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सामाजिक न्याय

डिब्बा-बंद खाद्य पदार्थों का स्वास्थ्य पर प्रभाव

  • 18 Dec 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये

अनुशंसित आहार भत्ता (RDA), लाल अष्टभुज (Red Octagon)

मेन्स के लिये

खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनियम की भूमिका

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (Centre for Science and Environment-CSE) ने फास्टफूड्स में नमक (Salt) तथा फैट (Fat) की मात्रा पर एक अध्ययन किया। इसमें भारतीय बाज़ारों में बिकने वाले खाद्य पदार्थों में इनकी मात्रा आवश्यकता से अधिक पाई गई।

Junk-Food

मुख्य बिंदु:

  • CSE द्वारा किये गए अध्ययन में 33 लोकप्रिय जंकफूड्स के नमूनों को शामिल किया गया था तथा इनमें नमक, फैट, ट्रांसफैट एवं कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा की जाँच की गई।
  • इन खाद्य पदार्थों की उपयुक्तता की जाँच हेतु CSE ने अनुशंसित आहार भत्ता (Recommended Dietary Allowance-RDA) को आधार माना।

“एक स्वस्थ व्यक्ति द्वारा प्रतिदिन की पोषण आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु लिये जाने वाले आहार में पोषकों की औसत मात्रा को RDA कहा जाता है। भारत में RDA की मात्रा का निर्धारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) तथा राष्ट्रीय पोषण संस्थान (National Institute of Nutrition-NIN) द्वारा किया जाता है।”

  • RDA के अनुसार, एक वयस्क को प्रतिदिन 5 ग्राम नमक, 60 ग्राम फैट, 300 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स तथा 2.2 ग्राम ट्रांसफैट से अधिक पोषकों को ग्रहण नहीं करना चाहिये।
  • नमूने में शामिल जंकफूड्स की प्रति 100 ग्राम मात्रा में नमक, फैट, ट्रांसफैट तथा कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा RDA के तहत अनुशंसित मात्रा से कहीं अधिक पाई गई।

नियंत्रण के उपाय:

  • भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India-FSSAI) द्वारा प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनियम [Food Safety and Standards (Labelling and Display) Regulations] के मसौदे के तहत डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की निर्माता कंपनियों के लिये दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।
  • निर्माता कंपनियों के लिये अनिवार्य होगा कि वे खाद्य सामग्री की कैलोरी, संतृप्त वसा, ट्रांस फैट, एडेड शुगर तथा सोडियम की मात्रा को पैक के आगे की तरफ प्रदर्शित करें।
  • इसके अलावा कंपनियों को फूड प्रोडक्ट्स पर लगे लेबल में खाद्य सामग्री में उपस्थित पोषक तत्त्वों की मात्रा को RDA के प्रतिशत में दिखाना होगा।
  • CSE ने इस मसौदे के तहत सुझाव दिया है कि पेरू (Peru) तथा चिली (Chile) की तर्ज पर भारत में भी सभी डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों के पैक पर लाल अष्टभुज (Red Octagon) का निशान होना चाहिये जिसके माध्यम से चेतावनी संबंधी निर्देश दिये गए हों।
  • जैसे- लाल अष्टभुज का निशान पैक के अगले हिस्से में हो तथा उस पर यह प्रदर्शित किया जाए कि कोई सामग्री RDA द्वारा निर्धारित मात्रा की तुलना में कितनी अधिक डाली गई है।

लाल अष्टभुज (Red Octagon):

  • यह वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों द्वारा प्रयोग में लाया जाने वाला एक प्रतीक चिह्न है। इसके माध्यम से खाद्य सामग्रियों में शामिल पोषकों की अधिकता को प्रदर्शित करने हेतु चेतावनी दी जाती है।
  • उदाहरण के तौर पर किसी खाद्य पदार्थ में मीठे की मात्रा अधिक होने पर लाल अष्टभुज के अंदर निर्देश में “हाई इन शुगर” (High in Sugar) या कैलोरी की मात्रा अधिक होने पर “हाई इन कैलोरी” (High in Calorie) लिखा जाएगा।
  • इस प्रकार के चिह्नों के प्रयोग से खाद्य पदार्थों में शामिल सामग्रियों की कैलोरी की गणना नहीं करनी होगी बल्कि चिह्नों के माध्यम से इसे आसानी से दर्शाया जा सकेगा।
  • चिली में यह व्यवस्था वर्ष 2016 में लागू की गई थी। इसके एक वर्ष बाद कार्बोनेटेड पेय पदार्थों (Carbonated Beverages) की प्रति व्यक्ति खपत में 24.9 प्रतिशत की कमी आई।

स्रोत: द हिंदू, डाउन टू अर्थ

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