किसी भी गंभीर/टर्मिनल बीमारी के इलाज के लिये समय पूर्व निकासी की अनुमति भी है।
- समय पूर्व निकासी के मामले में योजना क्रय मूल्य की 98 प्रतिशत राशि वापस की जाएगी।
- 10 वर्षों की पॉलिसी अवधि के दौरान पेंशनधारक की मृत्यु पर लाभार्थी को क्रय मूल्य का भुगतान कर दिया जाएगा।
क्यों महत्त्वपूर्ण है यह योजना ?
- पिछले 50 वर्षों में भारत की जनसंख्या लगभग तीन गुनी हो गई है, लेकिन बुजुर्गों की संख्या चार गुना से भी ज़्यादा हो गई है। दुनिया के ज़्यादातर देशों में बुजुगों की संख्या दोगुनी होने में 100 से अधिक वर्ष लग गए, लेकिन भारत में इनकी संख्या केवल 20 वर्षों में ही दुगुनी हो गई।
- बुढ़ापे से संबंधित समस्याओं की गंभीरता को महसूस करते हुए भारत सरकार ने इनसे निपटने के लिये कई नीतियाँऔर योजनाएँ बनाई हैं और प्रधानमंत्री वय वंदना योजना उसी की कड़ी है।
- सरकार वयोवृद्धता से संबंधित मैड्रिड अंतर्राष्ट्रीय कार्य योजना सहित वयोवृद्धता के बारे में विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये भी प्रतिबद्ध है।