सिफारिश पत्र के बिना सी.जी.एच.एस. लाभार्थियों के लिये इलाज | 11 Dec 2017
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय सरकार की स्वास्थ्य योजना (Central Government Health Scheme - CGHS) के तहत उपचार प्रक्रिया को आसान बनाने के उद्देश्य से एक और अहम् कदम उठाया गया है। अब लाभार्थियों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में इलाज़ कराने के लिये अनुमति पत्र (रेफरल लेटर) की आवश्यकता नहीं होगी।
प्रमुख बिंदु
- स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक नए आदेश के अनुसार, अब सी.जी.एच.एस. लाभार्थियों को इसकी की रेट-लिस्ट के तहत विशिष्ट उपचार प्रक्रियाओं वाले सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में इलाज कराने की अनुमति होगी।
- उन्हें किसी भी अन्य अनुमति पत्र के बिना केंद्र सरकार/राज्य सरकार के विशेषज्ञ अस्पतालों या सी.जी.एच.एस. मेडिकल ऑफिसर द्वारा सलाह प्रदान की जाएगी।
- इन नए आदेशों को 9 नवंबर, 2017 को केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों को जारी कर दिया गया है।
- बिज़नेस स्टैंडर्ड समाचार पत्र द्वारा प्रदत्त जानकारी के मुताबिक, निजी पैनलों वाले अस्पतालों द्वारा पेंशनभोगियों, पूर्व सांसदों, स्वतंत्रता सेनानियों, मंत्रालय के नियमित कर्मचारियों तथा सी.जी.एच.एस. लाभार्थियों की अन्य श्रेणियों (जो वर्तमान में क्रेडिट सुविधा के लिये पात्र है) के संबंध में कैशलेस आधार पर उपचार किया जाएगा।
पृष्ठभूमि
- इससे पूर्व सी.जी.एच.एस. मेडिकल ऑफिसर्स के परामर्श के अनुसार, केंद्र सरकार के कर्मचारी/पेंशनर या उनके आश्रित ही सी.जी.एच.एस. अनुमोदित अस्पतालों में जाँच और चिकित्सकीय उपचार प्राप्त करते थे।
- एक प्रक्रिया के भाग के रूप में, पहले किसी भी व्यक्ति को एक स्थानीय डिस्पेंसरी से परामर्श लेना होता था, जहाँ से रोगी को एक बड़े सरकारी अस्पताल में भेजा जाता था।
- इस रेफरल के लिये उसे एक विशेषज्ञ की अनुमति लेनी होती थी। उस अनुमति के लिये आवश्यक कागज़ी कार्रवाही किये जाने के पश्चात् आगे के उपचार के लिये व्यक्ति को सी.जी.एच.एस. के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पताल में भेजा जाता था।
नई प्रक्रिया के तहत
- नए आदेशों में यह भी कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों की सेवा के लिये सरकारी विशेषज्ञ या सी.जी.एच.एस. मेडिकल ऑफिसर द्वारा जारी किये गए परामर्श-पत्र के मूल रूप के साथ-साथ संलग्न मंत्रालय/विभाग/कार्यालय की प्रतिपूर्ति हेतु चिकित्सकीय दावे को भी प्रस्तुत किया जाएगा।सी.जी.एच.एस. के तहत उपलब्ध सुविधाओं में ओपीडी उपचार को भी शामिल किया गया है।
- इसके अतिरिक्त इसके अंतर्गत दवाइयों संबंधी मामलों, पॉलीक्लिनिक्स/सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ परामर्श, सरकारी और अनुक्रमित निजी अस्पतालों में आंतरिक उपचार तथा सरकार और पैनल में निदान केंद्रों पर जाँच जैसे पक्षों को शामिल किया गया है।