सामाजिक न्याय
दवाओं की खुदरा बिक्री
- 31 Oct 2019
- 3 min read
प्रीलिम्स के लिये:
सुपरबग
मेन्स के लिये:
सामान्य दवाओं की खुदरा बिक्री से संबंधित मुद्दे
चर्चा में क्यों?
भारत सरकार स्थानीय खुदरा दुकानों को सामान्य दवाओं (Common Drugs) की बिक्री संबंधी अनुमति देने की योजना बना रही है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु:
- भारत सरकार के प्रस्ताव के अनुसार, पैरासिटामोल (Paracetamo) जैसी लोकप्रिय दवाओं को बिना किसी चिकित्सीय पर्ची के नियमित दुकानों पर खुदरा बिक्री की अनुमति प्रदान की जाएगी।
- इसके अतिरिक्त इन दवाओं के दुष्प्रभाव और उचित खुराक से संबंधी महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध होगी।
लाभ
- भौगोलिक पहुँच: इस प्रकार के नियम से दूर-दराज के क्षेत्रों तक दवाओं की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, जहाँ तक अभी फार्मेसियों की उपलब्धता बहुत सीमित है।
- स्व-दवा का मुद्दा: स्व-चिकित्सा (Self-Medication) भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक प्रचलित है। बिना पर्चे वाली दवाओं (Non-Prescription Drugs) की बिक्री से लाखों लोगों की इन तक पहुँच स्थापित हो सकेगी।
- चिकित्सकों की उपलब्धता: देश में इस समय पर्याप्त अनुपात में योग्य चिकित्सकों की उपलब्धता नहीं हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग दो-तिहाई चिकित्सक शहरी क्षेत्रों में नियुक्त हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार के नियमों से लोगों की दवाओं तक आसान पहुँच स्थापित हो सकेगी।
चुनौतियाँ
- नियंत्रण: इस प्रकार के नियमों का क्रियान्वयन से संबंधी चुनौतियाँ उत्पन्न होगी क्योंकि अभी तक इसके लिये कोई मानक नहीं स्थापित किये जा सकें हैं।
- स्वास्थ्य को खतरा: बिना किसी चिकित्सीय परामर्श के दवाओं का सेवन स्वास्थ्य हेतु जोखिम उत्पन्न कर सकता है।
- अति उपयोग: सामान्य लोगों की इन दवाओं तक आसान पहुँच स्थापित होने से इनके अति-उपयोग की प्रायिकता बढ़ जाएगी जिससे दीर्घकालिक स्तर पर इन दवाओं के सुपरबग स्थापित हो सकते हैं।