सामाजिक न्याय
गंभीर कुपोषण से निपटने के लिये पोषण मानदंड
- 25 Sep 2018
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चर्चा में क्यों?
भारत की शीर्ष पोषण समिति, राष्ट्रीय पोषण तकनीकी बोर्ड (National Technical Board on Nutrition- NTBN) ने गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के पोषण प्रबंधन से संबंधित मानदंड जारी करने की सिफारिश की है।
NTBN की सिफारिशें
- गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अनाज, दाल और सब्जियों से तैयार ताज़ा भोजन तथा आंगनवाडी केंद्रों द्वारा वितरित किया गया पौष्टिक आहार खिलाना चाहिये।
- छह महीने से तीन साल की उम्र के बच्चों को दिया जाने वाला भोजन स्थानीय रूप से उपलब्ध उपयुक्त खाद्य सामग्री से तैयार किया जाना चाहिये।
- सिफारिशों के अनुसार, आंगनबाड़ी केंद्रों को गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को सुबह का पौष्टिक नाश्ता तथा गर्म ताज़ा भोजन उपलब्ध कराना होगा।
- इसमें स्थानीय रूप से उपलब्ध अनाज, दालें, हरी पत्तेदार सब्जियाँ और कंद, विटामिन सी से समृद्ध फलों के साथ-साथ ताजा दूध और हर सप्ताह 3-4 अंडे भी दिया जाना निर्धारित किया गया है। इस प्रकार का भोजन स्थानीय स्वयं-सहायता समूहों, माँ या ग्रामीण समितियों द्वारा तैयार किया जाना चाहिये।
- दिशा-निर्देशों में गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान करने, उन्हें निकटतम स्वास्थ्य सुविधा या पोषण पुनर्वास केंद्रों में भेजने के लिये आंगनवाड़ी श्रमिकों और सहायक नर्स मिडवाइफ़ (ANM) की भूमिका तय की गई है।
- शेष बच्चों को ‘समुदाय आधारित प्रबंधन’ के तहत नामांकित किया गया है, जिसमें पोषण संबंधी प्रावधान, प्रगति की निरंतर निगरानी, एंटीबायोटिक दवाओं पर नियंत्रण और सूक्ष्म पोषक तत्त्वों के साथ-साथ परामर्श सत्र और पोषण तथा स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना शामिल है।
- ये उपाय कुपोषण से पीड़ित बच्चों के लिये ‘समुदाय आधारित स्वास्थ्य प्रबंधन’ का हिस्सा हैं। सरकार ने अब तक केवल गंभीर रूप से कुपोषित ऐसे बच्चों जिनका चिकित्सकीय उपचार जटिल है, को अस्पताल में भर्ती करने के लिये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा इन दिशा-निर्देशों को वर्ष 2011 में सार्वजनिक किया गया था।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार, भारत में 5 साल से कम आयु के 7.5% या 8 मिलियन बच्चे गंभीर रूप से वेस्टिंग जैसी समस्या से पीड़ित हैं।
राष्ट्रीय पोषण तकनीकी बोर्ड (National Technical Board on Nutrition- NTBN)
- भारत सरकार ने पोषण संबंधी नीतिगत मामलों पर तकनीकी सुझाव देने के लिये 2017 में पोषण पर राष्ट्रीय तकनीकी बोर्ड की स्थापना करने का निर्णय लिया था।
- बोर्ड की भूमिका सलाहकारी और विशिष्ट होगी।
कार्य
- महिलाओं और बच्चों से संबंधित पोषण के बारे में तकनीकी सुझाव देना।
- राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिये सुरक्षात्मक उपायों (व्यवहार परिवर्तन सहित) पर सलाह देना।
- मौजूदा वैज्ञानिक और परिचालित अनुसंधान का विश्लेषण करना, शोध अंतराल की पहचान करना और अनुसंधान संबंधी विषयों पर तकनीकी सिफारिशें देना।
- राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों, अन्य क्षेत्रों तथा संस्थानों द्वारा प्रस्तावित पोषण सर्वेक्षणों की रूपरेखा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं अन्य सर्वेक्षणों के साथ उनकी संबद्धता का तकनीकी रूप से मार्गदर्शन करना।
- भारत विशिष्ट विकास संकेतकों का निर्माण करना।