भारतीय अर्थव्यवस्था
2020 तक शुरू हो जाएंगी 5जी सेवाएँ : 5जी स्पेक्ट्रम रिपोर्ट
- 24 Aug 2018
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चर्चा में क्यों?
टेलीकॉम विभाग द्वारा गठित परिचालन समिति ने देश में 2020 से 5जी स्पेक्ट्रम सेवा शुरू करने की रूपरेखा पर रिपोर्ट दूरसंचार मंत्रालय को सौंप दी है। समिति ने ‘मेकिंग इंडिया 5जी रेडी’ रिपोर्ट में उम्मीद जताई है कि 5जी सेवा शुरू होने से देश की अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड़ डॉलर का फायदा हो सकता है। ए.जे. पॉलराज की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी ने 5जी सेवाओं के लिये अतिरिक्त स्पेक्ट्रम जारी करने की सिफारिश की।
समिति की प्रमुख सिफारिशें
- समिति ने डिजिटल ढाँचा तैयार करने के लिये खासतौर पर सार्वजनिक वायरलेस सेवाओं का विस्तार और अनुकूल स्पेक्ट्रम नीति बनाने को कहा है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि 5जी सेवाओं का 2035 तक 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का संचयी आर्थिक प्रभाव होगा।
- हालाँकि अमेरिका में इस वर्ष के अंत तक या 2019 की पहली तिमाही तक 5जी सेवाओं के शुरू होने की संभावना है वहीं, भारत में यह सेवा 2020 तक शुरू होने की उम्मीद है।
- विश्व स्तर पर 5जी प्रौद्योगिकी की सभी सेवाओं का 2024 तक सभी रेंज में विकसित होने की उम्मीद है| रिपोर्ट में कहा गया है कि 5जी अवसर का लाभ उठाने के लिये जल्द-से-जल्द कार्य किये जाने की आवश्यकता है जिससे भारत लाभांश में तेज़ी ला सकता है और संभावित रूप से एक नवप्रवर्तक भी बन सकता है।
- दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदराजन को समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में व्यवसाय, सुरक्षा और संरक्षण के लिये विशेषज्ञ समिति गठित करने की सिफारिश की गई है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि 5जी सेवा शुरू होने से देश में विभिन्न प्रकार की औद्योगिक एवं शोध-विकास की क्षमता बढ़ेगी।
- 5जी स्पेक्ट्रम को लागू करने के लिये प्रस्तावित संगठनात्मक रूपरेखा को लेकर रिपोर्ट में एक ओवरसाइट समिति गठित करने की सिफारिश की गई है। इसमें सरकार, औद्योगिक संस्थानों, बुद्धिजीवियों और शोध व विकास कार्य करने वाले प्रतिनिधियों को शामिल करने की बात कही गई है।
- वित्तीय पक्ष पर समिति ने पहले वर्ष के लिये 300 करोड़ रुपए, दूसरे वर्ष के लिये 400 करोड़, तीसरे वर्ष के लिये 500 करोड़ रुपए और चौथे वर्ष के लिये 400 करोड़ रुपए का एक व्यापक प्लानिंग का सुझाव दिया है।
- 5जी कार्यक्रमों को सरकार द्वारा वित्तपोषित किये जाने की आवश्यकता होगी। वर्तमान में केवल राष्ट्रीय आँकड़े उपलब्ध हैं। समिति ने कहा है कि वास्तविक रूप में वित्तपोषण की आवश्यकताओं के बारे में तभी अंतिम रूप से फैसला किया जा सकता है जब एक बार अच्छी तरह से परिभाषित परियोजना प्रस्तावों को बजटीय औचित्य के साथ टेलीकम्युनिकेशन विभाग को प्रस्तुत किया जाता है।
- गौरतलब है कि सितंबर 2017 में सरकार द्वारा 5जी सेवा शुरू करने की दिशा में रूपरेखा तैयार करने के लिये इस उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था, इसके बाद एक संचालन समिति भी गठित की गई थी।
- समिति ने नियामकीय नीति पर सुझाव भी दिये हैं जैसे- शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा तथा प्रयोगशालाओं का उपयोग, अंतर्राष्ट्रीय मानकों में भागीदारी, अनुप्रयोग के मानकों का विकास तथा प्रमुख 5जी परीक्षण।
नियमन संबंधी दिशा-निर्देश
- मंत्रालय को सौंपी गई उच्च स्तरीय रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार 5जी को जल्द लागू करने के लिये अक्तूबर 2019 तक नियमन संबंधी दिशा-निर्देश जारी कर सकती है।
- इसके बारे में लोगों को जागरूक और शिक्षित करने के लिये पूर्णकालिक कार्यक्रम समन्वयक नियुक्त करने को कहा गया है। साथ ही, देश भर में विभिन्न संस्थानों से संसाधन जुटाने की जिम्मेदारी समन्वयकों को सौंपने को भी कहा गया है।
- इसके अलावा, सी-डॉट के साथ मिलकर टास्क फोर्स द्वारा जारी की जाने वाली सिफारिशों को लागू कराने का ज़िम्मा भी उन्हें सौंपने के लिये कहा गया है।
- पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण 5जी सेवाएँ लागू करने के लिये सरकार से एक विशेषज्ञ समिति गठित करने को कहा गया है जो इस संबंध में स्पष्ट सिफारिशें दे। साथ ही, ट्रायल के लिये ओवरसाइट समितियों का गठन करने के लिये कहा गया है जो 5जी कार्यक्रम कार्यालय को रिपोर्ट करेगा।
अतिरिक्त मुफ्त स्पेक्ट्रम
- स्पेक्ट्रम नीति के तहत समिति ने सुझाव दिया है कि डिजिटल वायरलेस सेवाओं के लिये मूल उपयोगिता के रूप में डिजिटल बुनियादी ढाँचे को समझने के लिये सार्वजनिक वायरलेस सेवाओं हेतु भारत के स्पेक्ट्रम आवंटन को विभिन्न सीमाओं पर महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ाया जाना चाहिये।
- इसके अलावा, प्रति व्यक्ति जीडीपी के सापेक्ष स्पेक्ट्रम की लागत अधिक है और यह महत्त्वपूर्ण है कि भारत 5जी युग में एक और अधिक अनुकूल स्पेक्ट्रम नीति बनाए।
- समिति ने सुझाव दिया है कि सरकार 31 दिसंबर तक अपनी नीति की घोषणा करेगी और आवश्यक अधिसूचनाएँ जारी करेगी।
- समिति ने स्पेक्ट्रम प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढाँचे के निर्माण पर सलाह देने के लिये पाँच साल की अवधि के साथ एक स्थायी समिति की स्थापना की भी सिफारिश की है।
- समिति ने कहा है कि 5जी सेवा देश में चौथी औद्योगिक क्रांति लाने में उत्प्रेरक का काम करेगी और भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने में मददगार साबित होगी।