प्रौद्योगिकी
आकाशीय बिजली से बचने के लिये पाम के पेड़ का सहारा
- 31 May 2018
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चर्चा में क्यों?
ओडिशा सरकार ने हर साल आकाशीय बिजली गिरने के कारण होने वाली मौतों की समस्या का समाधान करने के लिये एक पारंपरिक अभ्यास को पुनर्जीवित करने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिये अधिक-से-अधिक पाम के पेड़ लगाने का निर्णय लिया है। हर साल आकाशीय बिजली के गिरने से लगभग 500 लोगों की मौत हो जाती है। पाम का पेड़, सबसे ऊँचा पेड़ होने के कारण आकाशीय बिजली के प्रहार के विरुद्ध एक अच्छे कंडक्टर के रूप में कार्य करता है।
- राज्य सरकार ने राष्ट्रीय एवं राज्य के राजमार्गों तथा तटीय गाँवों की सामान्य भूमि पर पाम के पेड़ लगाने की योजना बनाई है ताकि राजमार्गों और तटीय क्षेत्रों के किनारों पर पाम के पेड़ों की एक वन सीमा निर्मित की जा सके।
- राज्य वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा इस संबंध में वन के सभी क्षेत्रीय संरक्षकों और डिवीज़नल वन अधिकारियों को निर्देश जारी किये जा चुके हैं।
पारंपरिक अभ्यास
- पहले समय में पाम के पेड़ों का रोपण गाँवों में एक पारंपरिक अभ्यास था, लेकिन बढ़ते शहरीकरण और विकास के कारण इस अभ्यास को धीरे-धीरे बंद कर दिया गया।
- यह प्रजाति कई प्रकार से लाभदायक होती हैं। इसके फलों को खाया जाता है, लकड़ी की तरह इस पेड़ का तना भी काफी मूल्यवान होता है, इसकी पत्तियों से टोकरी और चटाइयाँ बनाई जाती हैं।
किस प्रकार लाभदायक होगा?
- आमतौर पर आकाशीय बिजली के प्रभाव में वे चीजें आती हैं जिनकी ऊँचाई सबसे अधिक होती है। पाम का पेड़ अपने आसपास के अन्य पेड़ों में सबसे ऊँचा होने के कारण बिजली के कंडक्टर के रूप में काम करता है, इससे बिजली गिरने से होने वाली मौतों में भी कमी आती है।
- इसके अतिरिक्त पाम के पेड़ तटीय क्षेत्रों की तूफान और चक्रवात से भी रक्षा करते हैं, जबकि इसकी जड़ें मिट्टी के कटाव से तटबंधों की रक्षा करती हैं।
आँकड़े क्या कहते हैं?
- ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Odisha State Disaster Management Authority - OSDMA) के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में राज्य में बिजली के कारण 1,256 मौतें हुई हैं, जिनमें से अधिकांश घटनाएँ (तकरीबन 85%) मई से सितंबर के बीच हुई हैं।
- 'आपदा मृत्यु' (Disaster Deaths) के कुल आँकड़ों में 27 फीसदी हिस्सा बिजली गिरने के कारण होने वाली मौतों का है।
जागरूकता अभियान
- इस योजना को सफल बनाने के लिये ओएसडीएमए ने बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान भी शुरू किया है, जिसके अंतर्गत लोगों को इस संबंध में शिक्षित करने के साथ-साथ रक्षात्मक उपाय भी बताए जा रहे हैं ताकि समय पड़ने पर इन उपायों के माध्यम से लोग अपनी रक्षा कर सकें।
- पाम के पेड़ की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए पड़ोसी देश बांग्लादेश ने भी ऐसी ही एक योजना आरंभ की है, जिसके तहत एक मिलियन पाम के पेड़ों का रोपण किया जाएगा। आपको बता दें कि भारत की तरह बांग्लादेश में भी हर साल बिजली गिरने से बहुत-सी दुर्घटनाएँ होती हैं।