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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत में ‘पेपाल’ की पहल

  • 09 Nov 2017
  • 6 min read

संदर्भ

उल्लेखनीय है कि पेपाल (PayPal) ने भारतीय बाज़ारों में अपने व्यापार का विस्तार करने के उद्देश्य से देश में अपने घरेलू भुगतान प्लेटफार्म को लॉन्च कर दिया है। डिजिटल भुगतानों की इस कंपनी को पहले भी इसके सीमापारीय लेन-देनों के लिये जाना जाता था, परन्तु अब यह भारत में भी अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेगी। इसने भारत के एक तिहाई बी2सी (B2C) निर्यात भुगतानों पर नियंत्रण का भी दावा किया है।  

प्रमुख बिंदु

  • भारत से संचालित होने वाले पेपाल के साथ ही ग्राहक अब इस प्रसिद्ध कंपनी के साथ ऑनलाइन शॉपिंग सेवाओं का उपयोग करने में सक्षम होंगे।   
  • पेपाल ग्राहकों और व्यापारियों दोनों के साथ कार्य करेगा। पेपाल का उपयोग करके ग्राहकों के सामने विश्व भर के सभी व्यापारियों की सूची सामने आएगी, जिससे वे अपनी इच्छानुसार किसी भी व्यापारी से खरीदारी कर सकते हैं। इसके अलावा यह व्यापारियों के लिये भी लाभदायक है, क्योंकि इससे व्यापारियों के लिये कई विकल्प खुलेंगे।   
  • पेपाल अपने व्यापारियों को उनके कार्य से संबंधित आँकड़े भी उपलब्ध कराएगी जो उन्हें उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।  
  • पेपाल के अनुसार, भारत में एक डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है जिस कारण उसने भारत में अपनी घरेलू सेवाओं को लॉन्च किया है।   
  • इस प्रणाली को सुरक्षित बनाने के लिये पेपाल विनियामकों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर कार्य करेगा। पेपाल अपनी सेवाओं की सुरक्षा के लिये काफी धन खर्च करता है।  
  • इस प्रणाली को सुरक्षित बनाने के लिये पेपाल विनियामकों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर कार्य करता है। पेपाल अपनी सेवाओं की सुरक्षा के लिये काफी धन खर्च करता है।  
  • यदि ग्राहकों की बात करें तो उनके लिये एक पेपाल एप है जो उन्हें इस भुगतान प्रणाली में ले आएगा।   
  • ऐसा प्रतीत होता है कि यह कंपनी बाद में भारत के भीड़-भाड़ युक्त भुगतान बाज़ार में भी प्रवेश करेगी, जहाँ पेटीएम से लेकर अमेजॉन-पे जैसे प्रतिस्पर्धी अपनी सेवाएँ उपलब्ध करा रहे हैं।   
  • इसमें क्रेता और विक्रेता के मध्य किसी विवाद को निपटाने के लिये 180 दिनों का रिज़ोल्युशन विंडो है। इसका तात्पर्य यह है कि यदि कोई ऑनलाइन विक्रेता ग्राहकों द्वारा खरीदी गई वस्तुओं को नहीं भेजता है, तो पेपाल ग्राहक को उसके धन का पुनर्भुगतान करेगा।  यदि ग्राहक वस्तुओं के लिये विक्रेता को उचित भुगतान नहीं करता है, तो व्यापारी को हुई हानि का भी भुगतान करेगा।   
  • पेपाल का दावा है कि अभी तक इसके ग्राहकों की जानकारी व्यापारियों के साथ साझा नहीं की जाती है, क्योंकि ग्राहकों का बैंक अकाउंट इससे जुड़ा होता है और अन्य जानकारी साझा होने पर उन्हें अपने कार्ड के विवरणों में बदलाव करना पड़ता है।   
  • यह अपनी ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं के साथ भी सहयोग करेगा। भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली का तेज़ी से प्रसार हो रहा है। इसका कारण यह है कि लोग ऑनलाइन भुगतानों में सहज महसूस कर रहे हैं। वैश्विक स्तर पर पेपल भुगतान के सुरक्षित, और विश्वसनीय माध्यमों में शामिल है।
  • पेपाल ने ग्राहकों के लिये ईएमआई सुविधा की शुरुआत करने की भी योजना बनाई है और यह व्यापारियों को उनके कारोबार को शुरू करने के लिये आरभिक पूंजी भी उपलब्ध कराएगा।   

क्या है पेपाल?

  • पेपाल होल्डिंग्स इंक एक अमेरिकी कंपनी है, जो एक विश्वव्यापी ऑनलाइन भुगतान प्रणाली का संचालन करती है।  
  • यह कंपनी नकद रहित लेन-देन धन का समर्थन करती है। ये नकद रहित लेन-देन परंपरागत माध्यमों जैसे-चेक और मनी आर्डर का इलेक्ट्रॉनिक विकल्प हैं।   
  • पेपाल विश्व की सबसे बड़ी इंटरनेट भुगतान कंपनियों में से एक है।  
  • यह कंपनी ऑनलाइन विक्रेताओं, नीलामी साइट्स और अन्य वाणिज्यिक यूज़र्स के लिये एक भुगतान संसाधक (payment processor) है।   
  • पेपाल की स्थापना वर्ष 1998 में की गई थी और इसने वर्ष 2002 में आईपीओ (initial public offering) की पेशकश की और उसके बाद यह eBay के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गई।  
  • वर्ष 2015 में eBay ने पेपाल को एक स्वतंत्र कंपनी में बदलने के लिये आवश्यक योजनाओं की घोषणा की और इसे 18 जुलाई को एक स्वतंत्र कंपनी बना दिया गया।
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