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ग्राम स्वराज अभियान आंशिक रूप से सफल

  • 07 May 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों ?
14 अप्रैल से लेकर 5 मई तक चले तीन सप्ताह के अभियान के अंतर्गत, सात प्रमुख फ्लैगशिप योजनाओं को लक्षित गाँवों तक पहुँचाने का प्रयास किया गया। ये ऐसे गाँव हैं, जिनमें बड़ी संख्या में गरीब, अनुसूचित जाति, और अनुसूचित जनजाति वाले परिवार निवास करते हैं। लेकिन, सरकारी आँकड़ों के अनुसार, यहाँ लक्षित परिवारों में से केवल 30 प्रतिशत परिवारों को ही बिजली कनेक्शन मिल सका, जबकि 40 प्रतिशत परिवारों को गैस कनेक्शन प्राप्त हुआ।  

प्रमुख बिंदु 

  • ग्रामीण लोगों के वित्तीय समावेशन हेतु चलाई जा रही योजनाओं के अंतर्गत जन धन बैंक खाते और जीवन एवं दुर्घटना बीमा ने उच्च स्तर की परिपूर्णता प्राप्त की है। 
  • गर्भवती महिलाओं और दो साल से कम उम्र के सभी बच्चों के पूर्ण टीकाकरण की योजना लगभग सभी लक्षित लाभार्थियों तक पहुँच गई।
  • ग्राम स्वराज अभियान डॉ. बी.आर. अंबेडकर की जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल को ऐसे गाँवों को लक्षित करके शुरू किया गया था, जहाँ दलित और जनजातीय लोगों का आधिक्य है।
  • यह अभियान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में संशोधन के पश्चात् उपजे देशव्यापी विरोध के बाद शुरू किया गया था। 
  • इसका लक्ष्य सामाजिक सौहार्द को बढ़ाना, गरीबों हेतु चलाए जा रहे सरकारी कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता फैलाना और उन्हें इन योजनाओं के अंतर्गत पंजीकृत करवाना है।
  • कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के ऐसे गाँवों को इसमें शामिल नहीं किया गया, जहाँ चुनावी आचार संहिता लागू थी।
  • सौभाग्य योजना, जिसके अंतर्गत प्रत्येक घर तक बिजली कनेक्शन पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है, के अंतर्गत 4 लाख घरों में कनेक्शन हो पाए, जबकि यह लक्ष्य 14.5 लाख घरों का था। अर्थात् इसका विस्तार लक्षित लाभार्थियों के 27 प्रतिशत तक ही हो पाया।  
  • उज्ज्वला योजना, जिसके तहत सभी घरों को गैस कनेक्शन प्रदान किये जाने का लक्ष्य है, केवल 39 प्रतिशत या 5.6 लाख परिवारों तक विस्तारित हो सकी, जबकि इसके अंतर्गत कुल 14.4 लाख परिवारों तक पहुँच सुनिश्चित की जानी है। 
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार योजनाओं के अंतर्गत बहुत से आवेदकों के केवाईसी की प्रक्रिया जारी है, खासकर उज्ज्वला योजना के लिये, जिसके अंतर्गत 11 लाख आवेदन प्राप्त हुए।
  • अधिकारियों का कहना है कि हालाँकि, ग्राम स्वराज अभियान आधिकारिक रूप से 5 मई को समाप्त हो चुका है, लेकिन सरकार इसे आगे भी पूर्ण संतृप्ति(full saturation) प्राप्त करने तक जारी रखना चाहती है।
  • वित्तीय योजनाओं के अंतर्गत भी उच्च संतृप्ति देखी गई, जहाँ बड़ी मात्रा में जन धन बैंक खाते खोले गए।
  • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत, लक्षित लोगों में से 73 प्रतिशत नामांकित हुए।
  • जबकि, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जो आकस्मिक मौत या अक्षमता से संबंधित एक रिस्क इंश्योरेंस योजना है, के अंतर्गत लगभग 88 प्रतिशत लक्षित लोग नामांकित किये गए।
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