अंतर्राष्ट्रीय संबंध
बाल श्रम (निषेध और नियमन) संशोधन नियम, 2017 अधिसूचना
- 12 Jun 2017
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संदर्भ
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा 2 जून को बाल श्रम (निषेध और नियमन) नियम, 2017 को अधिसूचित किया गया। बाल श्रम (निषेध और नियमन) अधिनियम, 2016 में कुछ कमियाँ होने के कारण इस अधिनियम में संशोधन प्रस्तुत किया गया है। वस्तुत: नए कानून को ज़्यादा प्रगतिशील बनाने की कोशिश की गई है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- श्री सत्यर्थी समेत विभिन्न बाल अधिकार कार्यकर्त्ताओं ने पिछले साल जुलाई में पारित 2016 के कानून की आलोचना की थी, जिसमें खतरनाक व्यवसायों की संख्या को 83 से घटाकर तीन कर दी गई और बच्चों को पारिवारिक उद्यमों में काम करने से नहीं रोका गया था।
- यहाँ तक कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और यूनिसेफ़ जैसी अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने भी 2016 के कानून में कुछ खामियों को लेकर आलोचना की थी।
- अब सरकार बाल श्रम की वैश्विक जांच के लिये भी सहमत हो गई है।
- नया कानून बाल श्रम पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के सम्मेलनों की पुष्टि भी करता है।
क्या हैं नए बदलाव?
- बच्चे अब स्कूल के बाद केवल तीन घंटे ही पारिवारिक उद्यमों में मदद कर सकेंगे।
- बच्चे सायं 7 और सुबह 8 बजे के बीच पारिवारिक उद्यमों में मदद नहीं कर सकेंगे।
- यह उन परिस्थितियों को भी निर्धारित करता है, जिनमें बच्चे अपने परिवारों को सहायता प्रदान करेंगे।
- बच्चे या किशोरों को एक कलाकार के रूप में एक दिन में केवल 5 घंटे और बिना आराम के 3 घंटे तक काम करने की अनुमति दी गई है।
- किसी भी ऑडियो-विज़ुअल मीडिया निर्माता या किसी वाणिज्यिक व्यवसाय जिसमें बच्चे या किशोरों की भागीदारी हो, ऐसा करने हेतु हर छ: महीने में ज़िला मजिस्ट्रेट से अनुमति प्राप्त करनी होगी।
- किसी भी बच्चे या किशोर को बिना उसकी इच्छा और सहमति के किसी भी ऑडियो विजुअल और स्पोर्ट्स जैसी गतिविधियों में भाग लेने के लिये नहीं कहा जाएगा।