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शासन व्यवस्था

जनसंख्या और विकास पहल में भागीदार

  • 11 Dec 2020
  • 7 min read

चर्चा में क्यों

हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने जनसंख्या और विकास भागीदारों (Partners in Population and Development) द्वारा आयोजित अंतर-मंत्रालयी सम्मेलन को डिजिटल रूप में संबोधित किया।

प्रमुख बिंदु:

  • जनसंख्या और विकास में भागीदार:
    • उद्देश्य: यह एक अंतर-सरकारी पहल है जिसके गठन का उद्देश्य विशेष रूप से प्रजनन स्वास्थ्य, जनसंख्या और विकास के क्षेत्र में दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Cooperation) को बढ़ावा देना तथा इसमें सुधार करना है।
    • लॉन्च: PPD को जनसंख्या और विकास पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (International Conference on Population and Development), 1994 में तब लॉन्च किया गया था, जब काहिरा प्रोग्राम ऑफ एक्शन (Cairo Program of Action) को लागू करने में सहायता हेतु एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के दस विकासशील देशों ने एक अंतर-सरकारी गठबंधन तैयार किया था।
      • काहिरा कार्यक्रम 179 देशों द्वारा समर्थित है, यह देशों के अंदर और उनके बीच प्रजनन स्वास्थ्य (Reproductive Health) तथा परिवार नियोजन (Family Planning) के अनुभवों का आदान-प्रदान कर विकास को बढ़ावा देने हेतु एक तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता पर बल देता है।
    • सदस्य: यह 27 विकासशील देशों का गठबंधन है, भारत भी इसका एक सदस्य है।
    • सचिवालय: ढाका (बांग्लादेश)।
  • PPD द्वारा आयोजित अंतर-मंत्रालयी सम्मेलन:
    • इसका आयोजन PPD, चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।
    • उद्देश्य:
      • थ्री ज़ीरो (Three Zeros) की उपलब्धि (2030 तक) में कोविड-19 महामारी के प्रभावों को संबोधित करने के लिये अधिवक्ता और राजनैतिक समर्थन तथा निवेश सुनिश्चित करने हेतु इसे नैरोबी शिखर सम्मेलन, 2019 के तहत अंतिम रूप दिया गया।
      • भारत ने प्रजनन स्वास्थ्य, जनसंख्या और विकास के प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिये PPD के प्रयासों की सराहना की।
  • भारत द्वारा उठाए गए कदम:
    • नैरोबी शिखर सम्मेलन में की गई प्रतिबद्धताओं की पुन: पुष्टि में निरंतरता।
    • अपने प्रमुख कार्यक्रम आयुष्मान भारत के माध्यम से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करने के लिये की गई प्रतिबद्धता।
    • सरकार ने प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिये 2020 तक 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करने का वादा किया है।
    • सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल की आकांक्षा के साथ भारत की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 का उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय को सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product - GDP) के 2.5% तक बढ़ाना है।
    • गर्भ निरोधकों की सीमा को बढ़ाकर और परिवार नियोजन सेवाओं की पहुँच तथा गुणवत्ता में सुधार कर गर्भनिरोधक की आवश्यकता को कम करने के लिये निरंतर प्रयास करना।
    • मातृ मृत्यु दर (Maternal Mortality Rate) को 2030 तक 70 से कम करने और सतत् विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal) प्राप्त करने के लिये सुरक्षित मातृत्व आश्वासन’ (Surakshit Matritva Aashwasan-SUMAN) योजना का कार्यान्वयन।
    • भारत लिंग आधारित हिंसा को संबोधित करने और महिलाओं तथा लड़कियों के खिलाफ सभी प्रकार के अत्याचारों को समाप्त करने के लिये कठोर कानून बना रहा है।
    • यह वर्ष 2030 तक स्थायी विकास की स्थिति प्राप्त करने के लिये समय पर गुणवत्तापूर्ण और अलग-अलग (Disaggregated) डेटा की प्राप्ति, डिजिटल स्वास्थ्य नवाचारों में निवेश तथा डेटा सिस्टम में सुधार करने के लिये प्रतिबद्ध है।
      • राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (National Digital Health Mission) का उद्देश्य देश के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य ढाँचे के हेतु आवश्यक आधार विकसित करना है।
    • परिवार नियोजन सहित समुदाय आधारित हस्तक्षेप भी विभिन्न सेवाओं का हिस्सा है।
    • वैकल्पिक सेवा वितरण तंत्र को टेलीमेडिसिन सेवाओं, प्रशिक्षण के लिये डिजिटल प्लेटफ़ॉर्मों, वित्त में सुधार और आपूर्ति शृंखला प्रणालियों को सुव्यवस्थित करने के लिये बढ़ावा देना।
    • कोविड-19 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) द्वारा महामारी घोषित किये जाने से पहले ही भारत ने इसको लेकर  प्रतिक्रिया शुरू कर दी थी।

आगे की राह

  • वर्तमान समय में उन सभी स्वास्थ्य संस्थानों, शिक्षाविदों और अन्य भागीदारों के एकीकृत और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है जो इन सेवाओं को सुलभ, सस्ती और स्वीकार्य बनाने के लिये प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं से जुड़े हैं। PPD उच्चतम स्तर पर ‘Health for All’ के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिये ऐसे संवाद को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

स्रोत: PIB

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