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‘नो परमिशन-नो टेकऑफ (NPNT) अनुपालन

  • 30 Mar 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने देश में ड्रोन संचालन को सुविधाजनक, सुगम बनाने और बढ़ावा देने के लिये 34 अतिरिक्त ग्रीन ज़ोन में ‘नो परमिशन-नो टेकऑफ’ (NPNT) के अनुपालन की अनुमति दी है।

प्रमुख बिंदु:

परिचय:

  • NPNT एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जिसके द्वारा भारत में परिचालन से पहले डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रत्येक रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (नैनो को छोड़कर) को वैध अनुमति प्राप्त करनी होगी।
    • रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (RPA) को एक मानवरहित एयरक्राफ्ट (UA) के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसे एक दूरस्थ पायलट स्टेशन से संचालित किया जाता है। ड्रोन मानवरहित एयरक्राफ्ट (UA)  के लिये एक सामान्य शब्दावली है।
    • डिजिटल स्काई, नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एक पहल है, जो एक अत्यधिक सुरक्षित और मापनीय प्लेटफॉर्म है और NPNT जैसे तकनीकी ढाँचे का समर्थन करता है। यह उड़ान अनुमति को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने और मानव रहित विमान संचालन तथा यातायात को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने के लिये तैयार किया गया है।
  • यदि एक NPNT अनुपालन ड्रोन भू-आबद्ध के लिये निर्धारित सीमा (हवाई क्षेत्र में अनुमेय सीमा से आगे जाने के लिये ) को भंग करने की कोशिश करता है, तो इसमें अंतर्निहित सॉफ्टवेयर ड्रोन को वापस लौटने (रिटर्न-टू-होम ) के लिये मजबूर करेगा।
  • ग्रीन ज़ोन क्षेत्रों में ड्रोन उड़ानें मानव रहित विमान प्रणाली (UAS) नियम, 2021 की लागू शर्तों के अनुरूप होंगी।
  • इन अनुमोदित ग्रीन ज़ोन ’में उड़ान भरने के लिये  डिजिटल स्काई पोर्टल या एप के माध्यम से केवल उड़ानों के समय और स्थान की सूचना की आवश्यकता होगी।
    • ‘येलो ज़ोन’ में उड़ान भरने के लिये अनुमति लेनी आवश्यक है तथा ‘रेड ज़ोन’ में किसी भी उड़ान की अनुमति नहीं है।

मानव रहित विमान प्रणाली (UAS) नियम, 2021 

  • UAS को हवाई जहाज़, रोटरक्राफ्ट और हाइब्रिड के रूप में वर्गीकृत किया गया था, वर्तमान में इसे  रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट, मॉडल रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट, और स्वायत्त मानव रहित विमान प्रणाली के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • UA को अधिकतम भार के आधार पर नैनो, सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े मानवरहित विमानों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • व्यक्तियों और कंपनियों द्वारा नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ( DGCA ) से अनिवार्य रूप से आयात, निर्माण, व्यापार, मानव सहित या ड्रोन संचालित करने के लिये अनुमोदन प्राप्त करना होगा।
  • नो परमिशन- नो टेक-ऑफ (NPNT) पॉलिसी को सभी UAS (नैनो को छोड़कर) के लिये अपनाया गया है।
  • सूक्ष्म और लघु  UAS को क्रमशः 60 मीटर और 120 मीटर से ऊपर उड़ान भरने की अनुमति नहीं है।
  • UAS को  गृह मंत्रालय द्वारा हवाई अड्डों, रक्षा हवाई अड्डों, सीमावर्ती क्षेत्रों, सैन्य प्रतिष्ठानों/सुविधाओं और रणनीतिक स्थानों/महत्त्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के रूप में चिह्नित क्षेत्रों सहित रणनीतिक और संवेदनशील स्थानों में उड़ान भरने से प्रतिबंधित किया गया है।
  • अनुसंधान और विकास (R&D) संगठन, जिसमें स्टार्ट-अप, अधिकृत UAS निर्माता, भारत में स्थित उच्च शिक्षा के किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान शामिल हैं, को  DGCA से प्राधिकार प्राप्त करने के बाद ही UAS के R&D को आगे बढ़ाने की अनुमति है।
  • व्यक्तियों पर 10 हज़ार रुपए  से 1 लाख रुपए तक के दंड का प्रावधान है, जबकि संगठनों के लिये संगठन के आकार के आधार पर 200, 300 और 400% राशि निर्दिष्ट की गई है

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया

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