सभी बिजली मीटरों को ‘स्मार्ट प्रीपेड’ बनाने की योजना | 26 Dec 2018
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने 01 अप्रैल, 2019 से शुरू करके अगले 3 वर्षों में सभी मीटरों को ‘स्मार्ट प्रीपेड’ बनाने की योजना बनाई है।
योजना के लाभ
इस कदम से विद्युत क्षेत्र में क्रांति आने की संभावना है। कुल तकनीकी एवं वाणिज्यिक (All Technical and commercial- AT&C) हानियों में कमी होने, विद्युत वितरण कंपनियों (Distribution Companies- DISCOMs) की वित्तीय स्थिति सुधरने, ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहन मिलने, बिल अदायगी में सुविधा होने और कागजों पर लिखित बिल उपलब्ध कराने की व्यवस्था समाप्त हो जाने से ही इस क्षेत्र में क्रांति संभव हो पाएगी।
- स्मार्ट मीटरों की ओर उठाया जा रहा कदम दरअसल गरीब अनुकूल कदम है क्योंकि इसके लागू होने से उपभोक्ताओं को पूरे महीने का बिल एक ही बार में अदा करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसकी बजाय उपभोक्ता अपनी जरूरत के हिसाब से भुगतान कर सकते हैं।
- स्मार्ट प्रीपेड मीटरों का निर्माण करने से युवाओं के लिये कौशलपूर्ण रोज़गार भी सृजित होंगे।
- राज्य सरकारों ने इससे पहले ‘सभी के लिये बिजली’ दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये थे और उन्होंने अपने-अपने उपभोक्ताओं को चौबीसों घंटे विद्युत आपूर्ति करने पर सहमति जताई थी।
- अत: विद्युत वितरण के लाइसेंसधारक 01 अप्रैल, 2019 तक या उससे पहले ही अपने-अपने उपभोक्ताओं को चौबीसों घंटे बिजली मुहैया कराना शुरू कर देंगे।
- हालाँकि असाधारण या विशिष्ट परिस्थितियों में संबंधित आयोग इस समयावधि में कुछ रियायत दे सकता है। इसमें होने वाली देरी के कारणों को लिखित में दर्ज करना होगा।