अंतर्राष्ट्रीय संबंध
उपराष्ट्रपति की तीन यूरोपीय देशों की यात्रा
- 22 Sep 2018
- 6 min read
चर्चा में क्यों?
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू 14 से 20 सितंबर, 2018 तक तीन देशों- सर्बिया, माल्टा और रोमानिया की आधिकारिक यात्रा पर रहे। उल्लेखनीय है कि इस यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति ने विश्व स्तर पर भारत के बढ़ते महत्त्व को रेखांकित किया।
उद्देश्य
इस यात्रा के दौरान उक्त देशों की सरकारों के प्रमुखों, प्रधानमंत्रियों और अन्य वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के साथ अत्यंत सौहार्द्रपूर्ण माहौल में वार्ता हुई। इस यात्रा से इन तीनों देशों में से प्रत्येक देश के साथ द्विपक्षीय संबंधों को गहरा बनाने में काफी मदद मिली।
प्रमुख बिंदु
तीनों देशों ने यूएनएससी में भारत की दावेदारी और साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुधारों को आगे बढ़ाने का समर्थन किया।
- तीनों देशों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के व्यापक सम्मेलन को प्रारंभिक तौर पर अपनाने और आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के रुख का समर्थन किया गया।
- तीनों देशों ने योग और आयुर्वेद में काफी रुचि दिखाई तथा रोमानिया में उपराष्ट्रपति ने आयुर्वेद पर दो पुस्तकों का विमोचन भी किया और एक आयुर्वेद सूचना केंद्र का उद्घाटन किया।
- भारत ने तीनों देशों के साथ संयंत्र संरक्षण, पर्यटन, वायु सेवाओं, तेल अनुसंधान, राजनयिक प्रशिक्षण और समुद्री सहयोग से संबंधित क्षेत्रों में एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
- सभी देशों के नेताओं ने भारत के आर्थिक विकास की प्रशंसा की और राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक रूप से भारत के साथ जुड़ने और साझेदारी करने के लिये उत्सुकता दिखाई।
उपराष्ट्रपति की सर्बिया यात्रा
- अपने तीन राष्ट्रों के दौरे के पहले चरण में भारतीय उपराष्ट्रपति ने 14-16 सितंबर 2018 तक सर्बिया का दौरा किया।
- भारत और सर्बिया के बीच ऐतिहासिक और गुट निरपेक्ष आंदोलन के सह-संस्थापक के रूप में विशेष संबंध हैं। दोनों देश परस्पर हितों के मुद्दों पर एक-दूसरे का समर्थन भी करते हैं।
- इस वर्ष, भारत और सर्बिया भी राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं सालगिरह मना रहे हैं। भारत और सर्बिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- सर्बिया और भारत के बीच कृषि उत्पादों के व्यापार में वृद्धि हेतु संयंत्र संरक्षण और संयंत्र संगरोध में सहयोग पर समझौता तथा वायु सेवा समझौता पर हस्ताक्षर किये गए।
उपराष्ट्रपति की माल्टा यात्रा
- उपराष्ट्रपति 16-18 सितंबर, 2018 तक माल्टा की यात्रा पर रहे। भारत 1964 में माल्टा को मान्यता देने और माल्टा की आज़ादी के तुरंत बाद राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले प्रमुख देशों में एक था। भारत-माल्टा वार्षिक व्यापार लगभग 212 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- इस यात्रा के दौरान माल्टा ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की।
- उपराष्ट्रपति की इस यात्रा के दौरान भारत और माल्टा के बीच तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गए- (i) समुद्री सहयोग पर जहाज़रानी मंत्रालय, भारत सरकार तथा परिवहन, बुनियादी ढाँचा और पूंजी परियोजना मंत्रालय, माल्टा सरकार के बीच समझौता ज्ञापन (ii) विदेश सेवा संस्थान, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और भूमध्यसागरीय एकेडमी ऑफ डिप्लोमैटिक स्टडीज़, माल्टा विश्वविद्यालय के बीच परस्पर सहयोग पर समझौता ज्ञापन (iii) भारत और माल्टा के बीच पर्यटन सहयोग के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन।
उपराष्ट्रपति की रोमानिया यात्रा
- उपराष्ट्रपति ने 18-20 सितंबर, 2018 तक रोमानिया का दौरा किया। भारत और रोमानिया गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध साझा करते हैं- रोमानियाई भाषाविज्ञानी, दार्शनिक और कवि भारतीय विचारों से प्रभावित थे और इसका प्रभाव उनके कार्यों में भी पाया गया।
- आधुनिक समय में रोमानिया के साथ भारत के राजनयिक संबंध 1948 में स्थापित हुए थे। वर्तमान में दोनों देश उच्च स्तरीय और मंत्रिस्तरीय यात्राओं का नियमित आदान-प्रदान कर रहे हैं। भारत-रोमानिया वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार लगभग 810 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- इस यात्रा के दौरान भारत और रोमानिया ने पर्यटन क्षेत्र में सहयोग को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। इसके आलावा, पेट्रोलियम-गैस विश्वविद्यालय, प्लोएस्टी और पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विश्वविद्यालय, गांधीनगर के मध्य समझौता ज्ञापन और बुखारेस्ट चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा सीआईआई, एसोचैम और पीएचडीसीसीआई के साथ तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गए।
- रोमानिया के यूरोपीय संघ के अध्यक्ष बनने के बाद यूरोपीय संघ-भारत व्यापार समझौते को फिर से शुरू करने के लिये मज़बूत समर्थन प्राप्त हुआ।