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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

ब्रिक्स-मीडिया को बढ़ावा देने के लिये एक मिलियन डॉलर का फंड

  • 09 Jun 2017
  • 3 min read

संदर्भ
ब्राज़ील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) समूह, वैश्विक मीडिया क्षेत्र में अपना विस्तार करने की तरफ कदम बढ़ा रहा है। इसी के तहत चीन की सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी के अध्यक्ष और ब्रिक्स मीडिया फोरम के कार्यकारी अध्यक्ष ने घोषणा की है कि यह समाचार एजेंसी पाँच देशों वाले इस समूह में मीडिया क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिये 1 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इसका उद्देश्य ‘संतुलित रिपोर्टिंग’ जैसे उद्देश्यों को बढ़ावा देना है।
  • ब्रिक्स देश एक वैकल्पिक मीडिया चाहते हैं जो वाशिंगटन या लंदन के निर्देशों के अनुसार कार्य न करे।
  • ब्रिक्स मीडिया फोरम चीन की सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी, ब्राज़ील के सी.एम.ए. ग्रुप, रूस की स्पुतनिक न्यूज और रेडियो एजेंसी, भारत के द हिंदू समूह तथा दक्षिण अफ्रीका के स्वतंत्र मीडिया का एक संयुक्त उपक्रम है।
  • ब्रिक्स के अनुसार, उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं (जैसे- ब्रिक्स) को ‘वैश्विक मीडिया स्पेस’ में अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिये ताकि मौज़ूदा मीडिया की ‘अत्यधिक पक्षपातपूर्ण सामग्री’ को चुनौती दी जा सके।
  • ब्रिक्स देशों के 27 मीडिया संगठनों के पत्रकारों ने हाल ही में चीन में आयोजित ब्रिक्स मीडिया फोरम में भाग लिया। उल्लेखनीय है कि ब्रिक्स मीडिया फोरम अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में समानता और न्याय को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध है।
  • फोरम में ब्रिक्स डिजिटल मीडिया, वित्तीय सूचना सेवाओं और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने पर चर्चा की गईं।
  • फोरम में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि मीडिया का यह कर्त्तव्य और सामाजिक जिम्मेदारी है कि वह  सटीकता, निष्पक्षता और सच्चाई जैसे पारंपरिक मूल्यों को बढ़ावा दे।

ब्रिक्स (BRICS)
यह विश्व की 43% जनसंख्या वाली पांच प्रमुख (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। ब्रिक्स देशों की विश्व व्यापार में 30% और विश्व जी.डी.पी. में 17% की भागीदारी है।
2006 में सेंट पीटर्सबर्ग (रूस) में आयोजित रूस, भारत और चीन के नेताओं की बैठक के बाद ब्रिक (भारत, ब्राज़ील, रूस, चीन) का गठन किया गया।
सितंबर, 2010 में न्यूयॉर्क में ब्रिक विदेश मंत्रियों की बैठक हुई जिसमें दक्षिण अफ्रीका को ब्रिक में शामिल किया गया, जिसके बाद यह समूह ब्रिक्स के रूप में जाना जाने लगा।

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