पेरिस जलवायु समझौता एवं सीमेंट क्षेत्र | 12 Apr 2018
चर्चा में क्यों?
कार्बन प्रकटीकरण परियोजना (सीडीपी) द्वारा प्रस्तुत की गई एक रिपोर्ट 'बिल्डिंग प्रेशर' के अनुसार- पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सीमेंट कंपनियों को अपने कार्बन उत्सर्जन के स्तर में दोगुने से भी अधिक की कमी करनी होगी।
प्रमुख बिंदु
- पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये सीमेंट क्षेत्र को अपने उत्सर्जन में शीघ्र कटौती करने की आवश्यकता है।
- वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में सीमेंट क्षेत्र का योगदान लगभग 6 प्रतिशत है।
- सीमेंट, दूसरा सबसे प्रदूषित औद्योगिक उत्पाद है जिसका मुख्यतया अवसंरचना निर्माण में प्रयोग किया जाता है।
- सीमेंट दुनिया में पानी के बाद सबसे अधिक खपत वाला उत्पाद है।
- कार्बन प्रकटीकरण परियोजना (सीडीपी) द्वारा प्रस्तुत की गई एक रिपोर्ट 'बिल्डिंग प्रेशर' के अनुसार अभी तक सीमेंट क्षेत्र के लिये विनियमन बहुत ही कम एवं उदार हैं, किंतु कम कार्बन की मात्रा वाले शहरों के विकास और कड़े निर्माण विनियमों की श्रृंखला के कारण इनमें परिवर्तन अपेक्षित है।
- कार्बन प्रकटीकरण परियोजना (सीडीपी) एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-लाभकारी संस्था है, जो कंपनियों और सरकारों को अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने, जल संसाधनों और जंगलों की सुरक्षा करने का कार्य करती है।
वैकल्पिक सामग्री (alternative materials)
- एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व की प्रमुख 13 सीमेंट उत्पादन कंपनियों का कुल वैश्विक सीमेंट उत्पादन में हिस्सा लगभग 16 प्रतिशत है और इनका कुल बाज़ार पूंजीकरण 150 बिलियन डॉलर है।
- भारतीय सीमेंट कंपनियाँ, सीमेंट बनाने की प्रक्रिया के दौरान कम कार्बन फुटप्रिंट (lower carbon footprint) एवं अन्य कम कार्बन उत्सर्जन वाली वैकल्पिक सामग्रियों के प्रयोग के कारण भारत कार्बन प्रकटीकरण परियोजना (सीडीपी) लीग की सूची में सबसे ऊपर हैं।
- भारतीय सीमेंट कंपनियाँ नये व अधिक कुशल संयंत्र एवं सीमेंट की अधिक मांग होने के कारण भारत में इस क्षेत्र का विकास अधिक तीव्र गति से हो रहा है, जबकि यूरोपीय कंपनियों के संयंत्र पुराने हैं।
- इस रिपोर्ट के अनुसार डालमिया भारत, अंबुजा सीमेंट और सिमेंटोस आर्गोस जलवायु से संबंधित मानको पर सबसे अच्छा प्रदर्शनकारी कंपनियाँ हैं जबकि ताहियो सीमेंट, सिमेंटर होल्डिंग और एशिया सीमेंट निगम की रैंकिंग सबसे कम है।
- सीमेंट एक भारी और बड़े पैमाने पर पाये जाने वाला अदृश्य प्रदूषक है, फिर भी बुनियादी सभ्यता के विकास में इसका उपयोग एक आवश्यक भवन निर्माण सामग्री के रूप में किया जाता है।
- सीमेंट कंपनियों को अपने परिचालन में सुधार करने, नए नवाचारों को अपनाने और अन्य जोखिमों से बचने के लिये अधिक मात्रा में निवेश करना चाहिये।
- प्रारंभ में यह चुनौतीपूर्ण लग सकता है, क्योंकि सीमेंट उत्पादन की लागत में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही है। इसलिये प्रबंधकों, नियामकों और निवेशकों को इस विषय पर दीर्घकालिक विचार करना चाहिये।
- हालाँकि, उन कंपनियों के लिये यह एक अवसर है जो जलवायु जोखिम को ध्यान में रखते हुए उत्पादन प्रक्रिया में आवश्यक परिवर्तन कर रही हैं।
- सीमेंट कंपनियाँ अपने सीमेंट संयंत्रों को अधिक ऊर्जा कुशल बनाकर अपनी लागत को कम कर सकती हैं और कंपनियाँ कम कार्बन उत्सर्जन उत्पादों में निवेश करके भविष्य में टिकाऊ सीमेंट बाज़ारों में अपनी स्थिति को सुरक्षित कर सकती हैं।
- सरकार आवश्यक विनियमों और विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन के माध्यम से इन बाज़ारों के विकास को प्रोत्सहित कर सकती है।
नई तकनीकें (New technologies)
- कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज (Carbon Capture and Storage) कम कार्बन वाली सीमेंट बनाने की एक महत्त्वपूर्ण तकनीक है, परंतु यह परियोजना अभी भी इस क्षेत्र में पायलट चरण में है।
- सीमेंट कंपनियों को वैकल्पिक सामग्री और ईंधन का उपयोग करने, अपने सयंत्रों की क्षमता में सुधार करने और कार्बन कैप्चर और भंडारण जैसी कम कार्बन वाली प्रौद्योगिकियों में तेज़ी से निवेश करना चाहिये।