भारतीय राजनीति
राज्यसभा में स्वतः प्रवृत्त (automatic) निलंबन के लिये पैनल
- 12 Jul 2018
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चर्चा में क्यों?
राज्यसभा अध्यक्ष एम. वेंकैया नायडू द्वारा गठित नियम समीक्षा समिति ने अपने अंतरिम रिपोर्ट में दो प्रमुख सिफारिशें की हैं, जिनमें जानबूझकर किये गए अपराध के लिये स्वतः प्रवृत्त निलंबन और प्रश्नकाल के समय में परिवर्तन शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु:
- राज्यसभा के पूर्व महासचिव वी. के. अग्निहोत्री की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।
- रिपोर्ट को एम. वेंकैया नायडू की अध्यक्षता वाली ऊपरी सदन की नियम समिति और सभी पार्टियों के सदस्यों द्वारा मंज़ूरी देना अनिवार्य होगा।
- जानबूझकर किये गए अपराध के लिये स्वतः प्रवृत्त निलंबन एक विवादास्पद विषय है, पूर्व में भी जब हामिद अंसारी राज्यसभा के सदस्य थे, इस विषय पर बहस हुई थी।
- उल्लेखनीय है कि लोकसभा में स्वतः प्रवृत्त निलंबन का प्रावधान है, किंतु राज्यसभा में किसी सदस्य के स्वतः प्रवृत्त निलंबन के लिये अध्यक्ष के सुझाव पर सदन को मत की आवश्यकता होती है, अध्यक्ष इस संदर्भ में स्वयं निर्णय नहीं ले सकता है।
- समिति ने राज्यसभा के अध्यक्ष के लिये लोकसभा की भाँति ही प्रावधान की सिफारिश की है।
- दूसरी सिफारिश में प्रश्नकाल को दोपहर 11 बजे से बहाल करने की सिफारिश की गई है।
- उल्लेखनीय है कि प्रश्नकाल संसद का पहला घंटा होता है, इस दौरान संसद सदस्यों द्वारा सामान्यतः मंत्रियों से प्रश्न पूछे जाते हैं।