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शासन व्यवस्था

पीएम-केयर्स फंड

  • 31 Mar 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

पीएम-केयर्स फंड, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष

मेन्स के लिये:

COVID-19 से निपटने हेतु गठित किये गए कोष से संबंधित मुद्दे 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सरकार ने COVID-19 महामारी द्वारा उत्पन्न किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकटपूर्ण स्थिति से निपटने हेतु ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (Prime Minister’s Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations Fund)’ की स्थापना की है। 

कोष के बारे में:

  • PM-CARES Fund एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट (Public Charitable Trust) है जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री है। अन्य सदस्यों के रूप में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं।
  • कोष में राशि की सीमा निर्धारित नही की गई है जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग योगदान करने में सक्षम होंगे।
  • कोष आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मज़बूत एवं नागरिकों की सुरक्षा हेतु अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा।

कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत योगदान:

(Corporate Social Responsibility-CSR)

  • कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) ने स्पष्ट किया है कि PM-CARES Fund में CSR के तहत कंपनियों को योगदान देना अनिवार्य है।
  • कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत, CSR का प्रावधान उन कंपनियों पर लागू होता है, जिनका कुल मूल्य (Net Worth) 500 करोड़ रुपए से अधिक हो या कुल कारोबार (Turnover) 1000 रुपए करोड़ से अधिक हो या शुद्ध लाभ (Net Profit) 5 करोड़ रुपए से अधिक हो।
  • CSR के तहत उपरोक्त कंपनियों को अपने पिछले तीन वर्षों के शुद्ध लाभों के औसत का 2% योगदान करना आवश्यक है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के बारे में:

(Prime Minister’s National Relief Fund)

  • पाकिस्तान से विस्थापित लोगों की मदद करने के लिये जनवरी, 1948 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अपील पर जनता के अंशदान से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की स्थापना की गई थी।
  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की धनराशि का इस्तेमाल अब प्रमुखतया बाढ़, चक्रवात और भूकंप आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिजनों तथा बड़ी दुर्घटनाओं एवं दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत पहुँचाने के लिये किया जाता है।
  • इसके अलावा, हृदय शल्य-चिकित्सा, गुर्दा प्रत्यारोपण, कैंसर आदि के उपचार के लिये भी इस कोष से सहायता दी जाती है।
  • यह कोष केवल जनता के अंशदान से बना है और इसे कोई भी बजटीय सहायता नहीं मिलती है। समग्र निधि को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों तथा अन्य संस्थाओं में विभिन्न रूपों में निवेश किया जाता है।
  • कोष से धनराशि प्रधानमंत्री के अनुमोदन से वितरित की जाती है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का गठन संसद द्वारा नहीं किया गया है। इस कोष की निधि को आयकर अधिनियम के तहत एक ट्रस्ट के रूप में माना जाता है और इसका प्रबंधन प्रधानमंत्री अथवा विविध नामित अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय प्रयोजनों के लिये किया जाता है।
  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 10 और 139 के तहत आयकर रिटर्न भरने से छूट प्राप्त है।
  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के अध्यक्ष होते हैं और अधिकारी/कर्मचारी अवैतनिक आधार पर इसके संचालन में उनकी सहायता करते हैं। 
  • प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में किये गये अंशदान को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 (छ) के तहत कर योग्य आय से पूरी तरह छूट हेतु अधिसूचित किया जाता है। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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