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PLACID परीक्षण

  • 29 Oct 2020
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये

यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण

मेन्स के लिये

COVID-19 परीक्षण   

चर्चा में क्यों:

हाल ही में PLACID परीक्षण, एक बहुस्तरीय यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण (Randomized Controlled Trial) से पता चला है कि COVID -19 रोगियों के उपचार के लिये कान्वलेसंट  प्लाज़्मा (Convalescent Plasma- CP) का उपयोग करने पर कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं दिखा और रोगियों के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण (RCT) एक ऐसा परीक्षण है जिसमें विषयों को एक या दो समूहों में यादृच्छिक रूप से बाँटा जाता है: एक (प्रायोगिक समूह) वह समूह जिस पर परीक्षण किया जा रहा है, और दूसरा (तुलना समूह या नियंत्रण) वह जो दूसरे वैकल्पिक उपचार (पारंपरिक) प्राप्त कर रहा है।
  • कान्वलेसंट प्लाज़्मा थेरेपी (Convalescent Plasma Therapy-CPT):
    • संक्रमण से मुक्त होने वाले रोगियों के रक्त से निकाला गया कान्वलेसंट प्लाज़्मा, संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी का एक स्रोत है।
    • इस थेरेपी में उन लोगों से रक्त लिया जाता है जो बीमारी से उबर चुके हैं।
    • COVID-19 से ठीक हुए लोगों द्वारा दान किये गए रक्त में वायरस का एंटीबॉडी होता है। दान किये गए रक्त को रक्त कोशिकाओं को हटाने के लिये संसाधित किया जाता है, जो तरल (प्लाज़्मा) और एंटीबॉडी को स्थानांतरित कर देता है। ये COVID-19 के मरीज़ों को वायरस से लड़ने की उनकी क्षमता को बढ़ाने के लिये दिया जा सकता है।
    • COVID -19 के  प्रलेखित मामले (Documented Case) में निगेटिव आने के बाद और पिछले 28 दिनों तक स्वस्थ रहने के बाद ही कोई प्लाज़्मा दान कर सकता है।
  • PLACID परीक्षण:
    • इस परीक्षण  का आयोजन भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research- ICMR) द्वारा किया गया था और इसका उद्देश्य COVID-19 के उपचार के लिये CPT की प्रभावशीलता की जाँच करना था।
    • यह दुनिया का पहला और सबसे बड़ा यादृच्छिक नियंत्रण परीक्षण (First and largest randomised Control Trial) है।
  • जाँच - परिणाम:
    • परीक्षण के परिणामों से पता चलता है कि कान्वलेसंट प्लाज़्मा के माध्यम से इलाज वाले रोगियों में सामान्य देखभाल वाले COVID-19 रोगियों की तुलना में 28 दिनों की मृत्यु दर में कोई अंतर नहीं था।
    • जबकि कान्वलेसंट प्लाज़्मा के उपयोग से मध्यम रूप से प्रभावित COVID-19 के रोगियों में साँस और थकान की समस्या में सुधार हुआ।
  • निष्कर्षों का प्रभाव:
    • ICMR अब राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों से CPT के विकल्प को हटाने पर विचार कर रहा है।
      • भारत में COVID-19 के इलाज के रूप में CPT ने सोशल मीडिया पर दानदाताओं के लिये कॉल और ब्लैक मार्केट में प्लाज़्मा की बिक्री जैसी संदिग्ध प्रथाओं को जन्म दिया है।
      • यद्यपि नियमों के अनुसार, कान्वलेसंट प्लाज़्मा संक्रमित होने पर उपचार का एक सुरक्षित रूप है,  परंतु इसमें संसाधन-गहन प्रक्रियाएँ शामिल हैं, जैसे- प्लास्मफेरेसिस (रक्त कोशिकाओं से प्लाज़्मा को अलग करना), प्लाज़्मा भंडारण और एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने की माप करने वाले संस्थानों की एक सीमित संख्या है।
      • हालाँकि विशेषज्ञों ने माना है कि ये दिशा-निर्देश अनिवार्य रूप से बाध्यकारी नहीं हैं और यह कान्वलेसंट प्लाज़्मा थेरेपी को खारिज करने के लिये जल्दबाजी होगी।

आगे का रास्ता

  • COVID-19 एक नया वायरस है और वैश्विक समुदाय अभी भी सबसे अच्छे चिकित्सीय विकल्पों की तलाश में है, इसलिये एक दृढ़ कदम उठाना जल्दबाज़ी होगी।
    • उदाहरण के लिये रेमेडिसिविर (Remdesivir) को यूएसए ड्रग रेगुलेटर द्वारा पसंद की दवा (Drug of Choice) के रूप में मंज़ूरी दी गई है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के सॉलिडैरिटी ट्रायल (Solidarity Trial) में पाया गया है कि 28 दिन के दौरान इसका COVID-19 की मृत्यु दर पर कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
  • कुछ उपचारों को सहानुभूति के आधार पर जारी रखा जा सकता है और एक या दो परीक्षणों के परिणामों से संपूर्ण उपचार या चिकित्सा को समाप्त नहीं करना चाहिये।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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