शासन व्यवस्था
नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज: स्मार्ट सिटीज़ मिशन
- 22 Feb 2021
- 5 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने ‘नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज’ प्रतियोगिता के तहत देश के 25 शहरों के चयन की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु:
- नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज:
- प्रारंभ: नवंबर 2020
- विशेषताएँ:
- मंत्रालय ने कहा कि यह चैलेंज एक तीन वर्षीय कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य भारतीय शहरों और अन्य भागीदारों के साथ मिलकर सार्वजनिक स्थान, गतिशीलता, पड़ोस योजना, प्रारंभिक बचपन संबंधी सेवाओं और सुविधाओं तक सभी की पहुँच तथा शहरी एजेंसियों के डेटा प्रबंधन में सुधार करने के लिये विभिन्न मानकों एवं तरीकों का समर्थन करना है।
- इसका लक्ष्य भारतीय शहरों के बीच बचपन केंद्रित दृष्टिकोण का प्रचार करना है।
- सहयोगी संगठन:
- आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय, बर्नार्ड वैन लीर फाउंडेशन (BvLF) और विश्व संसाधन संस्थान (WRI) भारत।
- चयनित शहरों को सहायता:
- चयनित शहरों के प्रस्ताव, तत्परता और प्रतिबद्धता के आधार पर इन्हें छोटे बच्चों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये तकनीकी समर्थन तथा क्षमता-निर्माण संबंधी प्रायोगिक एवं मानकीकृत समाधान प्रदान किये जाते हैं।
- महत्त्व:
- बच्चों के प्रति संवेदनशीलता: शहरी डिज़ाइन और योजना एक बच्चे के जीवन के शुरुआती वर्षों (0- 5 वर्ष) को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो कि एक बच्चे के दीर्घकालिक स्वास्थ्य और विकास की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण अवधि होती है।
- यह स्मार्ट सिटीज़ मिशन के ITCN (शिशु-Infant, टॉडलर-Toddler, केयरगिवर-Caregiver, फ्रेंडली नेबरहुड्स-Friendly Neighbourhoods) फ्रेमवर्क के अनुरूप स्थापित किया गया है, इस फ्रेमवर्क के पाँच उद्देश्य हैं- पड़ोस को सुरक्षित, सुखी, सुलभ, समावेशी और हरित बनाना।
- समावेशी विकास को प्रोत्साहन: यह समावेशी विकास को बढ़ावा देता है क्योंकि इसका उद्देश्य सभी संवेदनशील नागरिकों खासकर छोटे बच्चों के लिये शहरी क्षेत्रों में अवसरों को बढ़ावा देना है।
- बच्चों के प्रति संवेदनशीलता: शहरी डिज़ाइन और योजना एक बच्चे के जीवन के शुरुआती वर्षों (0- 5 वर्ष) को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो कि एक बच्चे के दीर्घकालिक स्वास्थ्य और विकास की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण अवधि होती है।
स्मार्ट सिटी मिशन:
- स्मार्ट सिटी मिशन स्थानीय विकास सुनिश्चित करने और प्रौद्योगिकी की मदद से नागरिकों के लिये बेहतर परिणामों के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने तथा आर्थिक विकास को गति देने हेतु भारत सरकार द्वारा एक अभिनव और नई पहल है।
- उद्देश्य: कोर अवसंरचना प्रदान करने वाले शहरों को बढ़ावा देना, अपने नागरिकों को जीवन की अच्छी गुणवत्ता प्रदान करना, स्वच्छ और सतत् वातावरण प्रदान करना तथा स्मार्ट समाधानों को उपलब्ध कराना।
- केंद्रबिंदु: यह मिशन सतत् और समावेशी विकास पर केंद्रित होने के साथ-साथ अन्य संबंधित क्षेत्रों के लिये ऐसे अनुकरणीय मॉडल बनाने हेतु प्रेरित करता है जो अन्य आकांक्षी शहरों के लिये एक मार्गदर्शक की तरह कार्य करें।
- रणनीति:
- पूरे शहर के लिये पहल जिसमें कम-से-कम एक स्मार्ट समाधान शहर भर में लागू किया गया हो।
- निम्नलिखित तीन मॉडलों की सहायता से क्षेत्रों को चरण-दर-चरण विकसित करना:
- रेट्रोफिटिंग (Retrofitting)
- पुनर्विकास (Redevelopment)
- हरित क्षेत्र (Greenfield)
- कवरेज और अवधि: इस मिशन ने शुरुआत के पाँच वर्षों की अवधि के दौरान (वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20) 100 शहरों को कवर किया है।
- वित्तीयन: यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
स्रोत- पी.आई.बी.