कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित | 01 Aug 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में में राज्यसभा ने कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित कर दिया। यह विधेयक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility-CSR) के मानदंडों को कठोर बनाने और कंपनी कानून के नियमों का पालन न करने वालों के लिये सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करता है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि लोकसभा ने इस विधेयक को 26 जुलाई, 2019 को ही पारित कर दिया था।
- इस विधेयक में वर्ष 2018 के अध्यादेश के सभी प्रावधानों के साथ ही नए संशोधन भी शामिल किये गए हैं।
- इस विधेयक में मुख्य परिवर्तन कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के व्यय से संबंधित प्रावधान में किया गया है जिसके अनुसार, कंपनी को CSR का बचा हुआ पैसा एक विशेष खाते में रखना अनिवार्य होगा।
- यह विधयेक कंपनी रजिस्ट्रार को अधिकार देता है कि वह कंपनियों के रजिस्टर से उस कंपनी का नाम हटाने के लिये कार्रवाई शुरू करे, जो कंपनी कानून के अनुसार किसी भी व्यवसाय या कार्य को नहीं कर रही है।
- यह विधेयक 16 छोटे अपराधों को फिर से सिविल डिफ़ॉल्ट की श्रेणी में रखने और केंद्र सरकार को वित्तीय वर्ष बदलने के लिये प्राप्त आवेदनों के निस्तारण हेतु कार्यों के हस्तांतरण का भी प्रावधान करता है।
- यह प्रावधान विदेशी कंपनियों की सहायक कंपनियों को एकाउंटिंग सुविधा के लिये अपने वित्तीय वर्ष को भारत के वित्तीय वर्ष के अतिरिक्त उक्त विदेशी कंपनी के अनुसार किसी अन्य देश के वित्तीय वर्ष को अपनाने की अनुमति प्रदान करेगा।
- यह विधेयक सार्वजनिक कंपनी को निजी कंपनी में परिवर्तित करने हेतु आवश्यक शक्तियों को NCLT से केंद्र सरकार को स्थानांतरित करने के साथ-साथ राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (NFRA) की कुछ शक्तियों के संबंध में अधिक स्पष्टता प्रदान करता है।