जैव विविधता और पर्यावरण
ओज़ोन प्रदूषण (Ozone pollution)
- 29 May 2019
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चर्चा में क्यों?
वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (System of Air Quality and Weather Forecasting And Research-SAFAR) के पूर्वानुमान के अनुसार, बढ़ते तापमान के साथ दिल्ली में सतही ओज़ोन (Surface Ozone) जिसे क्षोभमंडलीय ओज़ोन (Tropospheric Ozone) भी कहा जाता है, के प्रदूषण में वृद्धि होने की संभावना है।
सतही ओज़ोन या क्षोभमंडलीय ओज़ोन
- सतही ओज़ोन एक प्राथमिक प्रदूषक नहीं है बल्कि यह सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में NOx (नाइट्रोजन ऑक्साइड), CO (कार्बन मोनोऑक्साइड) की रासायनिक अभिक्रियाओं के कारण उत्पन्न होता है। “जब तापमान में वृद्धि होती है, तो ओज़ोन के उत्पादन की दर भी बढ़ जाती है।
- वायुमंडल के निम्नतम स्तर में पाई जाने वाली अर्थात् क्षोभमंडलीय ओज़ोन को ‘बुरी ओज़ोन’ (Bad Ozone) भी कहा जाता है।
- यह ओज़ोन मानव निर्मित कारकों जैसे आंतरिक दहन इंजनों, औद्योगिक उत्सर्जन और बिजली संयंत्रों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण का परिणाम है।
ओज़ोन प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव
- ओज़ोन के अंत:श्वसन पर सीने में दर्द, खाँसी और गले में दर्द सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- यह ब्रोन्काइटिस (Bronchitis), वातस्फीति (Emphysema) और अस्थमा की स्थिति को और बद्दतर सकता है।
- इससे फेफड़ों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है और ओज़ोन के बार-बार संपर्क में आने से फेफड़ों के ऊतक स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते है।
- सतही ओज़ोन वनस्पति और पारिस्थितिकी तंत्र को भी नुकसान पहुँचाती है।
वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR)
- वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली की शुरुआत जून 2015 में दिल्ली और मुंबई के लिये की गई थी।
- इस प्रणाली के ज़रिये अग्रिम तीन दिनों के लिये वायु प्रदूषण (स्थान-विशेष) का अनुमान लगाने के साथ ही लोगों को आवश्यक परामर्श देना संभव हो पाया है।
- यह प्रणाली लोगों को उनके पास के निगरानी स्टेशन पर हवा की गुणवत्ता के बारे में जानकारी प्राप्त करने और उसके अनुसार उपाय अपनाने का फैसला लेने में मदद करती है।
- 'सफर' (SAFAR) के माध्यम से लोगों को वर्तमान हवा की गुणवत्ता, भविष्य में मौसम की स्थिति, खराब मौसम की सूचना और संबद्ध स्वास्थ्य परामर्श के लिये जानकारी तो मिलती ही है, साथ ही पराबैंगनी/अल्ट्रा वायलेट सूचकांक (Ultraviolet Index) के संबंध में हानिकारक सौर विकिरण (Solar Radiation) के तीव्रता की जानकारी भी मिलती है।
निष्कर्ष: ओज़ोन हमारे स्वास्थ्य के लिये काफी खतरनाक हैं। दिल्ली और आसपास रहने वाले, चाहे अमीर हों या गरीब, यहाँ तक कि खुले में रहने वालों पर भी खतरा है। दिल्ली और एनसीआर में इस समय स्वास्थ्य के सुरक्षा की बहुत सख्त जरूरत है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों, बाहर काम करने वाले मजूदरों, अस्थमा और फेफेड़ों के रोग से प्रभावित लोगों को इस समय खास ध्यान रखना चाहिये।
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