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नासा द्वारा लॉन्च किया गया क्यूबसैट

  • 16 Apr 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नासा द्वारा एक टीम को उनके क्यूबसैट (CubeSat) के लिये चुना गया। इसका नेतृत्व 21 वर्षीय भारतीय अमेरिकी छात्र केशव राघवन कर रहे हैं।

प्रमुख बिंदु

  • क्यूबसैट ब्रह्मांडीय किरणों का पता लगाने के लिये एक मिनी शोध उपग्रह है
  • राघवन की अगुवाई में येल अंडर ग्रेजुएट एयरोस्पेस एसोसिएशन (Yale Undergraduate Aerospace Association- YUAA) के शोधकर्त्ता देश भर की उन 16 टीमों में से एक हैं, जिनके क्यूबसैट को 2020, 2021 और 2022 में एक योजना के तहत अंतरिक्ष में उतारा जाएगा।
  • टीम के क्यूबसैट BLAST (Bouchet Low-Earth Alpha / Beta Space Telescope) का नाम भौतिक विज्ञानी एडवर्ड ए बाउचेट के नाम पर रखा गया है जो अमेरिका में पीएचडी प्राप्त करने वाले पहले अफ्रीकी अमेरिकी हैं।
  • नासा के अनुसार, BLAST एक वैज्ञानिक अन्वेषण मिशन है जो रात में आकाश में गैलेक्टिक कॉस्मिक रेडिएशन के वितरण का मानचित्र तैयार करता है।
  • यह उपग्रह किरणों (Ray’s) में अल्फा और बीटा कणों की पहचान करेगा और पृथ्वी के चारों ओर पाई जाने वाली विकिरण ऊर्जा को मापेगा।
  • BLAST इन किरणों की उत्पत्ति और प्रकृति के लिये चल रही खोज में योगदान देगा, जिससे ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी।
  • क्यूबसैट लघु उपग्रह (Miniature Satellites) हैं। जो लॉन्च किये जाने वाले वाहनों में बड़े उपग्रहों के साथ आसानी से फिट हो सकते हैं।
  • क्यूबसैट मॉडल छात्र समूहों, शौकिया काम करने वाले संगठनों और अनुसंधान टीमों को सीमित धन के उपयोग के साथ काम करने या अंतरिक्ष में अभूतपूर्व पहुँच बनाने का अनुभव देता है।
  • क्यूबसैट 10x10x10 सेमी. क्यूब्स के एक मॉड्यूलर संरचना से निर्मित है। यह व्यावसायिक रूप से उपलब्ध अतिरिक्त घटकों को विविधता प्रदान करता है, जिन्हें विभिन्न निर्माताओं ने संरचना में फिट होने के लिये डिज़ाइन किया गया है।

कॉस्मिक किरणें

  • कॉस्मिक किरणें उच्च ऊर्जा वाले कण होते हैं, जो अंतरिक्ष के वाह्य भाग में उत्पन्न होती हैं। इनकी गति लगभग प्रकाश की गति के समान होती है और पृथ्वी के चारों तरफ पाए जाते हैं।
  • अधिकांश कॉस्मिक किरणें आवर्त सारणी में सबसे हल्के तत्त्वों से लेकर सबसे भारी तत्त्व तक परमाणुओं की नाभिक में होती हैं। कॉस्मिक किरणों में उच्च ऊर्जा इलेक्ट्रॉन, पॉज़िट्रॉन और अन्य उप-परमाणु कण भी शामिल होते हैं।
  • शब्द ‘कॉस्मिक किरणें’ आमतौर पर गेलेक्टिक कॉस्मिक किरणों को संदर्भित करता है, जो सौर प्रणाली के वाह्य स्रोतों में उत्पन्न होती हैं।

स्रोत- टाइम्स ऑफ इंडिया

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