भारतीय अर्थव्यवस्था
वन-आवर ट्रेड सेटलमेंट
- 07 Sep 2023
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:वन-आवर ट्रेड सेटलमेंट, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, एप्लीकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट (ASBA), तात्कालिक ट्रेड सेटलमेंट मेन्स के लिये:वन-आवर ट्रेड सेटलमेंट के लाभ |
स्रोत : द हिंदू
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने घोषणा की है कि उसका लक्ष्य व्यापार निपटान प्रक्रियाओं की दक्षता बढ़ाने के लिये मार्च 2024 तक ट्रेडों का वन-आवर ट्रेड सेटलमेंट अर्थात् एक घंटे का निपटान शुरू करना है।
- SEBI जनवरी 2024 तक सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडिंग के लिये एप्लीकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट (ASBA) जैसी सुविधा लॉन्च करेगा।
एप्लीकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट (ASBA):
- ASBA SEBI द्वारा आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPOs), अधिकार मुद्दों और अन्य प्रतिभूतियों की पेशकश के लिये आवेदन एवं आवंटन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने हेतु शुरू की गई एक व्यवस्था है।
- ASBA को निवेशकों को पूरी आवेदन राशि अग्रिम रूप से हस्तांतरित किये बिना शेयरों के लिये आवेदन करने की अनुमति देकर आवेदन प्रक्रिया को अधिक कुशल और निवेशक-अनुकूल बनाने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
- इसमें शेयरों की सदस्यता के लिये भुगतान की जाने वाली राशि निवेशक के खाते से तब तक डेबिट नहीं की जाती जब तक कि कंपनी द्वारा शेयर आवंटित नहीं किये जाते।
व्यापार समझौता:
- परिचय:
- व्यापार निपटान वित्तीय बाज़ारों में एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें व्यापार में शामिल पक्षों के बीच धन और प्रतिभूतियों का हस्तांतरण शामिल होता है।
- इससे यह सुनिश्चित होता है कि खरीदार को खरीदी गई प्रतिभूतियाँ और विक्रेता को संविदित धनराशि प्राप्त हो।
- प्रतिभूति व्यापार के संदर्भ में यह निपटान प्रक्रिया लेन-देन को अंतिम रूप देती है।
- T+1 निपटान चक्र:
- जनवरी 2023 में भारत ने T+1 निपटान चक्र अपनाया, जहाँ T व्यापार तिथि का प्रतिनिधित्व करता है।
- इसका तात्पर्य यह है कि व्यापार-संबंधी निपटान वास्तविक लेन-देन के 1 व्यावसायिक दिवस या 24 घंटों के भीतर होता है।
- शीर्ष-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों में T+1 निपटान चक्र लागू करने वाला भारत, चीन के बाद दूसरा देश बन गया है।
- इस बदलाव से कई फायदे हुए, जिनमें परिचालन दक्षता में वृद्धि, द्रुत फंड ट्रांसफर, त्वरित शेयर डिलीवरी और शेयर बाज़ार में प्रतिभागियों के लिये बेहतर सुविधा शामिल है।
रियल टाइम ट्रेड सेटलमेंट हेतु SEBI की नई योजना
- वन-आवर ट्रेड सेटलमेंट:
- इस योजना के तहत जब कोई निवेशक शेयर बेचता है, तो बिक्री की राशि वन-आवर अर्थात् एक घंटे के अंदर उसके खाते में जमा कर दी जाएगी और खरीदार को उसी समय-सीमा के अंदर अपने डीमैट खाते में खरीदे गए शेयर प्राप्त होंगे।
- यह मौजूदा T+1 चक्र की तुलना में निपटान समय में कमी को दर्शाता है।
- तात्कालिक ट्रेड सेटलमेंट:
- SEBI स्वीकार करता है कि तात्कालिक निपटान करना अधिक जटिल कार्य है, जिसके लिये अतिरिक्त प्रौद्योगिकी विकास की आवश्यकता है।
- इसलिये उनकी योजना पहले वन-आवर ट्रेड सेटलमेंट को लागू करने पर केंद्रित है और फिर तात्कालिक निपटान की दिशा में आगे बढ़ने की है।
- तात्कालिक निपटान शुरू करने की समय-सीमा वर्ष 2024 के अंत तक होने का अनुमान है।
वन-आवर ट्रेड सेटलमेंट के लाभ:
- त्वरित लेन-देन:
- निवेशकों को निपटान समय में कमी का अनुभव होगा, जिससे धनराशि और प्रतिभूतियों तक त्वरित पहुँच संभव होगी।
- बढ़ी हुई तरलता:
- त्वरित निपटान से बाज़ार में तरलता में सुधार हो सकता है क्योंकि पुनर्निवेश के लिये धनराशि जल्द ही उपलब्ध हो जाएगी।
- जोखिम में कटौती:
- निपटान समय को कम करने से प्रतिपक्ष और बाज़ार जोखिम को कम किया जा सकता है, जिससे समग्र बाज़ार स्थिरता में वृद्धि होगी।
- निवेशक सुविधा:
- निवेशक अपने फंड और प्रतिभूतियों तक त्वरित पहुँच की सराहना करेंगे, जिससे बाज़ार अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बन जाएगा।