अंतर्राष्ट्रीय संबंध
कोरियाई युद्ध के 70 वर्ष
- 26 Jun 2020
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प्रीलिम्स के लिये:परमाणु अप्रसार संधि, टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस मेन्स के लिये:कोरियाई युद्ध |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर और दक्षिण कोरिया ने कोरियाई युद्ध की शुरुआत की 70 वीं वर्षगांठ को चिह्नित किया।
प्रमुख बिंदु:
- दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध के बाद दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया दो अलग देश बने। इस विभाजन के बाद से दोनों देशों ने अपनी अलग-अलग राह चुनी।
- एकीकृत कोरिया पर वर्ष 1910 से जापान का तब तक शासन रहा जब तक कि वर्ष 1945 के दूसरे विश्व युद्ध में जापानियों ने हथियार नहीं डाल दिये।
- इसके बाद सोवियत संघ की सेना ने कोरिया के उत्तरी भाग को अपने कब्ज़े में ले लिया और दक्षिणी हिस्से पर अमेरिका का कब्ज़ा हो गया।
- इसके बाद उत्तर और दक्षिण कोरिया में साम्यवाद और 'लोकतंत्र' को लेकर संघर्ष शुरू हुआ।
- जापानी शासन से मुक्ति के बाद वर्ष 1947 में अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के जरिये कोरिया को एक राष्ट्र बनाने की पहल की।
- संयुक्त राष्ट्र के आयोग की निगरानी में चुनाव कराने का फैसला लिया गया और मई 1948 में कोरिया प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्से में चुनाव हुआ।
- इस चुनाव के बाद 15 अगस्त को रिपब्लिक ऑफ कोरिया (दक्षिण कोरिया) बनाने की घोषणा की गई।
- इस बीच, सोवियत संघ के नियंत्रण वाले उत्तरी हिस्से में सुप्रीम पीपुल्स असेंबली का चुनाव हुआ, जिसके बाद सितंबर 1948 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक पीपुल्स ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) बनाने की घोषणा की गई।
- अलग देश बन जाने के बाद दोनों के बीच सैन्य और राजनीतिक विरोधाभास बना रहा, जो पूंजीवाद बनाम साम्यवाद के रूप में सामने आया।
कोरियाई युद्ध:
- दोनों देशों के बीच जून 1950 में संघर्ष शुरू हो गया। 25 जून को उत्तर कोरिया के प्रमुख किम इल सुंग ने दक्षिण कोरिया पर आक्रमण कर दिया।
- इस युद्ध में उत्तर कोरिया को जीत मिली, लेकिन अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पारित करवा लिया, जिसके बाद अमेरिका के झंडे तले 15 सहयोगी देशों की सेना दक्षिण कोरिया की मदद के लिये पहुँच गई, जिसने युद्ध की स्थिति ही बदल दी।
- अमेरिका के प्रत्यक्ष सैन्य हस्तक्षेप के कारण उत्तर कोरिया को पीछे हटना पड़ा और वह जीती हुई बाजी हार गया। उत्तर कोरिया का साथ रूसी तथा चीनी सेना ने दिया। वर्ष 1953 में यह युद्ध खत्म हुआ और दो स्वतंत्र राष्ट्र बन गए।
- अमेरिका ने इस युद्ध को लिमिटेड वॉर कहा था, क्योंकि उसने इसे कोरियाई प्रायद्वीप के आगे नहीं फैलने दिया था, लेकिन दक्षिण कोरिया में अमेरिका के 28,500 सैनिक कोरियाई युद्ध के बाद तैनात रहे।
- दूसरी ओर, उत्तर कोरिया का सबसे खास सहयोगी चीन है और दोनों देशों के बीच वर्ष 1961 में एक संधि हुई थी, जिसमें कहा गया है कि यदि चीन और उत्तर कोरिया में से किसी भी देश पर अगर कोई अन्य देश हमला करता है तो दोनों देश तुरंत एक-दूसरे का सहयोग करेंगे।
वर्तमान की गतिविधियाँ:
- हाल के वर्षों में उत्तर कोरिया ने परमाणु अप्रसार संधि (Non-Proliferation Treaty- NPT) से हटकर अपने परमाणु भंडार में वृद्धि करके अपने परमाणु कार्यक्रम को तेज़ किया है और कई बार परमाणु परीक्षण किया है।
- उत्तर कोरिया की बढ़ती मिसाइल साहसिकता का मुकाबला करने के लिये संयुक्त राज्य अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस- थाड (Terminal High Altitude Area Defence- THAAD) तैनात किया है।
- हाल ही में उत्तर कोरिया ने कासोंग स्थित अंतर-कोरियाई संपर्क कार्यालय को ध्वस्त कर दिया था, जिसे वर्ष 2018 में स्थापित किया गया था। इस इमारत ने औपचारिक राजनयिक संबंधों की अनुपस्थिति में, एक वास्तविक दूतावास के रूप में कार्य किया और दोनों देशों के लिये एक सीधा संचार चैनल प्रदान किया।