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  • 02 Sep 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

देश भर में ‘इलेक्टर वेरिफिकेशन प्रोग्राम’ (Electors Verification Programme) के मेगा मिलियन लॉन्‍च के अवसर पर भारतीय निर्वाचन आयोग ने 1 सितंबर, 2019 को नई दिल्ली में राष्‍ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (National Voters’ Service Portal-NVSP) और मतदाता हेल्‍पलाईन एप (Voter Helpline App) का अनावरण किया।

प्रमुख बिंदु

  • मतदाता सूची भारतीय निर्वाचन आयोग की आधारशिला है।
  • यह एक महत्त्वपूर्ण अवसर है जब सभी मतदाता अपने ब्‍यौरों को सत्‍यापित और प्रमाणित कर सकते हैं।
  • कार्यक्रम का मुख्‍य उद्देश्‍य मतदाता सूची को बेहतर बनाना, नागरिकों को बेहतर मतदात सेवाएँ प्रदान करना और आयोग तथा मतदाताओं के बीच संवाद को बेहतर बनाना है।
  • 32 मुख्य चुनाव अधिकारियों (CEOs) ने राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों में, 700 ज़िला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) ने ज़िलों में और लगभग 10 लाख मतदान केंद्रों में बूथ लेवल के अधिकारियों (BLOs/EROs) ने देश में सभी स्‍तरों पर इस कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम 1 सितंबर, 2019 से 15 अक्‍तूबर, 2019 तक चलेगा।

मतदाता NVS पोर्टल या मतदाता हेल्‍प लाइन एप अथवा साझा सेवा केंद्रों या निकट के किसी मतदान सुविधा केंद्र पर जाकर निम्‍न सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।

  • वर्तमान विवरणों की जाँच और सुधार।
  • निम्‍न दस्‍तावेजों के ज़रिये प्रविष्टियों का सत्‍यापन/प्रमाणन:
    • (1) भारतीय पासपोर्ट (2) ड्राइविंग लाइसेंस (3) आधार कार्ड (4) राशन कार्ड (5) सरकारी/अर्द्ध सरकारी कर्मियों का पहचान-पत्र (6) बैंक खाता (7) किसान पहचान कार्ड (8) पेन कार्ड (9) RGI (Registrar General and Census Commissioner of India) द्वारा जारी स्‍मार्ट कार्ड (10) पानी/बिजली/टेलिफोन/गैस कनेक्‍शन का नवीनतम बिल।
  • परिवार के सदस्‍यों का विवरण देना तथा उनकी प्रविष्टियों की जाँच।
  • मतदाता सूची में नाम वाले परिवार के सदस्‍य, परिवार के सदस्‍य जिनके नाम मतदाता सूची में हैं और जो स्‍थायी रूप से अन्‍य जगह जा चुके हैं या जिनकी मृत्‍यु हो गई है के विवरणों को अद्यतन करना।
  • 1 जनवरी, 2001 को या इससे पहले जन्‍मे परिवार के योग्‍य सदस्‍यों तथा संभावित मतदाता, जिनका जन्‍म 2 जनवरी, 2002 से एक जनवरी, 2003 के बीच हुआ है और वे मतदाता के साथ रह रहे हैं, के ब्‍यौरे को जमा करना।
  • बेहतर मतदाता सेवाओं के लिये मोबाइल एप के माध्‍यम से आवास को GIS (Geographic Information System) को जोड़ना।
  • वर्तमान के मतदान केंद्र के बारे में अनुभव साझा करना और यदि कोई अन्‍य वैकल्पिक मतदान केंद्र है तो इसकी जानकारी देना।
  • ब्‍यौरे के प्रमाणन से तथा मोबइल नंबर को साझा करने से मतदाताओं को ऑनलाइन आवेदन की स्थिति, EPIC (Electoral Photo ID Card) की स्थिति, मतदान दिवस की घोषणाएँ, मतदाता स्लिप आदि से संबंधित जानकारी उनके पंजीकृत ईमेल और मोबाइल नंबर पर दी जाएगी।

मतदाता सूची की क्रमसंख्‍या में बदलाव, मतदान केंद्र का ब्‍यौरा, BLO/ERO में बदलाव से संबंधित मतदान केंद्र की सभी जानकारी मतदाताओं के साथ साझा की जाएगी।

इस अवसर पर निर्वाचन आयोग के कर्मियों ने अपने तथा अपने परिजनों के विवरणों का सत्‍यापन व प्रमाणन किया।

स्रोत: PIB

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