नई दूरसंचार नीति में 'एक राष्ट्र एक लाइसेंस' व्यवस्था | 03 Aug 2017
संदर्भ
दूरसंचार सचिव अरुण सुंदरराजन ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार अगले साल आने वाली नई दूरसंचार नीति में 'एक राष्ट्र एक लाइसेंस' शासन पर विचार करेगी।
लाभ
- सरकार का यह कदम, यदि लागू किया जाता है तो, स्थानीय और एसटीडी कॉल के बीच अंतर को दूर कर सकता है, क्योंकि सेवा प्रदाताओं को देश के विभिन्न हिस्सों में परिचालन के लिये अलग-अलग लाइसेंसों की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि एक एकल लाइसेंस ही पर्याप्त होगा।
व्यापार करने में आसानी
- दूरसंचार सचिव ने इस नई नीति पर चर्चा करने के लिये दूरसंचार ऑपरेटरों, बुनियादी ढाँचा प्रदाताओं, उपकरण निर्माताओं और हैंडसेट निर्माताओं सहित उद्योग जगत के अन्य प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उन परिवर्तनों को लागू करने के लिये प्रतिबद्ध है जो देश में व्यापार करने को आसान बनाते हैं।
- बैठक के दौरान, भारती एयरटेल के एक प्रतिनिधि ने कहा कि यही समय है जब लाइसेंस के प्रकार और भौगोलिक विभाजन (टेलीकॉम सर्किल और सेवा क्षेत्र) को दूर कर दिया जाना चाहिये।
‘एक राष्ट्र एक लाइसेंस’ नीति क्या है ?
- सेवाओं और सेवा क्षेत्रों में 'एक राष्ट्र एक लाइसेंस' नीति का निर्माण राष्ट्रीय दूरसंचार नीति, 2012 के उद्देश्यों में से एक है।
- नई राष्ट्रीय दूरसंचार नीति में सरकार का दृष्टिकोण इस क्षेत्र को और सक्षम बनाना है।
- सरकार का प्रयास है कि इस उद्योग के लिये लाभ की एक व्यवहार्य दर कैसे सुरक्षित की जा सकती है।
- सरकार इस पॉलिसी के माध्यम से जो हासिल करना चाहती है उसके लिये दूरसंचार विभाग इस पर एक श्वेत पत्र लाएगा।
- नई नीति का मसौदा दिसंबर 2017 तक तैयार होने की संभावना है, जबकि अंतिम नीति मार्च 2018 तक तैयार होने की उम्मीद है।