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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

उत्तरी आयरलैंड संघर्ष

  • 17 Feb 2024
  • 13 min read

प्रिलिम्स के लिये:

उत्तरी आयरलैंड संघर्ष, गणतंत्रवादी और संघवादी, प्रथम विश्व युद्ध, गुड फ्राइडे समझौता

मेन्स के लिये:

उत्तरी आयरलैंड संघर्ष, अंतर्राष्ट्रीय संबंध और भारत पर प्रभाव

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

हाल ही में एक आयरिश एकीकरण समर्थक नेता ने राजनीतिक गतिरोध के बावजूद, इस क्षेत्र के गहन विभाजन को दर्शाते हुए, उत्तरी आयरलैंड के पहले राष्ट्रवादी प्रथममंत्री के रूप में पद ग्रहण करके इतिहास रच दिया।

  • इस निर्णय से सुलह और समावेशी प्रशासन की ओर एक बदलाव की शुरुआत की जा सकती है।

उत्तरी आयरलैंड कैसे अस्तित्व में आया?

  • 'द ट्रबल्स':
    • उत्तरी आयरलैंड 30 वर्ष के गृहयुद्ध (1968-1998) का स्थल था, जिसे रिपब्लिकन और संघवादियों के बीच 'द ट्रबल्स' के रूप में जाना जाता था, जिसमें 3,500 से अधिक लोग मारे गए थे। 
    • इसका एक धार्मिक पहलू भी था, जिसमें रिपब्लिकन ज्यादातर कैथोलिक थे और संघवादी बड़े पैमाने पर प्रोटेस्टेंट थे।
    • उत्तरी आयरलैंड पूर्व में उल्स्टर प्रांत का हिस्सा था, जो आधुनिक आयरलैंड के उत्तर में स्थित है। 
  • प्रोटेस्टेंट और आयरिश कैथोलिकों के बीच संघर्ष:
    • प्रोटेस्टेंट और आयरिश कैथोलिकों के बीच संघर्ष की जडें 1609 तक पहुँची, जब किंग जेम्स-I ने प्रवास की एक आधिकारिक नीति शुरू की, जिसमें इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के लोगों को अपने विभिन्न बागानों में काम करने के लिये उल्स्टर जाने के लिये प्रोत्साहित किया गया। 
    • प्रोटेस्टेंट और कैथोलिकों के बीच उस समय यूरोप के अधिकांश भागों में जो धार्मिक युद्ध चल रहा था, उल्स्टर ने भी उसका अनुभव किया। 
    • हालाँकि, एक बहुत मज़बूत प्रतिरोध धीरे-धीरे बढ़ रहा था, उस समय आयरलैंड इंग्लैंड के शासन के अधीन था। 
  • औपनिवेशिक अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ प्रतिरोध:
    • औपनिवेशिक अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ बढ़ते प्रतिरोध, विशेष रूप से 1845 के आलू के अकाल के बाद, जहाँ बीमारी एवं भुखमरी के कारण 1 मिलियन से अधिक आयरिश लोग मारे गए, ने इन सांप्रदायिक और धार्मिक मतभेदों को मज़बूत किया।
    • अंत में, 1916 में, प्रथम विश्व युद्ध के मध्य में, ईस्टर सप्ताह के दौरान, आयरलैंड ने आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (IRA) के नेतृत्व में औपनिवेशिक शासन के खिलाफ युद्ध शुरू किया। 
  • उत्तरी आयरलैंड का गठन:
    • एक रक्तिम संघर्ष के बाद, यह वर्ष 1921 की आंग्ल-आयरिश संधि के साथ इंग्लैंड से स्वतंत्रता प्राप्त करने में सक्षम था।
    • यद्यपि, आयरलैंड दो क्षेत्रों में विभाजित हो गया था। चूँकि उल्स्टर में प्रोटेस्टेंट बहुमत में थे, आयरलैंड की 32 काउंटियों में से छह ब्रिटेन के साथ रहीं, जिससे उत्तरी आयरलैंड का क्षेत्र बना।

उत्तरी आयरलैंड में राजनीतिक गतिरोध की पृष्ठभूमि क्या है?

  • उत्तरी आयरलैंड में राजनीतिक गतिरोध ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन और आयरलैंड द्वीप के बीच सीमा नियंत्रण के कार्यान्वयन पर असहमति से उत्पन्न हुआ।
  • जब संयुक्त राष्ट्र (ब्रिटेन) ने यूरोपीय संघ छोड़ दिया, तो संयुक्त राष्ट्र (ब्रिटेन) के हिस्से के रूप में उत्तरी आयरलैंड, यूरोपीय संघ के सदस्य राज्य, आयरलैंड गणराज्य के साथ भूमि सीमा वाला एकमात्र प्रांत बन गया।
  • इस मुद्दे को संबोधित करने के लिये, संयुक्त राष्ट्र (ब्रिटेन) और यूरोपीय संघ ने ब्रेक्सिट समझौते के हिस्से के रूप में उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल तैयार किया। इस प्रोटोकॉल का उद्देश्य व्यापार सीमा को आयरिश बंदरगाहों में स्थानांतरित करके, उत्तरी आयरलैंड और शेष संयुक्त राष्ट्र (ब्रिटेन) के बीच प्रभावी ढंग से एक समुद्री सीमा बनाकर उत्तरी आयरलैंड तथा आयरलैंड गणराज्य के बीच एक दुरूह सीमा के पुन: परिचय को रोकना था।
  • हालाँकि, यह व्यवस्था विवादास्पद थी, विशेष रूप से डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (DUP) के लिये, जिसने ब्रिटेन के भीतर उत्तरी आयरलैंड की स्थिति को कमज़ोर करने और गुड फ्राइडे समझौते के सिद्धांतों का उल्लंघन करने पर आपत्ति जताई थी।
    • उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल पर DUP की आपत्ति के कारण उन्हें सत्ता-साझाकरण सरकार से हटना पड़ा, क्योंकि उनका मानना था कि प्रोटोकॉल ने संयुक्त राष्ट्र (ब्रिटेन) के भीतर उत्तरी आयरलैंड की स्थिति को खतरे में डाल दिया है और गुड फ्राइडे समझौते के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है, जिसमें सीमापार माल तथा लोगों की मुक्त आवाजाही पर ज़ोर दिया गया है। 
  • अंततः गतिरोध का समाधान सीमा नियंत्रण और संयुक्त राष्ट्र (ब्रिटेन) के भीतर उत्तरी आयरलैंड की स्थिति के संबंध में आश्वासनों पर पुनर्विचार के माध्यम से आया, जिससे DUP सरकार में लौटने के लिये सहमत हो गई।

गुड फ्राइडे समझौता क्या है?

  • परिचय:
    • बेलफास्ट समझौते के रूप में प्रचलित गुड फ्राइडे समझौता उत्तरी आयरलैंड में 10 अप्रैल, 1998 को हस्ताक्षरित एक ऐतिहासिक शांति संधि है।
    • इसका उद्देश्य दशकों से इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाले हिंसा और संघर्ष को समाप्त करना था, विशेषकर उस अवधि के दौरान जिसे "द ट्रबल" के रूप में जाना जाता था।
  • प्रमुख प्रावधान:
    • शक्ति का साझाकरण: इस समझौते ने उत्तरी आयरलैंड में एक विकसित सरकार की स्थापना की, जिसमें शक्तियाँ संघवादियों (जो आम तौर पर चाहते थे कि उत्तरी आयरलैंड यूनाइटेड किंगडम का हिस्सा बना रहे) और गणतंत्रवादियों (जो आम तौर पर आयरलैंड के साथ पुनरेकीकरण चाहते हैं) के बीच साझा की गई। इस शक्ति-साझाकरण व्यवस्था का उद्देश्य उत्तरी आयरलैंड की शासन व्यवस्था में दोनों समुदायों की भूमिका सुनिश्चित करना था।
    • सहमति सिद्धांत: इसने सहमति के सिद्धांत को मान्यता दी, जिसका अर्थ है कि उत्तरी आयरलैंड की दर्जे में यहाँ के अधिकांश लोगों की सहमति के बिना कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इस प्रावधान ने जनमत संग्रह के माध्यम से आयरलैंड के साथ पुनरेकीकरण की संभावना को बल दिया, लेकिन यह केवल तभी संभव था जब उत्तरी आयरलैंड के अधिकांश लोग इसके पक्ष में हों।
    • मानवाधिकार: इस समझौते में उत्तरी आयरलैंड के सभी नागरिकों (किसी भी पृष्ठभूमि अथवा राजनीतिक मान्यता वाले) के लिये मानवाधिकार और समता के महत्त्व पर विशेष बल दिया गया।
    • हथियारों पर पाबंदी लगाना: हालाँकि, इस समझौते में स्पष्ट रूप से अर्द्धसैनिक समूहों के तत्काल निरस्त्रीकरण को अनिवार्य नहीं किया गया था, लेकिन इसने इस प्रकार के समूहों द्वारा रखे गए हथियारों पर पाबंदी लगाने की एक प्रक्रिया निर्धारित की। समझौते के अन्य पहलुओं तथा इस प्रक्रिया का कार्यान्वयन एक साथ होना था।
    • सीमा-पार सहयोग: समझौते ने उत्तरी आयरलैंड और आयरलैंड गणराज्य के साथ-साथ यू.के. व आयरलैंड के बीच व्यापक रूप से सहयोग एवं सामंजस्य को प्रोत्साहित किया। इसने सीमा-पार आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा दिया, जबकि दोनों राज्यों की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता को भी मान्यता दी।

उत्तरी आयरलैंड के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • अवस्थिति और भूगोल: उत्तरी आयरलैंड, आयरलैंड द्वीप के उत्तरपूर्वी चतुर्थांश में अवस्थित है। यह दक्षिण और पश्चिम में आयरलैंड गणराज्य के साथ सीमा साझा करता है, जबकि आयरिश सागर इसे पूर्व और दक्षिण-पूर्व में इंग्लैंड तथा वेल्स से अलग करता है एवं उत्तरी चैनल इसे स्कॉटलैंड से उत्तर-पूर्व में अलग करता है। 
  • राजनीतिक स्थिति: उत्तरी आयरलैंड इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स के साथ संयुक्त राष्ट्र (ब्रिटेन) का एक घटक देश है। यह एक संप्रभु राज्य नहीं है बल्कि संयुक्त राष्ट्र (ब्रिटेन) के ढाँचे के भीतर इसकी अपनी विकसित सरकार है।
  • राजधानी और प्रमुख शहर: उत्तरी आयरलैंड की राजधानी बेलफास्ट है, जो जहाज़ निर्माण सहित समृद्ध औद्योगिक इतिहास रखने वाला एक आधुनिक शहर है। अन्य प्रमुख शहरों में लंदनडेरी (जिसे डेरी के नाम से भी जाना जाता है) और अर्माघ शामिल हैं।
  • सांस्कृतिक योगदान: उत्तरी आयरलैंड ने विश्व संस्कृति, विशेषकर साहित्य, संगीत और कला में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। उल्लेखनीय हस्तियों में कवि सीमस हेनी और संगीतकार वान मॉरिसन शामिल हैं।
  • अर्थव्यवस्था: ऐतिहासिक रूप से जहाज़ निर्माण और कपड़ा जैसे उद्योगों पर निर्भर, उत्तरी आयरलैंड की अर्थव्यवस्था हाल के दशकों में प्रौद्योगिकी, पर्यटन एवं सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ विविधतापूर्ण हो गई है।
  • जनसांख्यिकी: उत्तरी आयरलैंड की जनसंख्या जातीयता, धर्म और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के मिश्रण के साथ विविध है। इस क्षेत्र की जनसंख्या मुख्य रूप से ईसाई है, जिसमें मुख्य रूप से प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक समुदाय निवास करते हैं।

निष्कर्ष:

  • गुड फ्राइडे समझौते की सफलता सभी हितधारकों के मतभेदों को दूर करने, विविधता को अपनाने तथा आपसी सम्मान और समझ पर आधारित साझा भविष्य का निर्माण करने की क्षमता पर निर्भर करेगी। केवल शांति और सामंजस्य के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता के माध्यम से ही उत्तरी आयरलैंड एक ऐसे समाज के रूप में अपनी क्षमता का पूरी तरह से अनुभव कर सकता है जो समृद्धि एवं एकता की दिशा में एक मार्ग प्रशस्त करते हुए अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाता है।
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