शासन व्यवस्था
पर्सनैलिटी राईट
- 03 Dec 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:पर्सनैलिटी राईट, अनुच्छेद 21, निजता का अधिकार मेन्स के लिये:सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने किसी भी बॉलीवुड स्टार के नाम, छवि और आवाज़ के अवैध उपयोग को रोकने के लिये एक अंतरिम आदेश पारित किया।
- न्यायालय ने अपने आदेश के माध्यम से बड़े पैमाने पर व्यक्तियों को अभिनेता के पर्सनैलिटी राईट का उल्लंघन करने से रोक दिया है।
पर्सनैलिटी राईट (Personality Rights)
- व्यक्तित्त्व अधिकार एक व्यक्ति के निजता या संपत्ति के अधिकार के तहत उसके व्यक्तित्त्व की रक्षा करने के अधिकार को संदर्भित करता है।
- ये अधिकार मशहूर हस्तियों के लिये महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि कंपनियाँ अपनी बिक्री को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न विज्ञापनों में उनके नाम, फोटो/छवि या यहाँ तक कि आवाज़ का आसानी से दुरुपयोग किया जा सकता है।
- इसलिये अपने पर्सनैलिटी राईट की रक्षा के लिये प्रसिद्ध व्यक्तित्त्वों / मशहूर हस्तियों के लिये अपना नाम पंजीकृत करना आवश्यक है।
- अद्वितीय व्यक्तिगत विशेषताओं की एक बड़ी सूची एक सेलिब्रिटी के निर्माण में योगदान करती है। इन सभी विशेषताओं को संरक्षित करने की आवश्यकता है, जैसे नाम, उपनाम, मंच का नाम, चित्र, समानता, छवि और कोई पहचान योग्य व्यक्तिगत संपत्ति, जैसे कि एक विशिष्ट रेस कार।
प्रचार अधिकार और व्यक्तित्त्व अधिकार के बीच अंतर:
- पर्सनैलिटी राईट में दो प्रकार के अधिकार शामिल हैं:
- पहला: प्रचार का अधिकार या बिना किसी अनुमति या बिना संविदात्मक मुआवज़े के छवि और व्यक्तित्त्व को व्यावसायिक रूप से शोषण से बचाने का अधिकार, यह वास्तव में ट्रेडमार्क के उपयोग के जैसा (लेकिन समान नहीं) है।
- दूसरा: निजता का अधिकार या किसी के व्यक्तित्त्व को बिना अनुमति के सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित न करने का अधिकार।
- हालाँकि सामान्य कानून न्यायालयों के तहत, प्रचार अधिकार 'पासिंग ऑफ' के दायरे में आते हैं।
- पासिंग ऑफ तब होता है जब कोई जानबूझकर या अनजाने में अपने सामान या सेवाओं को किसी अन्य पार्टी से संबंधित लोगों को पास किया जाता है।
- अक्सर, इस प्रकार की गलत बयानी किसी व्यक्ति या व्यवसाय की सद्भावना को नुकसान पहुँचाती है जिसके परिणामस्वरूप वित्तीय प्रतिष्ठा को नुकसान होता है।
भारत में पर्सनैलिटी राईट:
- पर्सनैलिटी राईट की रक्षा के लिये भारत के संविधान में अनुच्छेद 21 है जो गोपनीयता और निजता के अधिकार से संबंधित है।
- पर्सनैलिटी राईट की रक्षा करने वाले अन्य वैधानिक प्रावधानों में कॉपीराइट अधिनियम, 1957 शामिल है।
- अधिनियम के अनुसार, नैतिक अधिकार केवल लेखकों और कलाकारों को दिये जाते हैं, जिनमें अभिनेता, गायक, संगीतकार और नर्तक शामिल हैं।
- अधिनियम के प्रावधानों में कहा गया है कि लेखकों या कलाकारों को अपने काम का श्रेय देने या लेखकत्व का दावा करने का अधिकार है और दूसरों को अपने काम को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुँचाने से रोकने का भी अधिकार है।
- भारतीय ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 भी धारा 14 के तहत व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करता है, जो व्यक्तिगत नामों और अभ्यावेदनों के उपयोग को प्रतिबंधित करता है।
- इसके अलावा, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरुण जेटली बनाम नेटवर्क सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड केस (2011) में अपने फैसले में कहा कि किसी व्यक्ति की लोकप्रियता या प्रसिद्धि वास्तविकता की तुलना में इंटरनेट पर अलग नहीं होगी।
- अदालत ने यह भी कहा था कि यह नाम उस श्रेणी में भी आता है जिसमें एक व्यक्तिगत नाम होने के अलावा इसने अपनी खुद की विशिष्ट विशिष्टता भी प्राप्त की है।
उपभोक्ता अधिकारों के विषय में:
- यह बताया गया है कि मशहूर हस्तियों या उनके नाम को व्यावसायिक दुरुपयोग से संरक्षण प्राप्त हैं,परंतु मशहूर हस्तियों द्वारा झूठे विज्ञापन और उत्पाद अथवा सेवाओं के समर्थन उपभोक्ताओं को गुमराह कर सकते हैं।
- ऐसे मामलों के कारण, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने वर्ष 2022 में भ्रामक विज्ञापनों और उपभोक्ता उत्पादों के समर्थन पर रोक लगाने के लिये प्रचारक पर जुर्माना संबंधी एक अधिसूचना जारी की है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा पिछले वर्ष के प्रश्नप्रश्न 1. 'निजता का अधिकार' भारत के संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संरक्षित है? (2021) (a) अनुच्छेद 15 उत्तर: (c) प्रश्न 2: निजता के अधिकार को जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्भूत भाग के रूप में संरक्षित किया गया है। भारत के संविधान में निम्नलिखित में से किस्से उपर्युक्त कथन सही एवं समुचित ढंग से अर्थित होता है? (2018) (a) अनुच्छेद 14 एवं संविधान के 42वें संशोधन के अधीन उपबंध। उत्तर: c |