प्रधानमंत्री हेल्थकेयर स्कीम 25 सितंबर को होगी लॉन्च | 16 Aug 2018
चर्चा में क्यों?
अगले आम चुनाव से पहले अपने आखिरी स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी महत्त्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान (PMJAA) या राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन (AB-NHPM) को 25 सितंबर को लॉन्च करने की घोषणा की| उन्होंने यूनीफॉर्म सर्विसेज में शॉर्ट सर्विस कमीशन पर महिला अधिकारियों के लिये स्थायी कमीशन और मानव निर्मित अंतरिक्ष मिशन योजना की शुरुआत की भी घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- विश्व की सबसे बड़ी इस स्वास्थ्य योजना को 'मोदीकेयर' भी कहा जा रहा है जिसका उद्देश्य देश में 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को लाभान्वित करते हुए हर परिवार को सलाना पाँच लाख रुपए का मेडिकल बीमा कवर प्रदान करना है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2022 तक राष्ट्रीय ध्वज के साथ अंतरिक्ष में "बेटा या बेटी" भेजेगा। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में महिलाओं और गरीबों पर अधिक ज़ोर दिया|
- प्रधानमंत्री ने न केवल महिलाओं के खिलाफ हिंसा की "राक्षसी प्रवृत्तियों" की निंदा की बल्कि बलात्कार के कई मामलों में मौत की सज़ा देने वाले फास्ट ट्रैक कोर्टों की सराहना भी की|
- प्रधानमंत्री ने आज़ादी के बाद से वर्तमान कैबिनेट में महिलाओं के सर्वाधिक प्रतिनिधित्व का भी ज़िक्र किया|
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले चार वर्षों में एनडीए सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला जिसमें स्वच्छ भारत, पीएमएफबीवाई, मुद्रा ऋण, जीएसटी आदि शामिल हैं|
यूनिवर्सल हेल्थकेयर
- हेल्थकेयर विशेषज्ञों की राय में आयुष्मान भारत यह सुनिश्चित करने का प्रयास था कि सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा समाज के कमज़ोर वर्गों तक पहुँच बना चुकी है और इससे प्राथमिक तथा माध्यमिक स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में लोगों का अनुपात बढ़ सकता है।
- वास्तव में यह उचित प्रतीत होता है कि सरकार ज़मीनी स्तर पर नीति को आगे बढ़ाने में सक्रिय रूप से काम कर रही है।
- सरकार ने इसे एक प्रौद्योगिकी संचालित पहल के रूप में प्रस्तुत किया है जो पारदर्शिता और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम है और यह पहल बड़े पैमाने पर देश में समग्र स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे के विकास को अधिक प्रोत्साहित करेगी|
- सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम स्वागत योग्य है क्योंकि देश में स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढाँचे के अंतर्गत 50 करोड़ गरीब लोगों को आवश्यक दवाइयों तक पहुँच प्रदान करने में मदद मिल रही है।
- सरकार से एक ऐसे तंत्र की उम्मीद है जो सार्वजनिक निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करता हो तथा गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ आम जनता तक पहुँच सकें।
- आज भारत में लगभग 80% स्वास्थ्य सेवा निजी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली द्वारा प्रदान की जाती है और मूल्य-आधारित दवा के माध्यम से भारतीय आबादी की बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये देश को निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों द्वारा संयुक्त प्रयास किये जाने की आवश्यकता है।
- लेकिन इस योजना का वर्तमान ढाँचा उन लोगों के लिये फायदेमंद नहीं होगा जिन्हें तृतीयक देखभाल की आवश्यकता है क्योंकि योजना के तहत पारिश्रमिक मूल्य-आधारित स्वास्थ्य देखभाल का लाभ उठाने के लिये पर्याप्त नहीं होगा।
- इस योजना के तहत तृतीयक स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को हर स्तर पर लागत में कटौती करने के लिये मजबूर किया जाएगा जिससे योजना के तहत मरीज़ों को उप-मानक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जाएंगी।
- वे सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिये आवश्यक दवा, प्रौद्योगिकी और नैदानिक विशेषज्ञता का लाभ उठाने में सक्षम नहीं हो सकते हैं और जल्द ही सिस्टम में विश्वास खो देंगे|
- सरकार को समाज के सभी वर्गों के लिये अनिवार्य सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की ओर देखना चाहिये जो पूल को बढ़ाएगा और सरकार तथा निजी क्षेत्र के बीच क्रॉस-सब्सिडी की अनुमति देगा।
ट्रिपल तलाक बिल
- प्रधानमंत्री ने मुस्लिम समुदाय के ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध लगाने के लिये एक विधेयक लाने में सरकार के प्रयासों का विशेष रूप से उल्लेख किया।
- प्रधानमंत्री ने मुस्लिम महिलाओं से इस विधेयक को पारित करने का वादा भी किया।
- संसद के एक ही सत्र में एससी/एसटी और ओबीसी विधेयकों के पारित होने पर उन्होनें संतोष व्यक्त किया।