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भारत में ऑनलाइन जुआ

  • 04 May 2023
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत में ऑनलाइन जुआ, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867, ऑनलाइन गेमिंग

मेन्स के लिये:

भारत में ऑनलाइन जुआ, इसके लाभ और हानि

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत सरकार ने राज्यों को ऑनलाइन सट्टेबाज़ी और जुआ मंचों को बढ़ावा देने वाले बाह्य विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

  • सरकार ने पहले जून 2022 में मीडिया को एक दिशा-निर्देश जारी किया था, जिसमें उन्हें जनहित में ऐसे विज्ञापनों को प्रकाशित करने से परहेज करने का निर्देश दिया गया था।

सरकार का पक्ष:

  • सरकार ने पाया है कि कुछ सट्टेबाज़ी और जुआ मंच बाह्य मीडिया जैसे- होर्डिंग्स, पोस्टर, बैनर एवं ऑटो रिक्शा ब्रांडिंग का उपयोग अपनी वेबसाइट्स/एप्स को बढ़ावा देने हेतु कर रहे हैं।
  • ऐसे विज्ञापन भ्रामक पाए गए और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अनुरूप नहीं पाए गए।
  • इसके अलावा चूँकि सट्टेबाज़ी और जुआ देश के अधिकांश हिस्सों में अवैध है, वे उपभोक्ताओं, विशेष रूप से युवाओं एवं बच्चों हेतु वित्तीय तथा सामाजिक आर्थिक जोखिम उत्पन्न करते हैं।
  • सरकार ने विशिष्ट सट्टेबाज़ी मंच के प्रचार पर आपत्ति जताई है, जिसने लोगों को कॉपीराइट अधिनियम के प्रथम दृष्टया उल्लंघन में अपनी वेबसाइट पर खेल लीग देखने हेतु प्रोत्साहित किया।

ऑनलाइन जुआ:

  • ऑनलाइन जुए में पैसे या पुरस्कार जीतने के लिये खेल और घटनाओं पर दाँव लगाकर इंटरनेट के माध्यम से जुआ गतिविधियों में भाग लेना शामिल है। इसे विभिन्न उपकरणों पर चलाया जा सकता है और इसमें नकदी के बजाय वर्चुअल चिप या डिजिटल मुद्राओं का उपयोग शामिल है।
  • वर्ष 2022 में वैश्विक ऑनलाइन जुआ बाज़ार का मूल्य 63.53 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और इसके वर्ष 2023 से वर्ष 2030 तक 11.7% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है, जिसमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र सबसे बड़ा बाज़ार है।
  • ऑनलाइन जुए के विभिन्न प्रकार हैं, जिसमें स्लॉट, ब्लैकजैक और रूलेट, खेल सट्टेबाज़ी, पोकर एवं लॉटरी जैसे कैसीनो गेम शामिल हैं। ये भारत सहित अधिकांश देशों में प्रतिबंधों तथा कानूनों की अलग-अलग स्तर के साथ विनियमित हैं।

ऑनलाइन गेमिंग और ऑनलाइन जुए में अंतर:

  • कानून के तहत गेमिंग और जुए के बीच का अंतर इसमें शामिल कौशल के तत्त्व पर निर्भर करता है। यदि किसी ऑनलाइन गतिविधि में कौशल की आवश्यकता नहीं है, तो इसे जुआ खेलने के बजाय जुआ माना जाएगा।
  • इसलिये कानून के अनुसार, अनुमत गेमिंग गतिविधियों के लिये कौशल की आवश्यकता होती है, जबकि जुआ गतिविधियाँ अवसर पर निर्भर करती हैं।

ऑनलाइन जुए से संबंधित चिंताएँ:

  • वित्तीय और सामाजिक परेशानी:
    • ऑनलाइन जुआ अत्यधिक व्यसनी हो सकता है, जिससे गंभीर वित्तीय और सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। चूँकि यह आसानी से सुलभ है, खिलाड़ी अपने द्वारा खर्च किये जा रहे समय और धन की मात्रा को महसूस किये बिना गेम खेलने में घंटों बिता सकते हैं।
  • अनियमित:
    • ऑनलाइन जुआ सामान्यतः अनियमित होता है, जिससे धोखाधड़ी की गतिविधियों को अंजाम देना सरल हो जाता है। इससे खिलाड़ियों को अपना पैसा गँवाना पड़ सकता है या उनकी निजी जानकारी से समझौता किया जा सकता है।
    • जुए को लेकर भारत में जटिल कानून हैं और अधिकांश राज्यों में उपलब्ध नहीं हैं। जुए पर प्रत्येक राज्य का अपना अधिकार क्षेत्र है।
  • मनी लॉन्ड्रिंग का साधन:
    • ऑनलाइन जुए का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के साधन के रूप में किया जा सकता है, जहाँ खिलाड़ी बड़ी मात्रा में नकदी ऑनलाइन खातों में जमा कर सकते हैं और फिर वैध रूप में धन की निकासी कर सकते हैं।
  • साइबर-हमलों के लिये प्रवण:
    • ऑनलाइन जुआ साइट्स साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील हो सकती हैं, जिससे खिलाड़ियों की संवेदनशील व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी की चोरी हो सकती है।
  • सामाजिक अलगाव:
    • ऑनलाइन जुआ सामाजिक अलगाव का कारण बन सकता है क्योंकि खिलाड़ी ऑनलाइन गेम खेलने में घंटों बिता सकते हैं, जिससे परिवार और दोस्तों के साथ सामाजिक संपर्क में कमी आती है।

ऑनलाइन जुए के लाभ:

  • सुविधा: ऑनलाइन जुआ अपने घर या कहीं भी इंटरनेट कनेक्शन के साथ सरलता से एक्सेस किया जा सकता है, जो इसे पारंपरिक जुए के तरीकों की तुलना में अधिक सुविधाजनक बनाता है।
  • अभिगम्यता: ऑनलाइन जुआ अकसर विकलांग लोगों या उन लोगों के लिये अधिक सुलभ होता है जिन्हें अपने घरों को छोड़ने में कठिनाई होती है। ऑनलाइन जुए के कारण उन्हें जुआ गतिविधियों में भाग लेने की इज़ाज़त मिलती है जो अन्यथा उनके लिये मुश्किल या असंभव है।
  • राजस्व सृजन: ऑनलाइन जुए में कराधान और विनियमन के माध्यम से भारत सरकार के लिये महत्त्वपूर्ण राजस्व उत्पन्न करने की क्षमता है। इसके अतिरिक्त ऑनलाइन जुआ उद्योग भारतीय उद्यमियों के लिये नौकरी के अवसर पैदा कर सकता है, जो अपने स्वयं के ऑनलाइन जुआ मंचों को विकसित और संचालित कर सकते हैं।

ऑनलाइन जुए पर भारतीय कानून:

  • सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867:
    • वर्तमान में सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 जुआ और इसके सभी रूपों में नियंत्रित करने के लिये भारत में केवल एक केंद्रीय कानून है। यह एक पुराना कानून है, जो डिजिटल कैसीनो, ऑनलाइन जुआ और गेमिंग की चुनौतियों से निपटने के लिये अभिकल्पित नहीं है।
  • संविधान की सातवीं अनुसूची:
    • भारत में जुआ काफी हद तक राज्य का विषय है। इसका मतलब यह है कि राज्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में जुए को विनियमित करने के लिये अपने स्वयं के कानून बनाएँ।
  • विभिन्न राज्यों में कानून:
    • दिल्ली, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने कुछ संशोधनों के साथ सार्वजनिक जुआ अधिनियम को अपनाया है।
    • गोवा, सिक्किम, दमन, मेघालय और नगालैंड जैसे अन्य क्षेत्रों ने अपने अधिकार क्षेत्र में सार्वजनिक जुए को विनियमित करने के लिये विशिष्ट कानूनों का मसौदा तैयार किया है।

आगे की राह

  • ऑनलाइन जुए के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को नियामकों और नीति निर्माताओं द्वारा निष्पक्ष एवं ज़िम्मेदार जुआ सुनिश्चित करने के लिये इनके निपटान करने की आवश्यकता है।
  • भारत में कानूनी परिदृश्य जटिल है और विभिन्न राज्यों में भिन्न भी है, इसलिये व्यक्तियों को अपने राज्य के कानूनों के बारे में पता होना चाहिये और केवल लाइसेंस प्राप्त ऑनलाइन जुआ गतिविधियों में भाग लेना चाहिये।

स्रोत: द हिंदू

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